जयपुर 27 जुलाई । राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य में लोकतंत्र को बचाने के लिए लडी जा रही जंग में आज देश के करोडो लोगों ने राजभवनों के बाहर प्रदर्शन कर तानाशाहीपूर्ण रवैये का विरोध किया।
श्री गहलोत ने आज यहां एक पंच सितारा होटल में विधायक दल की बैठक को संबोधित करते हुये कहा कि राजस्थान में चल रहे सियासी जंग को कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्षा सोनिया गांधी द्वारा राष्ट्रीय रूप देने के लिए आभार व्यक्त करते हुये कहा लोकतंत्र को बचाने के लिए देश भर में यह जो संकल्प व्यक्त किया वह बहुत बडी उपलब्धी थी।
उन्होंने कहा आज राज्य में जो चल रहा है वह 70 वर्षो में नहीं हुआ। उन्होंने कहा राज्यपाल महोदय का जो दूसरा पत्र आया है उसका जबाव तैयार हो रहा है। हम सब मिलकर यह तय करेंगें कि आगे हमारी अप्रोच किस रूप में हो। उन्होेनें कहा कि स्पष्ट कानून है कि जब केबिनेट सिफारिश करती है, फाइल जाती है राज्यपाल को और हस्ताक्षकर होकर आती है।
उन्होंने विधायकों से कहा कि जैसे कोरोना के अंदर कोरोना वायरर्स कहलाते है डाक्टर लोग, डेमोक्रसी के अंदर आप लोग डेमोक्रेसी के वारियरस के रूप में हो और मैं ईमानदारी से कह सकता हूं कि दो चीजे एक डमोके्रसी के वाॅरियर्स के रूप में हो उसी रूप में देश के अंदर लोकतंत्र कायम रखा है।
श्री गहलोत ने कहा हमारे जो 19 विधायक हमसे नाराज होकर चले गये है अगर उन्होंने गलती कर दी है तो वह पार्टी अध्यक्षा से माफी मांगे, राहुल गांधी से माफी मांगे लेकिन वहां रिसोर्ट में रह रहे है। उनका अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के बाहर धरना होना चाहिये था और पार्टी अध्यक्षा से मांग करते कि मुख्यमंत्री से यह शिकायत है, मंत्रियों से शिकायत है और हमारी मांगे यह हैं। उन्होंने कहा पार्टी की परंपरा यही रही है।ृ
उन्होंने नाराज गुट के विधायकों को भारतीय जनता पार्टी के हाथ में खेलने का आरोप लगाते हुये कहा कि केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत की आॅडियों में जारी वार्ता से उनकी यह पोल खुल चुकी है।