नयी दिल्ली, 03 जुलाई । कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि वह अब पार्टी के अध्यक्ष नहीं हैं इसलिए कांग्रेस को देर किए बिना नया अध्यक्ष नियुक्त कर लेना चाहिए।
श्री गांधी ने बुधवार को यहां पत्रकारों से कहा कि वह इस्तीफा दे चुके हैं और अब कांग्रेस अध्यक्ष नहीं हैं इसलिए पार्टी को समय गवांए बिना अपना अध्यक्ष तय कर लेना चाहिए।
लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस्तीफा दे दिया,हालांकि उन्हें मनाने के तमाम दौर चले, कई राज्यों की इकाईयों से दिल्ली इस्तीफे आने लगे,इन सबके बीच खबर है कि राहुल की जगह नए अध्यक्ष की तलाश पूरी हो गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र इकाई के नेता सुशील कुमार शिंदे कांग्रेस के नए अध्यक्ष हो सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शिंदे को फोन किया।पता चला है कि संसद के सत्र के बाद कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाकर इसका औपचारिक ऐलान किया जाएगा।
सोनिया गांधी के करीबियों में शुमार सुशील कुमार शिंदे यूपीए शासनकाल में कई अहम पदों पर रह चुके हैं. जब महाराष्ट्र में उनके और विलासराव देशमुख के बीच मुख्यमंत्री बनने की होड़ शुरू हुई तो पार्टी ने उन्हें आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बना दिया, लेकिन उन्होंने एक शब्द बोले बगैर यह पद ले लिया।
इसके बाद उन्हें कांग्रेस की सरकार में प्रमुख मंत्री पद दिए गए. उनको लेकर यह माना जाता है कि उन्होंने पार्टी के आदेशों के ऊपर कभी अपनी महत्कांक्षाओं को हावी नहीं होने दिया।
पुलिस की नौकरी छोड़कर राजनीति में आने के बाद सुशील कुमार शिंदे की सियासी पारी की शुरुआत विधानसभा चुनाव लड़ने से हुई. पांच बार विधानसभा के सदस्य रह चुके शिंदे को साल 1992 में कांग्रेस ने राज्यसभा भेजा था. इसके बाद शिंदे ने साल 1999 में पहली बार लोकसभा चुनाव जीता और संसद पहुंच गए।
इससे पहले साल 2002 में परिस्थितियां ऐसी बनी थीं कि शिंदे को यूपीए ने उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बना दिया. हालांकि एनडीए के प्रत्याशी भैरो सिंह शेखावत से वे चुनाव में हार गए थे. इसके बाद मनमोहन सिंह सरकार में शिंदे को केंद्र में मंत्री बना दिया गया।
वह साल 2009 से साल 2012 तक वे देश के ऊर्जा मंत्री थे. यूपीए के दूसरे कार्यकाल में वह 31 जुलाई 2012 से 26 मई 2014 तक केंद्रीय गृहमंत्री थे. इसके साथ ही शिंदे महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
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