मुंबई, 16 अगस्त । भारत के पूर्व कप्तान कपिल देव के नेतृत्व वाली क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) ने मौजूदा कोच रवि शास्त्री को ही टीम इंडिया के कोच पद पर बनाये रखने का फैसला किया है।
भारतीय टीम के कोच पद के लिए माइक हेसन, टॉम मूडी, रॉबिन सिंह, लालचंद राजपूत, फिल सिमंस और मौजूदा कोच रवि शास्त्री होड़ में थे और सीएसी ने शास्त्री के नाम पर मोहर लगा दी। कपिल ने शुक्रवार शाम संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की।
पूर्व कप्तान कपिल देव की अगुवाई वाली क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) ने भारतीय टीम के अगले कोच के लिये प्रक्रिया शुक्रवार को शुरू की जिसके साक्षात्कार के लिये पूर्व आल राउंडर रोबिन सिंह सबसे पहले प्रस्तुत हुए। मुंबई इंडियंस के पूर्व कोच रोबिन तीन सदस्यीय पैनल के समक्ष पहुंचे जिसमें अंशुमन गायकवाड़ और शांता रंगास्वामी मौजूद थे, इसके बाद बाकी दावेदारों के साक्षात्कार लिए गए ।
इस पद के लिये मौजूदा कोच रवि शास्त्री, रोबिन, लालचंद राजपूत, माइक हेसन, टॉम मूडी, फिल सिमन्स छह नाम की छंटनी की गयी थी । इंग्लैंड में विश्व कप के बाद शास्त्री का कार्यकाल 45 दिन के लिये बढ़ाया गया था ।
रवि शास्त्री को शुक्रवार को कपिल देव की अगुवाई वाली क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) ने फिर से भारतीय टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया। सीएसी की सर्वसम्मत राय थी कि मौजूदा कोच का ‘संवाद कौशल और टीम से जुड़े मुद्दों की समझ’ अन्य से बेहतर है।
कप्तान विराट कोहली ने शास्त्री को फिर से कोच बनाये जाने का खुलकर समर्थन किया था जिससे यह फैसला तय माना जा रहा था। शास्त्री को दो साल के लिये कोच नियुक्त किया गया है और उनका कार्यकाल भारत में 2021 में होने वाले टी20 विश्व कप तक होगा।
सीएसी प्रमुख कपिल देव ने दिन भर चले साक्षात्कार के बाद पत्रकारों से कहा, ‘‘हमने सर्वसम्मति से रवि शास्त्री को भारतीय क्रिकेट टीम का (मुख्य) कोच नियुक्त करने का फैसला किया है जैसी कि आपको उम्मीद थी। ’’
तीन सदस्यीय सीएसी में पूर्व भारतीय कोच अंशुमन गायकवाड़ और पूर्व महिला कप्तान शांता रंगास्वामी भी शामिल थे।
शास्त्री का भारतीय टीम के साथ यह चौथा कार्यकाल होगा। वह बांग्लादेश के 2007 के दौरे के समय कुछ समय के लिये कोच बने थे। इसके बाद वह 2014 से 2016 तक टीम निदेशक और 2017 से 2019 तक मुख्य कोच रहे।
शास्त्री ने कोच पद की दौड़ में न्यूजीलैंड के पूर्व कोच माइक हेसन, आस्ट्रेलिया के टॉम मूडी, भारतीय टीम के अपने साथी रोबिन सिंह और लालचंद राजपूत को पीछे छोड़ा। वेस्टइंडीज और अफगानिस्तान के पूर्व कोच फिल सिमन्स निजी कारणों से कोच पद की दौड़ से हट गये थे।
रोबिन, राजपूत और हेसन साक्षात्कार देने के लिये पहुंचे थे जबकि मूडी ने आस्ट्रेलिया से स्काइप पर इंटरव्यू दिया।
कपिल ने कहा, ‘‘सभी साक्षात्कार के बाद हमने जो नंबर दिये उस आधार पर नंबर तीन टॉम मूडी थे और न्यूजीलैंड का चतुर युवा लड़का माइक हेसन नंबर दो पर थे। यह काफी करीबी मुकाबला था। ’’
इसका मतलब है कि राजपूत और रोबिन सिंह दौड़ काफी पीछे चले गये थे।
उम्मीद्वारों की मुख्य रूप से पांच मानकों पर परखा गया जिसमें कोचिंग पद्वति, अनुभव, उपलब्धियां, संवाद और आधुनिक उपकरणों का ज्ञान शामिल हैं। ‘बहुत अच्छा’ के लिये 20 अंक दिये गये जबकि ‘अच्छा’ के लिये 15 अंक मिले। औसत को दस और खराब को पांच अंक मिले।
कपिल ने कहा, ‘‘हम सभी ने अंक दिये और ईमानदारी से कहूं तो हमने आपस में यह चर्चा नहीं की कि किसने किसे कितने अंक दिये। जब हमने अंकों को जोड़ा तो यह काफी करीबी मुकाबला रहा। मैं आपको विस्तार से नहीं बताऊंगा कि कितने अंकों का अंतर रहा लेकिन यह काफी कम अंकों का अंतर था। ’’
भारत के पहले विश्व कप विजेता कप्तान ने कहा कि शास्त्री के संवाद कौशल ने उनके चयन में अहम भूमिका निभायी।
