मुंबई/नईदिल्ली ,19 नवंबर ।राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी और शिव सेना के बीच सरकार बनाने के लिए खींचतान के बीच इशारों इशारों में नसीहत दी है कि आपस में लड़ने से दोनों को हानि होगा और स्वार्थ बहुत खराब है लेकिन लोग इसे छोड़ते नहीं हैं।
शिवसेना का रवैया हठी: बापट
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद गिरीश भालचंद्र बापट ने कहा कि शिवसेना परिवार के हठी रवैये के कारण ही राज्य में अब तक सरकार का गठन नहीं हो सका है और उसकी श्री आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने की मांग कतई जायज नहीं थी।
श्री बापट ने कहा कि श्री आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाया जाना किसी भी तरीके से तर्कसंगत नहीं था क्योंकि उन्हें राजनीतिक अनुभव में कमी है और वह परिपक्व भी नहीं है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा और शिव सेना ने मिलकर चुनाव लड़ा था लेकिन चुनाव बाद शिवसेना का मुख्यमंत्री पद मांगना जायज नहीं है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में शिव सेना अलग विचारधारा वाली पार्टियों कांग्रेस तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से सरकार बनाने के लिए बातचीत कर रही है जो किसी भी सूरत में संभव नहीं दिखता क्योंकि कांग्रेस की सोच हमेशा शिवसेना से भिन्न रही है।
शिवसेना और महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के उत्तर भारतीयों पर हमले और उनके साथ मारपीट की घटनाओं से जुड़े एक सवाल पर श्री बापट ने कहा कि इस तरह के हमले गलत हैं और इन दोनों पार्टियों ने जो रास्ता पकड़ा है, वह उचित नहीं है। उत्तर भारतीय लोगों पर हमले से कुछ हासिल नहीं होने वाला है और ऐसा करके महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना नेता राज ठाकरे सिर्फ सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का प्रयास करते हैं। अगर वह इतने ही लोकप्रिय नेता हैं तो उन्हें चुनाव लड़ना चाहिए लेकिन इस बात का समर्थन जरूर किया कि रोजगार के मामलों में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए।
पिछले आम चुनाव में महाराष्ट्र की पुणे लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी गिरीश भालचंद्र बापट ने कांग्रेस उम्मीदवार मोहन जोशी को तीन लाख 24 हजार 628 वोटों के विशाल अंतर से मात दी थी।
शिव सेना को किस आधार पर राजग से बाहर निकाला गया: सामना
शिव सेना ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से हटाये जाने के संबंध में कहा है कि राजग से शिवसेना को हटाने के लिए उचित प्रक्रियाओं का पालन किया गया या नहीं, क्या इस तरह का कदम उठाने से पहले कोई कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
शिव सेना ने पार्टी के मुखपत्र सामना के आज के संपादकीय में लिखा है कि केन्द्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने शिव सेना को राजग से बाहर निकालने की घोषणा करते हुए कहा कि शिव सेना का संबंध कांग्रेस के साथ है, इसलिए शिव सेना को राजग से निकाला जाता है और शिव सेना सांसदों को संसद में विपक्षी खेमे में बैठाया गया।