पुडुचेरी, 22 फरवरी । पुडुचेरी में कांग्रेस नीत सरकार को सोमवार को विश्वास मत परीक्षण में हार का सामना करना पड़ा।
विधानसभा का सत्र शुरू होने पर मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने विश्वासमत प्रस्ताव पेश किया। सदन में प्रस्ताव पर मतदान से पहले ही मुख्यमंत्री और सत्तारूढ़ पार्टी के अन्य विधायकों ने सदन से बहिर्गमन कर दिया था।
विधानसभा अध्यक्ष वी. पी. शिवकोलुंधु ने कहा कि विश्वास मत परीक्षण में उनकी हार हुई।
उधर, बाद में मुख्यमंत्री नारायणसामी ने उपराज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंप दिया।
गौतलब है कि कांग्रेस के विधायक के. लक्ष्मीनारायणन और द्रमुक के विधायक वेंकटेशन के रविवार को इस्तीफा देने के बाद 33 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन के विधायकों की संख्या घटकर 11 हो गई है, जबकि विपक्षी दलों के 14 विधायक हैं।
पूर्व मंत्री ए. नमसिवायम (अब भाजपा में) और मल्लाडी कृष्ण राव समेत कांग्रेस के चार विधायकों ने इससे पहले इस्तीफा दिया था, जबकि पार्टी के एक अन्य विधायक को अयोग्य ठहराया गया था। नारायणसामी के करीबी ए. जॉन कुमार ने भी इस सप्ताह इस्तीफा दे दिया था।
विधानसभा का सत्र शुरू होने के बाद मुख्यमंत्री नारायणसामी ने विश्वास मत पेश किया। इस दौरान उन्होंने पूर्व उप राज्यपाल किरण बेदी के साथ सरकार के टकराव का जिक्र करते हुए ने कहा कि उन्होंने कोविड-19 वैश्विक महामारी से प्रभावी रूप से निपटने के साथ ही हर तरीके से केन्द्र शासित प्रदेश के हित के लिए काम किया है।
बेदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पूर्व राज्यपाल ने राजस्व सहित कई मुद्दों पर उनकी सरकार के खिलाफ ‘‘साजिश रची’’।
उन्होंने कहा, ‘‘ लोगों ने जिन्हें नहीं चुना, उन्होंने हमारी सरकार को गिराने के लिए साजिश रची, लेकिन हम अपने संभलने के सामर्थ्य के कारण दृढ़ रहे।’’
पुडुचेरी की नवनियुक्त उप राज्यपाल (एलजी) तमिलिसाई सौंदरराजन ने मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी को विधानसभा में बहुमत साबित करने का निर्देश दिया था, जिसके लिए सोमवार को विशेष सत्र बुलाया गया । सत्तारूढ़ कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन के विधायकों के इस्तीफा देने के बाद विपक्ष ने उनके बहुमत खोने का दावा करने के बाद राज्यपाल ने यह निर्देश दिया था।
मुख्यमंत्री नारायणसामी ने एलजी को इस्तीफा सौंपा
पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी और सत्तारूढ़ कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन के विधायकों ने सोमवार को विश्वासमत में सरकार की हार के बाद उप राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
विधानसभा में विश्वासमत प्रस्ताव पर मतदान से पूर्व ही मुख्यमंत्री वी नारायणसामी और सत्तारूढ़ पार्टी के अन्य विधायकों ने सदन से बहिर्गमन किया। मुख्यमंत्री राजनिवास पहुंचे और उप राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा।
नारायणसामी ने उप राज्यपाल तमिलिसाई से मुलाकात के बाद पत्रकारों से कहा, ‘‘मैंने, मंत्रियों ने , कांग्रेस और द्रमुक विधायकों और निर्दलीय विधायकों ने अपना इस्तीफा दे दिया है और इन्हें स्वीकार किया जाना चाहिए।’’हालांकि उन्होंने अगले कदम को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया।
सरकार को द्रमुक और निर्दलीय विधायक भी समर्थन दे रहे थे।
गौरतलब है कि कांग्रेस के विधायक के. लक्ष्मीनारायणन और द्रमुक के विधायक वेंकटेशन के रविवार को इस्तीफा देने के बाद 33 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन के विधायकों की संख्या घटकर 11 हो गई, जबकि विपक्षी दलों के 14 विधायक हैं।
पूर्व मंत्री ए. नमसिवायम (अब भाजपा में) और मल्लाडी कृष्ण राव समेत कांग्रेस के चार विधायकों ने इससे पहले इस्तीफा दिया था, जबकि पार्टी के एक अन्य विधायक को अयोग्य ठहराया गया था। नारायणसामी के करीबी ए. जॉन कुमार ने भी इस सप्ताह इस्तीफा दे दिया था।