अशोक गहलोत सरकार ने राज्यपाल द्वारा विधानसभा सत्र बुलाने के निर्देश को नकारा और उन्हें अपनी हद में रहने की सलाह देकर अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं करने की नसीहत दे दी attacknews.in

जयपुर 28 जुलाई।राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार द्वारा विधानसभा सत्र बुलाने के बारे में राज्यपाल द्वारा मांगे गए बिन्दुओं पर जवाब का प्रस्ताव जल्द राज्यपाल को भेजा जाएगा।

राजस्थान में चल रहे सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री निवास पर श्री गहलोत की अध्यक्षता में आज मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित की गई। बैठक में विधानसभा सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल कालराज मिश्र द्वारा मांगे गए तीन बिन्दुओं पर विचार जवाब तैयार किया गया।

बैठक के बाद राजस्‍व मंत्री हरीश चौधरी ने बताया कि राज्‍यपाल विधानसभा अध्‍यक्ष के काम में हस्‍तक्षेप न करें। उन्होंने कहा कि सरकार 31 जुलाई को बैठक बुलाना चाहती है न कि 21 दिन का नोटिस जारी करने के बाद। उन्होंने राज्‍यपाल से अनुरोध करते हुए कहा कि सरकार का काम सरकार को और अध्‍यक्ष का काम अध्‍यक्ष को करने दें।

श्री चौधरी ने बताया कि गहलोत सरकार ने स्‍पष्‍ट कर दिया कि राज्‍यपाल की तीनों अपत्तियां मंजूर नहीं हैं। उन्होंने कहा कि राज्यपाल की तीन बातों में से दो सरकार से संबंधित नहीं है। वहीं, 21 दिन का नोटिस देना सरकार का अधिकार है, राज्‍यपाल का नहीं।

गौरतलब है कि गहलोत सरकार द्वारा विधानसभा राज्यपाल ने दूसरे बिन्दु में पुछा है यदि आप बहुमत साबित करना चाहते हैं तो लिखित में बताइए कि विश्‍वासमत के लिए सदन का सत्र बुलाना है।

राज्‍यपाल ने कोरोना संक्रमण से उपजे हालात को लेकर भी आपत्ति जताई है। उन्‍होंने गहलोत सरकार से पूछा है कि विधानसभा में कोरोना संक्रमण से कैसे बचाया जाएगा। 200 विधायकों और 1000 कर्मचारियों के बीच सोशल डिस्‍टेंसिंग का पालन कैसे होगा?

श्री चौधरी ने बताया कि सरकार राज्यपाल द्वारा मांगे गए बिन्दुओं का जवाब जल्द भेज देगी।