मुम्बई/नईदिल्ली, चार नवम्बर । ‘रिपब्लिक टीवी’ के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी को 53 वर्षीय इंटीरियर डिजाइनर को कथित रूप से आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अलीबाग पुलिस की एक टीम ने गोस्वामी को यहां उनके घर से गिरफ्तार किया।
गोस्वामी को पुलिस वैन में बैठाते हुए देखा गया।
इस दौरान गोस्वामी ने दावा किया कि पुलिस ने उनके घर पर उनके साथ बदसलूकी की।
अधिकारी ने बताया कि 2018 में एक आर्किटेक्ट और उनकी मां ने कथित तौर पर गोस्वामी के रिपब्लिक टीवी द्वारा उनके बकाया का भुगतान न किए जाने के कारण आत्महत्या कर ली थी।
इस वर्ष मई में महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने आर्किटेक्ट अन्वय नाइक की बेटी अदन्या नाइक की नई शिकायत के आधार पर फिर से जांच का आदेश दिये जाने की घोषणा की थी।
देशमुख ने बताया था कि अदन्या ने आरोप लगाया है कि अलीबाग पुलिस ने गोस्वामी के चैनल द्वारा बकाया भुगतान ना करने के मामले में जांच नहीं की। उसका दावा है कि इस कारण ही उसके पिता और दादी ने मई 2018 में आत्महत्या कर ली थी।
अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी आपातकाल की याद दिलाती है: जावड़ेकर
रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को कहा कि यह महाराष्ट्र में “प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला है” और इससे “आपातकाल के दिनों” की याद आती है।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि गोस्वामी को 53 वर्षीय एक इंटीरियर डिजाइनर को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में बुधवार को गिरफ्तार किया गया।
जावड़ेकर ने ट्वीट किया, “महाराष्ट्र में प्रेस की स्वतंत्रता पर हमले की हम निंदा करते हैं। प्रेस के साथ पेश आने का यह तरीका नहीं है। इससे आपातकाल के दिनों की याद आती है जब प्रेस के साथ इस प्रकार का व्यवहार किया जाता था।”
अलीबाग पुलिस के एक दल ने मुंबई स्थित गोस्वामी के आवास से उन्हें गिरफ्तार किया।
गोस्वामी को पुलिस वैन में धकेले जाते हुए देखा गया और उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी की।
नड्डा, केंद्रीय मंत्रियों ने अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी की आलोचना की
भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा और केंद्र सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों ने बुधवार को रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी की मुंबई पुलिस द्वारा की गई गिरफ्तारी की कटु आलोचना की।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे ‘‘सत्ता का खुल्लम-खुल्ला दुरुपयोग’’ करार दिया और कहा कि यह घटना आपातकाल की याद दिलाती है।
पुलिस ने 53 वर्षीय एक इंटीरियर डिजाइनर को कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में गोस्वामी को सुबह उनके मुंबई स्थित घर से गिरफ्तार किया।
शाह ने ट्वीट कर आरोप लगाया, ‘‘कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने एक बार फिर लोकतंत्र को कलंकित किया है। रिपब्लिक टीवी और अर्नब गोस्वामी के खिलाफ सत्ता का खुल्लम-खुल्ला दुरुपयोग व्यक्तिगत आजादी और लोकतंत्र के खैथे खम्भे पर पर हमला है।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यह घटना आपातकाल की याद दिलाता है। प्रेस की आजादी पर इस हमले का विरोध जरूर होना चाहिए और विरोध किया जाएगा।’’
नड्डा ने अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए इसे कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी निर्देशित ‘‘शर्मनाक कृत्य’’ करार दिया।
नड्डा ने ट्वीट कर कहा, ‘‘प्रत्येक व्यक्ति जो प्रेस की आजादी और अभिव्यक्ति की आजादी में विश्वास करता है वह महाराष्ट्र सरकार की दादागीरी और अर्नब गोस्वामी को प्रताड़ित करने से गुस्से में है। असहमत होने वालों की आवाज दबाने का यह सोनिया और राहुल गांधी निर्देशित कृत्य का एक और उदाहरण है। शर्मनाक!’’
महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की गठबंधन सरकार है जिसका नेतृत्व उद्धव ठाकरे कर रहे हैं।
नड्डा ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि भारत ने आपातकाल के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को माफ नहीं किया, प्रेस की आजादी पर हमले के लिए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को भी कभी माफ नहीं किया।
उन्होंने कहा, ‘‘और अब पत्रकारों के खिलाफ राज्य की सत्ता का इस्तेमाल किए जाने के लिए भारत, सोनिया और राहुल गांधी को फिर दंडित करेगा।’’
सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और विदेश मंत्री एस जयशंकर सहित कई केंद्रीय मंत्रियों ने भी ट्वीट कर अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी के लिए महाराष्ट्र सरकार को आड़े हाथों लिया।
जयशंकर ने इसे ‘‘प्रेस की आजादी पर हमला’’ बताया और ट्वीट कर कहा, ‘‘जो इस आजादी पर विश्वास करते हैं उन्हें आवाज उठानी चाहिए…।’’
प्रसाद ने गोस्वामी की गिरफ्तारी को ‘गंभीर रूप से निंदनीय, अनुचित और चिंताजनक’ करार दिया।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ‘प्रेस की आजादी का खुलेआम दमन’ कर रही है और ऐसे में भी कांग्रेस नेतृत्व चुप है।
प्रसाद ने ट्वीट किया, ‘‘वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी गंभीर तौर पर निंदनीय, अनुचित और चिंताजनक है। हमने 1975 में बेरहम आपातकाल का विरोध करते हुए प्रेस की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी थी।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने ‘संस्थानों पर हमलों के मनगढंत आरोपों के जरिये मोदी सरकार पर हमले किये हैं’ लेकिन जब महाराष्ट्र में उनकी ही सरकार प्रेस की आजादी ‘का खुलकर दमन’ कर रही है तो वे पूरी तरह चुप हैं।
प्रसाद ने इसे ‘पाखंड’ का सटीक उदाहरण भी कहा।
उन्होंने कहा, ‘‘मतभेद हो सकते हैं, बहस हो सकती है और सवाल भी पूछे जा सकते हैं। लेकिन, क्योंकि वह सवाल पूछ रहे हैं इसलिए पुलिस के अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए अर्नब गोस्वामी जैसे कद के पत्रकार की गिरफ्तारी की हम सभी को निंदा करनी चाहिए।’’
जावड़ेकर ने गोस्वामी की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में यह “प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला है” और “आपातकाल के दिनों” की याद दिलाती है।
वरिष्ठ भाजपा नेता ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कांग्रेस को भी आड़े हाथों लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस की मानसिकता “फासीवादी और आपातकाल वाली है।”
जावड़ेकर ने ट्वीट किया, “महाराष्ट्र में प्रेस की स्वतंत्रता पर हमले की हम निंदा करते हैं। प्रेस के साथ पेश आने का यह तरीका नहीं है। इससे आपातकाल के दिनों की याद आती है जब प्रेस के साथ इस प्रकार का व्यवहार किया जाता था।”
उन्होंने कहा, “सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में फासीवादी और आपातकाल की मानसिकता वाली कांग्रेस की हम निंदा करते हैं। महाराष्ट्र में यही हो रहा है।”
अलीबाग पुलिस के एक दल ने मुंबई स्थित गोस्वामी के आवास से उन्हें गिरफ्तार किया।
गोस्वामी ने दावा किया कि पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी की। उन्हें पुलिस वैन में धकेले जाते हुए देखा गया।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि 2018 में गोस्वामी के रिपब्लिक टीवी द्वारा कथित तौर पर बकाया राशि न दिए जाने पर एक आर्किटेक्ट और उनकी मां ने आत्महत्या कर ली थी।
कानून का पालन करती है महाराष्ट्र पुलिस: राउत
शिव सेना नेता संजय राउत ने रिपब्लिकन टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी को बुधवार सुबह मुंबई में पुलिस हिरासत में लिये जाने का बचाव करते हुए कहा राज्य पुलिस कानून का पालन करती है।
पुलिस ने आज सुबह अर्नब गोस्वामी को हिरासत में लिया है।
श्री राउत ने अर्नब के हिरासत में लिये जाने पर कहा महाराष्ट्र पुलिस कानून का पालन करती है। पुलिस के पास यदि किसी के खिलाफ कोई सबूत है तो वह उस पर कार्रवाई कर सकती है।
उन्होंने कहा कि जब से राज्य में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में सरकार आई है किसी के खिलाफ कोई बदले की कार्रवाई नहीं की गई है।