कपिल ने कहा, ‘‘वे सभी लाजवाब थे। कुछ अवसरों पर मुझे लगा कि शास्त्री संवाद कौशल में बेहतर है, बाकी सदस्यों की राय हो सकती है इसमें भिन्न हो लेकिन हमने इस पर चर्चा नहीं की। हमने प्रस्तुति सुनने के बाद सभी को अंक दिये। हम तीनों ने काफी कुछ सीखा। सभी ने अपनी प्रस्तुति के लिये कड़ी मेहनत की थी। ’’
कोहली ने वेस्टइंडीज दौरे पर रवाना होने से पहले कोच पद के लिये शास्त्री के नाम का समर्थन किया था जिसके बाद यह तय माना रहा था कि यह पूर्व भारतीय कप्तान इस पद पर बना रहेगा।
सभी उम्मीद्वारों में शास्त्री का रिकार्ड शानदार था। उनके कोच रहते हुए भारतीय टीम टेस्ट रैंकिंग में नंबर एक स्थान पर पहुंची और उसने 71 वर्षों में पहली बार आस्ट्रेलिया को उसकी सरजमीं पर हराया।
उनकी अगुवाई में हालांकि भारत आईसीसी टूर्नामेंट नहीं जीत पाया तथा उसे 2015 और 2019 के विश्व कप में निराशा हाथ लगी। कपिल देव की अगुवाई वाली समिति को हालांकि यह बड़ा कारण नहीं लगा।
अनिल कुंबले की जगह जुलाई 2017 में कोच पद संभालने के बाद रवि शास्त्री का रिकार्ड शानदार रहा। इस बीच भारत ने 21 टेस्ट मैचों में से 11 में जीत दर्ज की। उसने 60 वनडे में 43 अपने नाम किये तथा 36 टी20 अंतरराष्ट्रीय में से 25 में जीत हासिल की
गायकवाड़ को लगता है कि शास्त्री भारतीय टीम की बहुत अच्छी समझ रखते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘असल में वर्तमान कोच होने के कारण वह खिलाड़ियों को अच्छी तरह से समझते हैं, टीम की समस्याओं से अवगत है और जानते हैं कि इसके लिये क्या करना है। ’’
इस पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि वह पूरी प्रणाली से अच्छी तरह से परिचित है। अगर कोई व्यवस्था को समझता है, खिलाड़ियों को जानता है और अच्छी तरह से संवाद स्थापित कर सकता है तो मुझे लगता है कि वह फायदे की स्थिति में रहता है।’’
कोहली के वेस्टइंडीज दौरे पर जाने से पहले खुले तौर पर शास्त्री का पक्ष लेने के बाद तय लग रहा था कि इस पूर्व कप्तान का पद बरकरार रहेगा।
कपिल से जब पूछा गया कि क्या समिति ने भारतीय कप्तान की राय जानी, उन्होंने कहा, ‘‘नहीं, क्योंकि अगर हम उनको पूछते तो पूरी टीम को पूछते। ’’
सभी उम्मीद्वारों में शास्त्री का रिकार्ड शानदार था। उनके कोच रहते हुए भारतीय टीम टेस्ट रैंकिंग में नंबर एक स्थान पर पहुंची और उसने 71 वर्षों में पहली बार आस्ट्रेलिया को उसकी सरजमीं पर हराया।
उनकी अगुवाई में हालांकि भारत आईसीसी टूर्नामेंट नहीं जीत पाया तथा उसे 2015 और 2019 के विश्व कप में निराशा हाथ लगी। कपिल देव की अगुवाई वाली समिति को हालांकि यह बड़ा कारण नहीं लगा। समिति में शांता रंगास्वामी और अंशुमन गायकवाड़ भी शामिल थे।
अनिल कुंबले की जगह जुलाई 2017 में कोच पद संभालने के बाद रवि शास्त्री का रिकार्ड शानदार रहा। इस बीच भारत ने 21 टेस्ट मैचों में से 11 में जीत दर्ज की। उसने 60 वनडे में 43 अपने नाम किये तथा 36 टी20 अंतरराष्ट्रीय में से 25 में जीत हासिल की।
कपिल ने इसके साथ ही स्पष्ट किया कि वह कोच पद की शर्तों और शास्त्री को मिलने वाले वेतन के बारे में नहीं जानते।
उन्होंने कहा साथ ही साक्षात्कार पूर्व के प्रदर्शन पर नहीं बल्कि प्रस्तुति और भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाने को लेकर उनकी सोच पर आधारित थे। गायकवाड़ ने भी कहा कि प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी रही।
कपिल ने शास्त्री की प्रस्तुति के बारे में बताने से इन्कार कर दिया जिन्होंने एंटीगा से वीडियो कॉल के जरिये साक्षात्कार दिया। वह साक्षात्कार देने वाले अंतिम उम्मीद्वार थे।
कपिल ने कहा, ‘‘यह गोपनीय है। उन्होंने पिछले दो साल में जो हासिल किया और वह कैसे भारतीय टीम को आगे ले जा सकते हैं, इस आधार पर अपनी प्रस्तुति दी। उन्होंने इस टीम को मजबूत बनाने के लिये बोर्ड से और समय मांगा।’’