नयी दिल्ली 10 सितंबर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में लगातार वृद्धि और बढ़ती महंगाई के विरोध में कांग्रेस एवं कुछ विपक्षी दलों द्वारा आहूत बंद को विफल करार देते हुए आज कहा कि जनता का साथ नहीं मिलने से गुस्से एवं खीज में आकर विपक्ष हिंसा पर उतारू हो गया है और देश में खौफ का माहौल बना रहा है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि लोकतंत्र में विरोध का अधिकार सबके पास होता है लेकिन यह विरोध हिंसा से किया जा रहा है। देशभर में पेट्रोल पंप जलाये जा रहे हैं। बसें और कारें तोड़ी जा रही हैं। बिहार के जहानाबाद में बंद समर्थकों की भीड़ द्वारा एम्बुलेंस रोके जाने के कारण एक मासूम बच्ची की मौत हो गयी है। उन्होंने पूछा कि आखिर इस हिंसा और उस बच्ची की मौत का कौन जिम्मेदार है।
श्री प्रसाद ने कहा कि जनता बंद के साथ नहीं खड़ी है। इससे कांग्रेस और विपक्ष के लोग गुस्से में खीज कर हिंसा कर रह हैं। देश में खौफ का माहौल बनाया जा रहा है। जनता का समर्थन नहीं मिलने पर उग्रता से बंद कराया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार इस समस्या का समाधान निकालने का प्रयास कर रही है। जनता को पता है कि इस समस्या के लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है। वेनेजुएला में राजनीतिक अस्थिरता, ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध और अमेरिका में शेल गैस का उत्पादन नहीं होने के अलावा दुनिया में तेल उत्पादन में कमी आना और उससे उपलब्धता की कमी मूलत: इस संकट का कारण है। यह एक ऐसी समस्या है जिसका निराकरण हमारे हाथ में नहीं है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने महंगाई पर काबू किया है। 2014 में मुद्रास्फीति 10.4 प्रतिशत थी जो आज 4.7 प्रतिशत है। सरकार ने आयकर सहित विभिन्न करों में रियायत दी है और ग्रामीण सड़कों, ग्रामीण विद्युतीकरण, मनरेगा, खाद्य सब्सिडी आदि में खूब व्यय किया है। आयुष्मान भारत में दस करोड़ परिवारों को पांच लाख रुपए प्रतिवर्ष का स्वास्थ्य बीमा दिया जाना है। मोदी सरकार ने पांच करोड़ अति गरीबों का जीवन स्तर सुधारा है। उन्होंने कहा कि इस बारे में सार्थक बहस होनी चाहिए।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री प्रसाद ने उन्हें चुनौती देते हुए कहा कि एक महान अर्थशास्त्री डॉ. सिंह को विनम्र प्रस्ताव देते हैं कि इस बार संसद में वह आर्थिक विषय पर उन जैसे भाजपा के मामूली कार्यकर्ता से तथ्यों के आधार पर बहस कर लें। उन्होंने कहा कि हिंसा से साबित हो गया है कि बंद विफल रहा है।
पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क घटाने, राज्यों में वैट कम करने और पेट्रोलियम पदार्थों को वस्तु एवं सेवा कर में लाने के बारे में सवालों के जवाब में श्री प्रसाद ने कहा कि सरकार ने अक्टूबर 2017 में उत्पाद शुल्क में कटौती की थी। वैट कम करना राज्यों का विवेकाधिकार है तथा जीएसटी परिषद एक स्वतंत्र निकाय है जिसमें सभी राज्य सर्वानुमति से फैसला लेते हैं।attacknews.in