जयपुर, तीन फरवरी । जयपुर की एक अदालत ने भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किये गये भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी मनीष अग्रवाल को बुधवार को दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी अग्रवाल को मंगलवार को रिश्वतखोरी के एक मामले में गिरफ्तार किया था। दलाल पर आरोप है कि उन्होंने दौसा के जिला पुलिस अधीक्षक पद पर रहते हुए दलाल के जरिये एक कंपनी के मालिक से 38 लाख रूपये की कथित रिश्वत मांगी थी।
ब्यूरो के महानिदेशक बी एल सोनी ने बताया कि अग्रवाल की घर की तलाशी के दौरान कुछ दस्तावेज बरामद किये गये जिनकी जांच की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि ब्यूरो ने 13 जनवरी को एसीबी की जयपुर देहात इकाई ने दौसा के एसडीएम पुष्कर मित्तल को परिवादी से पांच लाख रूपये की कथित रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा। बांदीकुई की एसडीएम पिंकी मीणाको 10 लाख रूपये रिश्वत मांगते हुए गिरफ्तार किया गया। इसी तरह एक दलाल नीरज मीणा को दौसा के पुलिस अधीक्षक के नाम से 38 लाख रूपये रिश्वत राशि की मांगने पर गिरफ्तार किया गया है।
सोनी ने बताया कि उन्हें दौसा जिले में हाईवे निर्माण करने वाली कम्पनी के मालिक ने शिकायत की थी कि भूमि अधिग्रहण एवं मुआवजा देकर जमीन सड़क निर्माण के लिए सुपुर्द करने की एवज में तथा निर्माण कार्य में रुकावट नहीं डालने के लिए प्रशासन और पुलिस अधिकारियों द्वारा रिश्वत मांगी जा रही है। रिश्वत नहीं देने पर परेशान किया जा रहा है।
सोनी ने बताया कि दलाल मीणा ने दौसा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मनीष अग्रवाल के नाम पर चार लाख रूपये मासिक बंधी एवं प्रति एफआईआर में मामला रफा-दफा करने की एवज में 10 लाख रूपये की मांग की थी। दलाल कुल मिलाकर 38 लाख रुपए बतौर रिश्वत मांग रहा था जिस पर उसे गिरफ्तार किया गया। इस मामले में आईपीएस अधिकारी अग्रवाल की संलिप्तता की जांच के बाद ब्यूरो ने मंगलवार को उसे गिरफ्तार किया।
आईपीएस अग्रवाल छह जुलाई 2020 से छह जनवरी 2021 तक दौसा के पुलिस अधीक्षक रहे।