नईदिल्ली पांच दिसंबर। गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले अपने प्रचार के दौरान मोदी सरकार से लगातार पूछे जा रहे अपने सवालों का सिलसिला जारी रखते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने एक और सवाल दागा है ।
राहुल ने अपने नये सवाल में नोटबंदी, जीएसटी और महंगाई के साथ ही भाजपा से गुजरात में उसके 22 साल के शासन का हिसाब मांगा है ।
टि्वटर पर पूछे जा रहे अपने सातवें सवाल में राहुल ने कहा है, ‘‘22 सालों का हिसाब #गुजरात_मांगे_जवाब । प्रधानमंत्रीजी-7वाँ सवाल: ।’’ उन्होंने लिखा है, ‘‘जुमलों की बेवफाई मार गई । नोटबंदी की लुटाई मार गई । GST सारी कमाई मार गई । बाकी कुछ बचा तो – महंगाई मार गई । बढ़ते दामों से जीना दुश्वार । बस अमीरों की होगी भाजपा सरकार? ।’’
मजे की बात यह है कि राहुल गांधी इससे पहले जीएसटी को ‘गब्बर सिंह टैक्स बोल’ चुके हैं। वहीं इसपर पलटवार करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राहुल गांधी के इस विचार को ‘ग्रैंड स्टुपिड थॉट’ बताया था।
गौरतलब है कि गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए नौ और 14 दिसंबर को दो चरणों में होने वाले मतदान के मद्देनजर अपने प्रचार और मोदी सरकार के खिलाफ वार की धार तेज करते हुए राहुल 28 नवंबर से लगातार प्रधानमंत्री से एक-एक सवाल पूछ रहे हैं ।
उनका पहला सवाल था, ‘‘2012 में वादा किया कि 50 लाख नए घर देंगे । 5 साल में बनाए 4.72 लाख घर । प्रधानमंत्रीजी बताइए कि क्या ये वादा पूरा होने में 45 साल और लगेंगे ?’’
दूसरा सवाल था, ‘‘1995 में गुजरात पर कर्ज -9,183 करोड़ । 2017 में गुजरात पर कर्ज -2,41,000 करोड़ । यानी हर गुजराती पर ₹37,000 कर्ज । आपके वित्तीय कुप्रबन्धन व पब्लिसिटी की सज़ा गुजरात की जनता क्यों चुकाए ?’’
राहुल का तीसरा सवाल था, ‘‘2002-16 के बीच ₹62,549 Cr की बिजली ख़रीद कर 4 निजी कंपनियों की जेब क्यों भरी ? सरकारी बिजली कारख़ानों की क्षमता 62% घटाई पर निजी कम्पनी से ₹3/ यूनिट की बिजली ₹24 तक क्यों ख़रीदी ? जनता की कमाई, क्यों लुटाई ?’’
उनका चौथा सवाल था, ‘‘सरकारी स्कूल-कॉलेज की कीमत पर किया शिक्षा का व्यापार । महँगी फ़ीस से पड़ी हर छात्र पर मार । New India का सपना कैसे होगा साकार ? सरकारी शिक्षा पर खर्च में गुजरात देश में 26वें स्थान पर क्यों ? युवाओं ने क्या गलती की है ?’’
राहुल का पांचवा सवाल था, ‘‘न सुरक्षा, न शिक्षा, न पोषण, महिलाओं को मिला तो सिर्फ़ शोषण । आंगनवाड़ी वर्कर और आशा, सबको दी बस निराशा । गुजरात की बहनों से किया सिर्फ़ वादा, पूरा करने का कभी नहीं था इरादा ।’’
कांग्रेस के भावी अध्यक्ष का छठा सवाल था, ‘‘भाजपा की दोहरी मार एक तरफ युवा बेरोजगार । दूसरी तरफ लाखों फिक्स पगार और कांट्रैक्ट कर्मचारी बेज़ार । 7वें वेतन आयोग में ₹18000 मासिक होने के बावजूद फिक्स और कांट्रैक्ट पगार ₹5500 और ₹10,000 क्यों ?’’
गौरतलब है कि गुजरात में पिछले दो दशक से भी ज्यादा वक्त से भाजपा का शासन है और कांग्रेस इस चुनाव में प्रदेश की सत्ता में वापसी के लिए एडी चोटी का जोर लगाए हुए है।attacknews.in