जयपुर, 24 जुलाई ।कांग्रेस और उसके समर्थक विधायकों के राजभवन में धरना शुरू किए जाने के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार की शाम कहा कि राज्य में उल्टी गंगा बह रही है जहां सत्ता पक्ष खुद विधानसभा का सत्र बुलाना चाहता है और विपक्ष के नेता कह रहे हैं कि हम तो इसकी मांग नहीं कर रहे।
गहलोत ने राज्यपाल को संवैधानिक मुखिया बताते हुए अपने विधायकों को गांधीवादी तरीके से पेश आने की नसीहत दी। गहलोत ने उम्मीद जताई कि राज्यपाल कलराज मिश्र विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की कांग्रेस सरकार के प्रस्ताव पर जल्द ही फैसला करेंगे।
गहलोत ने राजभवन के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारी कैबिनेट ने विधानसभा का सत्र बुलाने का फैसला किया। पहल हमने की। उसका विपक्ष को भी स्वागत करना चाहिए। यही परंपरा रही है लोकतंत्र की। यहां उल्टी गंगा बह रही है, हम कह रहे हैं कि हम सत्र बुलाएंगे और अपना बहुमत सिद्ध करेंगे। कोरोना वायरस और बाकी मुद्दों पर चर्चा करेंगे।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘राज्यपाल हमारे संवैधानिक मुखिया हैं। हमने उनसे आग्रह किया। मुझे यह कहते हुए संकोच नहीं है कि बिना ऊपर के दबाव के वह इस फैसले को रोक नहीं सकते थे क्योंकि राज्य कैबिनेट का जो फैसला होता है राज्यपाल उससे बंधे होते हैं।’’
गहलोत ने कहा कि अगर राज्यपाल के कुछ सवाल हैं तो वह सचिवालय स्तर पर समाधान कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमेशा विपक्ष मांग करता है कि विधानसभा का सत्र बुलाया जाए। यहां सत्ता पक्ष कह रहा है कि विधानसभा का सत्र बुलाया जाए जहां दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। वहीं विपक्ष कह रहा है कि हम ऐसी मांग ही नहीं कर रहे। यह क्या पहेली है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि कलराज मिश्र जिनका अपना एक व्यक्तित्व है और जिनका दिल्ली में भी पक्ष-विपक्ष सम्मान करता रहा है, वह दबाव में नहीं आएंगे क्योंकि उन्होंने संवैधानिक पद की शपथ ली है।’’
गहलोत ने कहा, ‘‘जिंदगी में कई ऐसे मौके आते हैं जब उन्हें साहस से फैसले करने पड़ते हैं। हमें उम्मीद है कि जल्द अपना फैसला सुनाएंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘विधायक राजभवन में कब तक रहेंगे और धरना कब तक चलेगा। इस पर निर्भर करेगा कि राज्यपाल कब तक पत्र देते हैं और उसमें क्या लिखते हैं। उसके बाद ही कुछ फैसला करेंगे कि हमें क्या करना है।’’
जनता राजभवन का घेराव करेगी संबंधी अपने बयान पर गहलोत ने कहा, ‘‘1993 में भैंरोसिंह शेखावत ने कहा था कि अगर बहुमत मेरे पास है और हमें नहीं बुलाया गया तो राजभवन का घेराव होगा। राजभवन का घेराव होगा …यह राजनीतिक भाषा होती है। जनता को समझाने के लिए, संदेश देने के लिए।’’
गहलोत ने कहा कि कभी भैंरो सिंह शेखावत यहीं पर धरने पर बैठे थे। गहलोत ने कहा, ‘‘भाजपा के नये-नये नेता पैदा हुए हैं उन्हें कोई जानकारी नहीं। इन्हें चाहिए कि हम जैसे वरिष्ठ नेताओं से कुछ बातचीत करें और कुछ ज्ञान लें।’’
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने अपने विधायकों से आग्रह किया है कि हमें गांधीवादी तरीके से पेश आना है। गहलोत ने कहा कि राज्यपाल संवैधानिक प्रमुख हैं और हम कोई टकराव नहीं चाहते।
इससे ठीक पहले पत्रकारों को यह कहा;
जनता राजभवन काे घेरने आ गयी तो हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी-गहलोत
इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र से किसी दबाव में नहीं आकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग करते हुए चेतावनी दी कि ऐसा नहीं करने पर जनता राजभवन को घेरने आ गयी तो हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी।
