कोटला 5 दिसम्बर। कोटला के रहने वाले 55 वर्षीय धर्मवीर पांच साल पहले यानि 2012 में हिंदू धर्म को छोड़कर इस्लाम अपना को अपनाने वाले मोहम्मद शहजाद ने एक बार फिर से हिंदू धर्म को अपना लिया है। लेकिन इस बीच उन्होंने अपने इस्लाम कुबूल कर लेने के बाद अपने साथ हुए मामले के बारे में बताया कि उनके परिवार को मुस्लिम लोगों द्वारा लगातार परेशान किया जा रहा था, उन्हें कोई भी मुस्लिम मानने को तैयार ही नहीं था।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि धर्मवीर गंगोह के कोटला के रहने वाले एक कारोबारी हैं और जाट समुदाय से हैं।
उनके कहने के मुताबिक साल 2012 में उन्होंने अपने परिवार के साथ मुस्लिम धर्म को अपना लिया था। जिसके बाद उन्होंने अपना नाम धर्मवीर से मोहम्मद शहजाद, अपनी पत्नी ममता का नाम मरियम और अपनी बेटी शिवानी का नाम जैनब रखा गया था। जबकि अपने दो बेटे सौरभ और राहुल का नाम शोएब तथा राशिद रखा था। लेकिन उनका कहना है कि इस्लाम को अपनाने के बाद वो अपने आप को इस्लाम में असहज महसूस कर रहे थे। इतना ही नहीं बल्कि उनके पड़ौस में रहने वाले कुछ मुस्लिम उनके साथ अच्छा व्यवहार भी नहीं कर रहे थे। वो लोग इनको मुस्लिम मानने को तैयार भी नहीं थे। इसी लिए उनके लिए इस्लाम धर्म नर्क बन गया था।
आखिरकार उन्होंने इन सब से थक-हार कर फिर से हिंदू धर्म में अपने घर यानि हिंदू धर्म में वापसी कर ली है। और उनके काम में विश्व हिंदू परिषद और आरएसएस ने पूरा-पूरा सहयोग किया है।
उन्होंने बताया कि हिंदू परिषद और आरएसएस ने एक ‘अनुक्रिया रस्म’ का आयोजन किया। इस बारे में वीएचपी के जिलाध्यक्ष मांगेराम ने बताया कि कुछ समय पहले धर्मवीर ने उनसे संपर्क किया था और घर वापसी की इच्छा जताई थी।
बता दें कि ऑटोमोबाइल स्पेयर पार्ट्स की दुकान चलाने हुए धर्मवीर ने इस बारे में कहा कि, ‘मैंने अपने पिता विजय पाल के साथ मतभेदों के बाद 2012 में अपने परिवार के साथ इस्लाम को गले लगाने का फैसला किया था। तब से मैं इस्लाम के हर रिवाज को मानता था और पांचों वक्त की नमाज अदा किया करता था।’
उन्होंने इस बारे में आगे बताया कि ‘उनका एक पड़ोसी आसिफ उनकी बेटी को परेशान किया करता था। आखिर में परेशान होकर बेटी ने घर छोड़ दिया। इसकी शिकायत उन्होंने मुस्लिम समुदाय से की मगर किसी ने उनकी कोई मदद नहीं की। जिसके बाद इन बातों से परेशान होकर छह महीने पहले से ही परिवार ने नमाज अदा करना छोड़ दिया था।’attacknews.in