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राजस्थान की राजनीति में संकट:राज्यपाल ने बिनां कारण विधानसभा सत्र बुलाने के प्रस्ताव को लौटा दिया तो अशोक गहलोत ने अब बहुमत की चर्चा किए बिना कोरोना की चर्चा का भेजा प्रस्ताव attacknews.in

जयपुर 26 जुुलाई । राजस्थान सरकार ने राज्यपाल कलराज मिश्र को 31 जुलाई से विधानसभा का सत्र बुलाने का प्रस्ताव भेजा है।

राज्य में चल रहे सियासी संकट के बीच अशोक गहलोत मंत्रिमंडल ने राज्यपाल द्वारा मांगे गयेे छह बिन्दुओं का जवाब देते हुये विधानसभा का सत्र बुलाने का प्रस्ताव भेजा है।

सूत्रों के अनुसार श्री गहलोत ने प्रस्ताव में राज्यपाल से 31 जुलाई से विधानसभा सत्र बुलाने और छह विधेयक पेश करने की बात कही है।

गौरतलब है कि गहलोत मंत्रिमंडल ने पूर्व में राज्यपाल को प्रस्ताव भेजा था जिसमें 27 जुलाई से विधानसभा सत्र बुलाने का आग्रह किया था, लेकिन राज्यपाल द्वारा इस प्रस्ताव में सत्र बुलाने की तारीख नहीं होने एवं किस कार्य के लिए सत्र बुलाया जा रहा है इसका विवरण नहीं होने पर छह बिन्दुओं की मांग करते हुये लौटा दिया था।

इसके बाद श्री गहलोत सहित सभी विधायकों ने राजभवन में धरना प्रदर्शन किया था। उसके बाद से ही कांग्रेस विधानसभा का सत्र शीघ्र बुलाने की मांग कर रहे हैं। इसके लिये कांग्रेस ने 27 जुलाई को सभी राज्यों में राजभवनों का घेराव करने की घाेषणा की है। इस प्रस्ताव भेजे जाने के बाद सभी की निगाहें राज्यपाल के फैसले पर टिक गयीं हैं।

देश का माहौल चिंताजनक है: गहलोत

इसी बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि आज पूरा देश चिंतित है क्योंकि लोकतंत्र खतरे में है।

गहलोत ने ट्वीटर पर जारी एक वीडियो में कहा, ‘‘आज पूरा मुल्क चिंतित है क्योंकि लोकतंत्र खतरे में है। ‘स्पीक अप फॉर डेमोक्रेसी’ अभियान जो चलाया गया, इसके मायने हैं, इसका अपना सन्देश है। उसे एक तरफ आम जनता को भी समझना पड़ेगा और दूसरी तरफ जो सत्ता में हैं उनको भी समझना पड़ेगा। आज जिस प्रकार का माहौल देश के अंदर है वह चिंताजनक है।’’

उन्होंने कहा कि कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश में क्या हुआ सभी को मालूम है और राजस्थान में किस तरह से सरकार राज्यपाल से विधानसभा में जाने की अनुमति मांग रही है। उन्होंने कहा कि सत्ताधारी पार्टी हमेशा अनिच्छुक रहती है, विपक्ष हमेशा मांग करता है.. यहां हम मांग कर रहे है..अभी तक उसका जवाब नहीं आया है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं उम्मीद करता हूं कि राज्यपाल बहुत पुराने राजनीतिज्ञ है, मिलनसार, व्यवहार कुशल हैं और उनके पद की बहुत बड़ी गरिमा है। यह संवैधानिक पद है.. वह शीघ्र ही हमें आदेश देंगे, हम विधानसभा का सत्र बुलायेंगे।’’

गहलोत ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस पर राज्यपाल स्वयं चिंतित है उस पर चर्चा करेंगे। शनिवार को राज्य सरकार को लेकर उनका जो संदेश आया वह बहुत अच्छा लगा। राज्य सरकार ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए जो प्रबंध, कदम उठाये है, उसकी उन्होंने तारीफ की। पूरे देश और दुनिया में उसकी तारीफ हो रही है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी का कर्तव्य है कि हम कैसे एक-एक व्यक्ति का जीवन बचाये। आज पूरे देश और प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण की संख्या बढती जा रही है। चिंता का विषय बना हुआ है। कैसे उन्हें रोका जाये जिस प्रकार की व्यवस्थाएं की गई है, उनको और मजबूत किया जाये।’’