एक होटल में ठहरे विधायकों के साथ राजभवन की ओर कूच करने के लिये निकले श्री गहलोत ने पत्रकारों को बताया कि सत्र बुलाने के लिये मैंने राज्यपाल को कल ही पत्र सौंप दिया था और उनसे फोन पर भी बात हुई, लेकिन इस मामले में काेइ जवाब नहीं आया।
उन्होंने कहा कि हम सभी विधायक राजभवन जाकर राज्यपाल से सत्र बुलाने की सामुहिक प्रार्थना करेंगे।
श्री गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी पर राज्य में गंदी राजनीति करने और निचले स्तर पर जाकर सीबीआई और ईडी के माध्यम से दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में पहले ऐसा कभी नहीं हुआ।
उन्होंने पुराना वाकया सुनाते हुए कहा कि दिवंगत भैरोसिंह शेखावत के मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल में सरकार गिराने के दो बार प्रयास किये गये थे, लेकिन तब मैंने प्रदेशाध्यक्ष होते हुए इस मामले में नहीं पड़ने का फैसला लिया और तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिंहराव एवं राज्यपाल बलिराम भगत को भी इस तरह के मामले में हमारे शामिल नहीं होने की जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि हमारे पास पुख्ता बहुमत है। हमारे कुछ साथियों को हरियाणा के एक रिजॉर्ट में बंधक बनाया गया है। जहां उनमें कई बीमार और परेशान हैं। वे विधायक खुद को मुक्त कराने के लिये हमें फोन भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा का सत्र बुलाया गया तो दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा। बहस होगी तथा सारी बातें सामने आ जायेंगी।
श्री गहलाेत ने कहा कि हम पूरी तरह एकजुट हैं और हमें कोई चिंता नहीं है। जबकि बहुमत साबित करने वाले को हमेशा चिंता रहती है। हम बहुमत को लेकर परेशान नहीं हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल भी हमेशा यह कहता रहा है कि विधानसभा में बहुमत साबित किया जाये। न्यायिक क्षेत्र में भी ऐसी चर्चायें होने लगी थी कि विधानसभा सत्र बुलाया जाये, जिसके लिये हम तैयार हैं।
श्री गहलाेत ने कहा कि उन्हें इस बात का अफसोस है कि राज्यपाल किसी दबाव के तहत फैसला नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह विधायकों के साथ राजभवन में राज्यपाल से सामुहिक रूप से मिलेंगे और उनसे अनुरोध करेंगे कि वह किसी के दबाव में नहीं आयें। वह संवैधानिक पद पर हैं, उन्होंने संविधान की शपथ ली है। उन्हें अपनी अंतरात्मा के आधार पर निर्णय करना चाहिए। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं और राज्य की जनता राजभवन को घेरने आ गयी तो हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी।
कांग्रेस विधायक राजभवन में धरने पर बैठे
राजस्थान में कांग्रेस विधायक तथा अशोक गहलोत सरकार के समर्थक अन्य विधायक शुक्रवार अपराह्न राजभवन के दालान में धरने पर बैठ गए। ये विधायक विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का सामूहिक आग्रह करने के लिए राजभवन गए थे।
परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा,’ हमने राज्यपाल से नियमों के तहत विधानसभा का सत्र बुलाने का आग्रह किया। राज्यपाल केंद्र के निर्देशों पर काम कर रहे हैं। जब तक सत्र की तारीख नहीं दी जाती है हम यहां पर बैठे हैं।’
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इससे पहले राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की। इसके बाद राज्यपाल विधायकों से मिलने भी आए
राज्यपाल पर बनाया जा रहा है अनैतिक दबाव-भाजपा
।राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस विधायकों द्वारा राजभवन पर दिये जा रहे धरने को अनैतिक बताते हुए केन्द्र सरकार से दखल देने की मांग की है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां एवं विधानसभा में विपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया ने आज यहां प्रदेश मुख्यालय पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राजभवन पर धरना देने वालों के खिलाफ कार्यवाही करने का आग्रह किय है।