जयपुर, छह अगस्त ।राजस्थान उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने संबंधी मामले में एकल न्यायाधीश के फैसले के खिलाफ एक भाजपा विधायक और बहुजन समाज पार्टी द्वारा दायर अपीलों का बृहस्पतिवार को निपटारा कर दिया। न्यायालय ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायकों काे कांग्रेस में शामिल करने के मामले में एकल पीठ के नोटिस आठ अगस्त तक तामील करवाने के निर्देश दिये हैं।
भाजपा विधायक मदन दिलावर और बसपा के राष्ट्रीय सचिव सतीश मिश्रा ने एकल पीठ के आदेश के खिलाफ अपील करते हुए मंगलवार को खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया था।
दोनों पक्षों ने इससे पहले विधानसभाध्यक्ष सीपी जोशी के सितंबर 2019 के फैसले को चुनौती देते हुए रिट याचिकाएं दायर की थीं जिसमें बसपा के छह विधायकों को कांग्रेस में विलय करने की अनुमति दी गई थी।
न्यायमूर्ति महेंद्र कुमार गोयल की एकल पीठ ने विधानसभा अध्यक्ष और सचिव और छह विधायकों को 30 जुलाई को नोटिस जारी किया था तथा उन्हें 11 अगस्त को जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।
हालांकि पीठ ने कोई अंतरिम राहत प्रदान नहीं की थी और बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस विधायकों के रूप में सदन की कार्यवाही में भाग लेने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती और न्यायमूर्ति प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने अपील पर बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस जारी किया था। लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया।
उनके वकील कपिल सिब्बल ने अदालत में दलील दी कि खंड पीठ में अपील विचार करने योग्य नहीं है।
सिब्बल ने यह भी कहा कि किसी भी विधायक को नोटिस दिए जाने के लिए विधानसभाध्यक्ष कार्यालय का इस्तेमाल डाकघर के रूप में नहीं किया जा सकता है।
इस पर पीठ ने जैसलमेर के जिला न्यायाधीश के माध्यम से नोटिस भेजने और उन्हें जैसलमेर और बाड़मेर के दो समाचार पत्रों में प्रकाशित करने का निर्देश दिया।
पीठ ने कहा कि एकल पीठ 11 अगस्त को भाजपा और बसपा की अपील पर सुनवाई करेगी।
मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत मोहंती और प्रकाश गुप्ता ने बसपा की तरफ से दायर याचिका का निस्तारण करते हुए नोटिस विशेष संदेशवाहक के जरिए जैसलमेर के जिला न्यायाधीश को भेजने के निर्देश दिये। जरुरत पड़ने पर वह पुलिस अधीक्षक की मदद ले सकेंगे। इसके अलावा यह नोटिस राजस्थान पत्रिका के बाड़मेर जैसलमेर, संस्करण में भी प्रकाशित करवाने के निर्देश दिये, जहां एक पांच सितारा होटल में बसपा के छह विधायकों के ठहरने की बात की जा रही है।
न्यायालय ने एकल पीठ को छह बसपा विधायकों के कांग्रेस में शामिल करने के विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के फैसले पर रोक लगाने के मामले के प्रार्थनापत्र पर 11 अगस्त को सुनवाई करके फैसला करने के भी आदेश दिये हैं। बसपा ने याचिका दायर की है कि जिसमें न्यायालय में मामले के लम्बित रहते उसके छह विधायकों को फ्लोर टेस्ट में मतदान करने पर रोक लगाने की गुजारिश की गयी है।
18 सितम्बर 2019 को छह बसपा विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के विधानसभा अध्यक्ष के फैसले पर सुनवाई के लिये भाजपा विधायक मदन दिलावर की याचिका को न्यायालय ने खारिज करके नया प्रार्थनापत्र लगाने के निर्देश दिये थे। बसपा की तरफ से भी नये सिरे से याचिका दायर की गयी।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के विधायकों की जैसलमेर में एक होटल में बाड़ेबंदी के चलते नोटिस तामील नहीं हो पा रहे थे।
मंत्रियों ने कहा, न्यायालय का सम्मान करेंगे
जैसलमेर,से खबर है कि,राजस्थान में जारी राजनीतिक घमासान के बीच आज राजस्थान उच्च न्यायालय के बसपा विधायकों को नोटिस तामील करने के आदेश पर प्रतिक्रिया करते हुए जैसलमेर में मौजूद स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल, खान मंत्री प्रमोद जैन भाया एवं अन्य मंत्रियों ने किसी तरह की टिप्पणी करने से इन्कार करते हुए कहा कि वे न्यायपालिका का सम्मान करेंगे।
मंत्रियों ने यह भी कहा कि न्यायालय का निर्णय जो भी होगा उससे सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि सरकार के पास पूर्ण बहुमत है और जरूरत से भी अधिक बल मौजूद है।