उन्होंने कहा कि एक माहौल बना कि केन्द्र और राज्य सरकारें मिलकर काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी भयंकर महामारी है और यह महामारी आने वाले समय में क्या रूप लेगी, कोई कुछ नहीं कह सकता।

उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे कोई शिकायत न पक्ष से है और न विपक्ष से है। सभी ने मिलकर इस महामारी का मुकाबला किया है और इसी कारण से पूरे देश और दुनिया में राजस्थान की तारीफ हुई है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मेरी समझ के परे है कि भाजपा को क्या हो गया है कि ऐसे वक्त में भी आप राजनैतिक गतिविधियां ऐसी करो जो लोकतंत्र के खिलाफ हो। आपने कर्नाटक की सरकार गिरा दी। कोरोना शुरू हो चुका था तब भी परवाह नहीं की। मध्य प्रदेश की सरकार गिराने में आप कामयाब हो गये।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है बल्कि बढ़ रहा है राजस्थान में आपने रूख कर लिया.. हो क्या रहा है। पूरा देश-प्रदेश चिंतित है, विचलित है और मैं उम्मीद करता हूं वे इस बात को समझेंगे।’’

लोकतंत्र को बचाने के लिए सोमवार को कांग्रेस करेगी देश में राजभवनों के बाहर प्रदर्शन-माकन

इसी तरह अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अजय माकन ने कहा है कि राजस्थान में लोकतंत्र को बचाने के लिए सोमवार को देश में सभी राज्यों में राजभवन के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओ द्वारा प्रर्दशन किया जायेगा।

श्री माकन ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राजस्थान में लोकतांत्रिक तरीके से चूनी हुई सरकार द्वारा विधानसभा का सत्र बुलाने के प्रस्ताव को राज्यपाल द्वारा अवहेलना करना संविधान के खिलाफ है।

उन्होंने कहा कि राज्यपाल केन्द्र सरकार के दबाव में केबिनेट के विधानसभा सत्र बुलाने के प्रस्ताव के बावजूद सत्र नहीं बुला रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में एेसा पहली बार हुआ है।

श्री माकन ने कहा कि राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष द्वारा दिया गया नोटिस पर न्यायालय में चुनौती देने वाला मामला भी देश में एेसा पहला है। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय का परीक्षण न्यायालय कर सकता है लेकिन नोटिस की कार्रवाई को न्यायालय रोक नहीं सकता है।

उन्होंने भारतीय जनता पार्टी भाजपा एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर आरोप लगाया कि एक और देश में भयंकर कोरोना संक्रमण महामारी का प्रकोप जारी है वहीं दूसरी ओर चीन हमारे देश की जमीन पर कब्जा जमाये बैठा है। लेकिन प्रधानमंत्री चीन से लडने की बजाय कांग्रेस से लड रहे हैं।

उन्होंने कहा कि भाजपा और श्री मोदी देश में लोकतांत्रिक तरीके से चूनी हुई सरकारों काम करने नहीं दे रहे है और बहुत की सरेआम हत्या हो रही है।
उन्होंने देश की जनता से सवाल भी किए हैं।

क्या देश का प्रजातंत्र एवं संविधान पर भाजपा का हमला स्वीकार है।

क्या राजस्थान में जनमत का निर्णय राज्य की आठ करोड़ जनता करेगी या दिल्ली में बैठी केन्द्र सरकार करेगी।

क्या भाजपा की इस प्रकार की कार्रवाई से विधायिका और न्यायपालिका में टकराव नहीं हुआ है।

श्री माकन ने कहा कि देश में लोकतंत्र को बचाने के लिए कांग्रेस पार्टी की ओर से कल देश भर में राज्यपाल के यहां धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया जायेगा।

कांग्रेस की अंतर्कलह का कारण गहलोत की तानाशाहीपूर्ण कार्यशैली – पूनियां

राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां ने कहा कि कांग्रेस के अन्दर चल रहे अन्तर्कलह एवं विग्रह के कारक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं उनकी तानाशाहीपूर्ण कार्यशैली है।

डाॅ. पूनियां ने आज यहां पत्रकारों से कहा कि कोरोना का संक्रमण प्रदेश में तेजी से बढ़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ सरकार, उनके मंत्री एवं विधायक होटल के बाड़े में बंद होकर मौज-मस्ती कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना के प्रबंधन में राज्य सरकार पूरी तरह से विफल हो चुकी है। राज्य में कोरोना के 35 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और 600 से अधिक मौतें हो चुकी हैं, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं उनकी सरकार होटल में अंताक्षरी, कैरम, फुटबाॅल खेलने एवं फिल्में देखने में व्यस्त हैं।

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