जयपुर 11 अगस्त । राजस्थान में कांग्रेस आलाकमान की पहल पर सुलह करने वाले सचिन पायलट के कांग्रेस से वापस जुड़ने पर अब यहां का सियासी संकट खत्म हो गया है।
श्री पायलट के साथ गये 18 विधायकों में से तीन निर्दलीय विधायकों ने भी आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात कर उनके प्रति विश्वास व्यक्त किया है।
श्री पायलट के साथ रहे भंवर लाल शर्मा ने भी श्री गहलोत के नेतृत्व विश्वास किया है तथा सियासी संकट खत्म होने का दावा किया है।
श्री पायलट भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी कांग्रेस नेता प्रियंका एवं राहुल गांधी से मुलाकात के बाद यह कह चुके है कि बगावत जैसी कोई बात नहीं थी कुछ मुद्दे आलाकमान के सामने रखे जाने थे जो अब बातचीत के बाद सुलझ गये हैं।
श्री गहलोत ने भी बागी विधायकों के लौटने पर प्रसन्नता व्यक्त करने के साथ उन्हें गले लगाने का भरोसा दिलाया है।
श्री गहलोत आज जैसलमेर में हैं जहां पहले से ठहरे मंत्रियों एवं विधायकों से बातचीत करेंगे। 14 अगस्त से शुरु हो रहे विधानसभा सत्र में भी अब श्री गहलोत को बहुमत साबित करने की कोई चुनौती नहीं है तथा वह अपना कार्यकाल आराम से पूरा कर सकेंगे।
बेहतर भारत के लिए काम करता रहूंगा-पायलट
उधर पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी एवं महासचिव प्रियंका गांधी तथा पार्टी काे उनकी बात सुनने पर धन्यवाद देते हुए कहा है कि वह अपने विश्वास पर दृढ़ हैं और बेहतर भारत के लिए काम करते रहेंगे।
राज्य में पिछले एक महीने से चल रहे सियासी संकट में श्री पायलट ने पार्टी आलाकमान से बातचीत के बाद सोशल मीडिया पर यह बात कही।
उन्होंने कहा कि वह श्रीमती गांधी, श्री राहुल गांधी एवं प्रियंका गांधी एवं कांग्रेस पार्टी को धन्यवाद देना चाहेंगे, जिन्होंने हमारी शिकायतों पर ध्यान दिया।
उन्होंने कहा कि वह अपने विश्वास में दृढ़ हैं और एक बेहतर भारत के लिए काम करते रहेंगें, ताकि राजस्थान के लोगों से किए गए वादों को पूरा तथा लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा की जा सके।
उधर श्री पायलट ने मीडिया के साथ अपने एक साक्षात्कार में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के उन्हें निकम्मा बताने के सवाल पर कहा कि उन्होंने श्री गहलोत के साथ मिलकर संघर्ष किया है। राजनीति में भाषा मर्यादित एवं बयानबाजी सोच समझकर की जानी चाहिए। कोई आदमी पार्टी से बड़ा नहीं होता और काम करने वाले को सम्मान मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान तक अपनी बात पहुंचाई हैं ।
मैंने किसी पद की मांग नहीं की : पायलट
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने पार्टी से किसी पद की मांग नहीं की है। इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि पार्टी आलाकमान द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति जल्द ही अपना काम शुरू करेगी।
लगभग एक महीने बाद जयपुर पहुंचे पायलट ने अपने निवास पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरे बारे में व्यक्तिगत रूप से कुछ ऐसी बातें बोली गईं जिनको मैं उचित नहीं मानता था। जिन शब्दों का प्रयोग हुआ, जिस शब्दावली का इस्तेमाल किया गया, उसे सुनकर मुझे दुख भी हुआ, आश्यर्च भी हुआ और पीड़ा भी हुई।’’
पायलट ने कहा, ‘‘इन सब के बावजूद मैंने यह समझा कि राजनीति में अगर कोई उदाहरण स्थापित करना है… संवाद में शालीनता, विनम्रता अगर हमें रखनी है..अगर आने वाली पीढी के लिए उदाहरण स्थापित करना है तो मैंने वो घूंट पीकर भी कभी जवाब नहीं दिया। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि हमलोग इंसान नहीं हैं।’’
उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति की भावना आहत हो सकती है लेकिन बावजूद उनके सभी साथियों ने यह निर्णय लिया कि हम लोग अपनी बात कांग्रेस पार्टी के अंदर रखेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी, प्रियंका गांधी ने हमारी बातों को सुना।
उन्होंने कहा कि हमने विभिन्न मुद्दों को विस्तार से रखा, चाहे वे मुद्दे नेतृत्व के हों, कार्यशैली के हों, जनता के प्रति अपने काम को और गति देने के हों, विकास के हों, कार्यकर्ताओं की भागीदारी के हों, मान—सम्मान के हो, प्रतिष्ठा के हों या आत्मसम्मान के हों।
उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की एक उच्च स्तरीय कमेटी बनी है जो समयबद्ध तरीके से इन सभी समस्याओं का समाधान करने के लिये नियुक्त की गई है। उन्हें पूरा विश्वास है कि बहुत जल्द यह कमेटी अपना काम चालू करेगी और सारी बातों को सुनने के बाद जो न्याय संगत होगा, उस पर कार्रवाई करेगी।
राजस्थान में सुलह भाजपा को करारा जवाब: कांग्रेस
कांग्रेस ने राजस्थान प्रदेश इकाई में कई दिनों से जारी विवाद के सुलझने पर प्रदेश की जनता को बधाई देते हुए इसे पार्टी आलाकमान के सबको साथ लेकर चलने की नीति का परिणाम बताया और कहा कि यही भारतीय जनता पार्टी को करारा जवाब है।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मंगलवार को नईदिल्ली में जारी बयान में कहा कि प्रदेश कांग्रेस नेताओं के बीच चल रहे विवाद से लगातार संकट बढ़ रहा था लेकिन कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तथा महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के सबको साथ लेकर चलने और पार्टी में सबकी भावनाओं का आदर करने की नीति के कारण इस विवाद का हल निकला है।