देहरादून, 29 सितंबर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कांग्रेस पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि वह दूसरों के कंधों पर सवार होकर देशहित के हर काम का विरोध कर रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने हालांकि, कांग्रेस का सीधे तौर पर नाम नहीं लिया लेकिन कहा,‘‘हर बदलती हुई तारीख के साथ विरोध के लिए, विरोध करने वाले ये लोग देश और समाज के लिए अप्रासंगिक होते जा रहे हैं। इतनी छटपटाहट है, बेचैनी है, हताशा, निराशा, एक ऐसा दर्द है, जिसके एक परिवार की चार-चार पीढियां, जिन्होंने देश पर राज किया, वह आज दूसरे के कंधों पर सवार होकर देशहित के हर काम का विरोध कर रहे हैं।’’
इस संबंध में उन्होंने कहा कि देश में अनेक ऐसे छोटे-छोटे दल हैं जिन्हें कभी सत्ता में आने का मौका नहीं मिला और ज्यादातर समय विपक्ष में ही बिताया है, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने कभी देश का विरोध नहीं किया।
‘नमामि गंगे’ परियोजना के तहत उत्तराखंड में हरिद्वार, ऋषिकेश, मुनि की रेती और बद्रीनाथ में सीवरेज शोधन संयंत्र (एसटीपी) और गंगा संग्रहालय का नयी दिल्ली से डिजिटल माध्यम से लोकार्पण के बाद प्रधानमंत्री अपना संबोधन दे रहे थे।
इस दौरान उन्होंने कृषि विधेयक से लेकर राममंदिर तक कई मुद्दों पर विपक्ष के विरोध का जिक्र किया।
उन्होंने विपक्ष पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर किसानों में भ्रम फैलाने का आरोप भी लगाया और साफ किया कि देश में एमएसपी और किसानों को अपनी उपज कहीं भी बेचने की आजादी, दोनों रहेगी।
विपक्षी दलों का नाम लिए बिना प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ वे एमएसपी पर किसानों में भ्रम फैला रहे हैं। देश में एमएसपी भी रहेगी और किसानों को अपनी उपज कहीं भी बेचने की आजादी भी रहेगी।’’
जीएसटी पर विपक्ष के विरोध पर मोदी ने कहा जीएसटी लागू होने के बाद देश में घरेलू सामान पर लगने वाला कर बहुत कम हो गया है और ज्यादातर घरेलू सामान जैसे रसोई की चीजों पर या तो कर ही नहीं है या पांच प्रतिशत से भी कम है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष के लोग न किसान के साथ है, न नौजवान के साथ और न ही देश के वीर जवान के साथ। इस संबंध में उन्होंने ‘वन रैंक-वन पेंशन’ का जिक्र करते हुए कहा कि पूर्व सैनिकों को उनका अधिकार दिए जाने का भी विरोध किया गया।
उन्होने बताया कि केंद्र सरकार पूर्व सैनिकों को लगभग 11,000 करोड़ रुपये एरियर के रूप में दे चुकी है और उत्तराखंड में ही एक लाख से ज्यादा पूर्व सैनिकों को इस योजना का लाभ मिल चुका है।
प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि इन लोगों ने वर्षों तक देश की सेनाओं खासतौर से वायुसेना को सशक्त करने के लिए कुछ नहीं किया और जब उनकी सरकार ने फ्रांस सरकार से राफेल विमानों के लिए समझौता किया तो उन्हें दिक्कत होने लगी। हांलांकि, उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि राफेल भारतीय वायु सेना की ताकत बढा रहा है और अंबाला से लेकर लेह तक उसकी गर्जना भारतीय जांबाजों का हौसला बढ़ी रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि चार साल पहले सर्जिकल स्ट्राइक में आतंकवादी अड्डे तबाह कर दिए गए, लेकिन ये लोग अपने जांबाजों की प्रशंसा करने की बजाए उनसे ही सबूत मांगने लगे।
उन्होंने कहा कि पिछले महीने अयोध्या में भव्य राममंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया गया तो जो लोग पहले उच्चतम न्यायालय में राम मंदिर का विरोध कर रहे थे, वह भूमि पूजन का भी विरोध करने लगे।
इस संबंध में उन्होंने संविधान दिवस, सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा और योग दिवस के संबंध में किए गए विरोधों का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि विरोध करते हुए ये लोग अपनी मंशा और नीयत साफ कर चुके हैं और देश के लिए होने वाले कामों का विरोध इनकी आदत बन गयी है।
मोदी ने कहा, ‘‘उनकी राजनीति का एकमात्र तरीका ही यही है। विरोध.. विरोध… विरोध।’’
हालांकि, प्रधानमंत्री ने विपक्ष की कथित स्वार्थनीति के बीच आत्मनिर्भर भारत के लिए देश के संसाधनों को बेहतर बनाने का सिलसिला देशहित में जारी रखने का संकल्प व्यक्त करते हुए कहा कि यह देश को गरीबी से मुक्ति करने के लिए है, देश को ताकतवर बनाने के लिए है और यह निरंतर जारी रहेगा।