नयी दिल्ली, 14 फरवरी । भाजपा ने पुलवामा आतंकी हमले की बरसी पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शुक्रवार को कहा कि पुलवामा नृशंस हमला था और गांधी परिवार फायदे के अलावा और कुछ सोच ही नहीं सकता।
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने अपने ट्वीट में राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा ‘‘पुलवामा में हुआ हमला नृशंस आतंकी हमला था और यह (राहुल का) एक नृशंस बयान है कि किसको फायदा हुआ।’’
पात्रा ने कहा, ‘‘ मिस्टर गांधी, क्या आप फायदे के आगे भी सोच सकते हैं ? जाहिर तौर पर नहीं ।’’
भाजपा प्रवक्ता ने कहा ‘‘यह तथाकथित गांधी परिवार फायदे के अलावा और कुछ सोच ही नहीं सकता । वे सिर्फ भौतिक रूप से ही भ्रष्ट नहीं हैं।..उनकी आत्माएं भी भ्रष्ट हैं ।’’
गौरतलब है कि 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में बड़ा आतंकी हमला हुआ था जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
राहुल ने पूछा : पुलवामा हमले की जांच में क्या निकला, सरकार में किसे जवाबदेह ठहराया गया:
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को पुलवामा हमले की बरसी पर शहीद जवानों को याद किया और सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि आखिर इस हमले का सबसे ज्यादा फायदा किसे हुआ, इसकी जांच में क्या निकला और सरकार में किस व्यक्ति को जवाबदेह ठहराया गया।
गांधी ने शहीद जवानों के पार्थिव शरीर वाले ताबूतों की तस्वीर शेयर करते हुए ट्वीट किया, ‘आज जब हम पुलवामा हमले में शहीद हुए 40 जवानों को याद कर रहे हैं तो हमें यह पूछना है कि इस हमले से सबसे ज्यादा फायदा किसको हुआ?”
उन्होंने यह सवाल भी किया, ‘ हमले की जांच में क्या निकला? हमले से जुड़ी सुरक्षा खामी के लिए भाजपा सरकार में अब तक किसको जवाबदेह ठहराया गया है?
राजनीति के लिए भाजपा करती है सैनिकों का इस्तेमाल: कांग्रेस
इसी बीच कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी चुनाव के समय सैनिकों के शौर्य, शहादत और वीरता का इस्तेमाल करती है और फिर उन्हें भूल जाती है इसलिए पुलवामा के शहीदों के परिजन एक साल बाद भी दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने शुक्रवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि भाजपा सेना तथा उनके शौर्य और बलिदान का राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल करना जानती है। चुनाव के समय और उसके बाद सैनिकों के प्रति उसका रवैया बदल जाता है। चुनाव के समय भाजपा कहती है ‘हम हैं साथ-साथ’ और चुनाव खत्म होने के बाद कहती है ‘हम अापके हैं कौन।’
उन्होंने कहा कि किस तरह से भाजपा सैनिकों की शहादत को भुला देती है, इसका उदाहरण पुलवामा में शहीद हुए सैनिक की विधवा संजू देवी हैं जो सरकार से पूछ रही हैं कि उसने एक साल पहले पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपये तथा नौकरी देने का वादा किया था लेकिन अब तक यह वादा पूरा नहीं किया है। इसी तरह का दूसरा उदारहण कौशल कुमार रावत की पत्नी हैं, जिनका कहना है कि शहादत के बाद जब उनके पति की चिता जल रही थी तो फोटो खिंचवाने भाजपा के कई प्रमुख नेता पहुंच गये थे और कई वादे किए थे लेकिन अब एक साल हो गया है, अब तक उन्हें न तो 25 लाख रुपए मिले और न ही नौकरी मिली है।
प्रवक्ता ने आरोप लगाया है कि भाजपा शहीदों के परिजनों की पुकार नहीं सुन रही है। सैनिकों के प्रति भाजपा का वसूल है कि सैनिकों का इस्तेमाल करो और उसके बाद उन्हें उनके हाल पर छोड़ दो। उनका कहना था कि राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर भाजपा सिर्फ इस्तेमाल करना जानती है।
उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले को लेकर भाजपा सरकार से सवाल पूछे जा रहे हैं लेकिन वह चुप्पी साधे है। भाजपा काे बताना चाहिए कि इस मामले में हुई खुफिया चूक, सूचना को गृह मंत्रालय द्वारा नजरअंदाज करने तथा आईईडी का भारत की धरती पर पहुंचने का जिम्मेदार कौन है और पुलिस अधिकारी देवेंदर सिंह की इसमें क्या भूमिका रही है। सरकार काे यह भी बताना चाहिए इस घटना की जांच हो रही है या नहीं और अगर हो रही है तो इसकी रिपोर्ट कब तक आयेगी।