कटक, 22 फरवरी ।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को यहां पहले खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेलों के शुरुआत की घोषणा की और इन्हें भारतीय खेल क्रांति का अगला पड़ाव करार दिया।
देश भर के 159 विश्वविद्यालयों के 3400 से अधिक खिलाड़ी 17 खेलों में अपना भाग्य आजमाएंगे। इन खेलों में रग्बी भी शामिल है।
प्रधानमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंस सुविधा के जरिये खेलों के शुरुआत की घोषणा की। उन्होंने इसे भारतीय खेलों के लिये ऐतिहासिक क्षण बताया।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा, ‘‘आज का दिन सिर्फ एक टूर्नामेंट का आरंभ मात्र नहीं हैं, बल्कि भारत में खेल आंदोलन के अगले चरण की शुरुआत है। ’’
मोदी ने कहा, ‘‘आज ओडिशा में नया इतिहास बना है। भारत के इतिहास के पहले खेलो युवा विश्वविद्यालय खेलों की शुरुआत आज से ही हो रही है। ये भारत के खेल इतिहास में ऐतिहासिक पड़ाव तो है ही भारत के खेलों के भविष्य के लिये भी एक बहुत बड़ा कदम है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘आज भारत दुनिया के उन देशों की लीग में शामिल हो गया है जहां इस स्तर पर विश्वविद्यालय खेलों का आयोजन होता है।’’
इस अवसर पर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, केंद्रीय खेल मंत्री कीरेन रीजीजू और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान भी उपस्थित थे। खेल सचिव राधेश्याम जुलानिया भी इस मौके पर मौजूद थे।
स्टार फर्राटा धाविका दुती चंद भी इन खेलों का हिस्सा हैं। वह मेजबान केआईआईटी विश्वविदद्यालय का प्रतिनिधित्व करेंगी।
दुती के अलावा जो अन्य प्रतिभाशाली खिलाड़ी इसमें भाग लेंगे उनमें मेंगलूर विश्वविद्यालय के त्रिकूद के एथलीट जय शाह, उनके साथी लंबी दौड़ के धाविक नरेंद्र प्रताप सिंह, पुणे विश्वविद्यालय की लंबी दूरी की धाविका कोमल जगदाले और आचार्य नागार्जुन विश्वविद्यालय की धाविका वाई ज्योति भी शामिल हैं।
मोदी ने कहा कि खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेल युवा खिलाड़ियों को अपने सपने साकार करने के लिये बहुत बड़ा मंच उपलब्ध कराएंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘आने वाले दिनों में लक्ष्य 200 से ज्यादा स्वर्ण पदक जीतने का तो है ही, उससे भी अहम आपके अपने प्रदर्शन में सुधार, आपके खुद के सामर्थ्य को नयी ऊंचाई देना है। आप एक दूसरे से तो प्रतिस्पर्धा कर ही रहे हैं लेकिन इससे महत्वपूर्ण बात है कि आप खुद से भी प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आपका परिश्रम, आपके सपनों को, आपके परिवार के सपने और भारत के सपनों को आगे बढ़ाएगा। आपके सामने दुती चंद जी जैसे अनेक प्रेरक व्यक्तित्व हैं। आप पदक भी जीतें और देश केा फिटनेस के लिये प्रेरित भी करें। ’’
मोदी ने कहा कि खेलो इंडिया ने युवाओं को खेलों के प्रति आकर्षित करने और युवा प्रतिभा की पहचान करने में अहम भूमिका निभायी है।
उन्होंने कहा, ‘‘खेलो इंडिया अभियान ने देश के कोने कोने में खेलों के प्रति आकर्षण और युवा प्रतिभा की पहचान में बहुत अहम भूमिका निभायी है। जब 2018 में खेलों इडिया की शुरुआत हुई थी तब इसमें 3500 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था लेकिन महज तीन वर्षों में खिलाड़ियों की संख्या बढ़कर 6000 से भी अधिक हो गयी है। ’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ सिर्फ संख्या ही नहीं बढ़ रही, खेल और खिलाड़ियों का स्तर, खेल आधारभूत ढांचे का स्तर, सभी में सुधार हो रहा है। इस साल खेल इंडिया स्कूल खेलो (गुवाहाटी) में 80 रिकार्ड टूटे जिसमें से 56 रिकार्ड हमारी बेटियों के नाम रहे हैं।’’
मोदी ने कहा कि खेलो इंडिया में छोटे छोटे कस्बों और गांवों से प्रतिभाएं सामने आ रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘महत्वपूर्ण बात यह है कि इस अभियान से जो प्रतिभा सामने आ रही है, वह बड़े बडे शहर के बड़े बड़े संस्थानों की नहीं है, ये छोटे छोटे शहरों के सामान्य परिवार से आने वालें बच्चे हैं। उन्होंने देश के लिये नयी उम्मीद जगायी है। ’’
उद्घाटन समारोह के दौरान 45 मिनट का रंगारंग सांस्कृतिक और मनोरंजक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया जिसमें ओडिशा की संस्कृति का प्रदर्शन किया और इसे 390 स्कूली छात्रों ने प्रस्तुत किया।
पद्म श्री अरूणा मोहंती ने इस शो की कोरियाग्राफी की जिसमें ओडिसी और सम्बलपुरी नृत्च का मंचन किया गया।
संगीतकार राम सम्पत और गायिका सोना मोहापात्रा ने एक गान प्रस्तुत किया। संगीतकार नाकाश अजीज ने ‘खेलो खेलो’ गाने से खिलाड़ियों को प्रेरित किया।
खेल मंत्री रीजीजू ने कहा कि भारत को इन खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेलों के जरिये कई अंतरराष्ट्रीय चैम्पियन देखने को मिलेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पूरा भरोसा है कि हमें और ओलंपियन मिलेंगे और इन खेलों से काफी प्रतिभायें मिलेंगी। इससे खिलाड़ियों को उच्च स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने का मंच मिलेगा। ’’
खेलों का आयोजन भुवनेश्वर और कटक के 10 स्थलों में किया जायेगा।