जकार्ता, 29 अगस्त। निर्जलीकरण के कारण परेशान होने के बावजूद अरपिंदर सिंह ने आज यहां पुरूषों की त्रिकूद में 16.77 मीटर कूद लगाकर एशियाई खेलों की इस स्पर्धा में भारत को पिछले 48 वर्षों में पहला स्वर्ण पदक दिलाया।
भारत के लिये इससे पहले एशियाई खेलों की त्रिकूद में आखिरी स्वर्ण पदक 1970 में मोहिंदर सिंह गिल ने जीता था। कुल मिलाकर यह त्रिकूद में भारत का तीसरा स्वर्ण पदक है। मोहिंदर सिंह ने 1958 में पहली बार इस स्पर्धा में सोने का तमगा हासिल किया था।
राष्ट्रमंडल खेल 2014 में कांस्य पदक जीतने के बाद किसी बड़ी प्रतियोगिता में पदक नहीं जीत पाने वाले अरपिंदर ने अपने तीसरे प्रयास में सर्वश्रेष्ठ कूद लगायी।
इस 25 वर्षीय एथलीट ने कहा कि ब्रिटेन में ट्रेनिंग के कारण उनके प्रदर्शन में गिरावट आयी क्योंकि वह वहां की प्रशिक्षण विधियों से सामंजस्य नहीं बिठा पाये।
उज्बेकिस्तान के रसलान कुर्बानोव ने 16.62 मीटर कूद लगाकर रजत और चीन के शुओ काओ ने 16.56 मीटर के साथ कांस्य पदक जीता।
अरपिंदर ने हालांकि सत्र में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 17.09 मीटर से कमतर प्रदर्शन किया। उन्होंने जून में राष्ट्रीय अंतरराज्यीय चैंपियनशिप के दौरान यह दूरी हासिल की थी जिससे वह एशियाई रैंकिंग में तीसरे नंबर पर आ गये थे।
अरपिंदर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 17.17 मीटर है। वह 2014 एशियाई खेलों में पांचवें स्थान पर रहे थे।
पंजाब के इस एथलीट ने कहा कि वह राष्ट्रीय रिकार्ड तोड़ने के लक्ष्य से एशियाई खेलों में आये थे। यह रिकार्ड रंजीत माहेश्वरी (17.30 मीटर) के नाम पर है।
अरपिंदर ने कहा, ‘‘स्वर्ण पदक जीतना अच्छा है लेकिन मैं राष्ट्रीय रिकार्ड से बेहतर प्रदर्शन करना चाहता था। तीन कूद के बाद ही मैं निर्जलीकरण का शिकार हो गया था जिसके कारण इसके बाद मैंने फाउल किये। प्रदर्शन में उतार चढ़ाव आता रहता है। ’’
उन्होंने कहा कि 2014 ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों के बाद उन्हें मुश्किल दौर से गुजरना पड़ा।
अरपिंदर ने कहा, ‘‘मैं जान हरबर्ट की देखरेख में अभ्यास के लिये ब्रिटेन चला गया था। इससे हालांकि मेरी फार्म गड़बड़ा गयी। मेरी कोचिंग शैली, भोजन सब कुछ बदल गया। यहां तक कि मौसम भी भिन्न था जिससे मेरा प्रदर्शन खराब हो गया। मैं अपने लिये खुद खाना बनाता था और सात किमी साईकिल चलाकर अभ्यास स्थल जाता था।’’
इसी स्पर्धा में भाग ले रहे भारत के एक अन्य एथलीट ए वी राकेश बाबू 16.40 मीटर की कूद लगाकर छठे स्थान पर रहे।attacknews.in