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नरेन्द्र मोदी भारत को जगत गुरु बनाने के स्वामी विवेकानंद के सपनों को पूरा करने के मिशन को मंजिल तक पहुंचाने के करीब और इससे पहले ही रच दिया इतिहास attacknews.in

नयी दिल्ली, 30 मई । लगातार दो बार आम चुनावों में जबरदस्त लोकप्रियता की अभूतपूर्व लहर पर सवार होकर पूर्ण बहुमत से सत्ता में आने वाले श्री नरेन्द्र मोदी आज न केवल भारतीय राजनीति, बल्कि विश्व के लोकतांत्रिक नेतृत्व के इतिहास में किंवदंती बनकर दर्ज हो गये हैं। 


श्री मोदी ने पांच साल सत्ता में रहकर सरकार के चहुंमुखी विकास कार्यक्रमों, सामाजिक सशक्तीकरण की योजनाओं और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर दृढ़ नेतृत्व के बल पर वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों में न सिर्फ भारतीय जनता पार्टी बल्कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सहयोगी दलों के लिए पहले से भी अधिक बहुमत से जीत का मार्ग प्रशस्त किया। 


गुजरात के एक छोटे से कस्बे वडनगर में रेलवे स्टेशन पर चाय बेचकर गुजारा करने वाले दामोदार दास मोदी और श्रीमती हीराबा के गरीब परिवार में 17 सितंबर 1950 को तीसरी संतान नरेन्द्र का जन्म हुआ। अपने बाल्यकाल से ही नरेन्द्र की रुचि पढ़ाई लिखाई में थी, पर आजीविका की कठिनाइयों के कारण उन्हें अपने पिता का हाथ बंटाना पड़ता था। 


नरेन्द्र एक तर्कशील, मेधावी और मेहनती छात्र के रूप में याद किये जाते हैं। खेलों में उन्हें तैराकी का बहुत शौक था। 


युवावस्था में ही उनका झुकाव ईश्वर की अाराधना, त्याग और तप की ओर हो गया था। उन्होंने नमक, मिर्च, तेल और गुड़ खाना छोड़ दिया था। स्वामी विवेकानंद के कार्यों का गहन अध्ययन श्री मोदी को आध्यात्म की यात्रा की ओर ले गया और उन्होंने भारत को जगत गुरु बनाने के स्वामी विवेकानंद के सपनों को पूरा करने के लिए अपने मिशन की नींव रखी। 


और इतिहास रच दिया:


लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड जीत दिलाने वाले श्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की गुरुवार काे दूसरी बार शपथ लेकर इतिहास रच दिया। वह 1971 के बाद लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने वाले पहले नेता हैं। 


श्री मोदी 2014 में जब पहली बार प्रधानमंत्री बने थे तब भाजपा को लोकसभा में स्पष्ट बहुमत मिला था। इस चुनाव में भी भाजपा को न केवल बहुमत मिला बल्कि उसकी सीटों की संख्या 300 के ऊपर निकल गयी। वर्ष 1971 के बाद यह पहला माैका है जब किसी प्रधानमंत्री के नेतृत्व में लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनी है। वर्ष 1971 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में ऐसा हुआ था। श्री मोदी यह रिकार्ड बनाने वाले पंडित जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद तीसरे और पहले गैर कांग्रेसी नेता हैं। 


श्री मोदी ने लोकसभा चुनाव का मतदान पूरा होने के पहले ही यह रिकार्ड बनने की भविष्यवाणी कर दी थी। उन्होंने अंतिम चरण का चुनाव प्रचार समाप्त होने से कुछ पहले कहा था कि उनकी सरकार पूर्ण बहुमत के साथ फिर से सत्ता में आ रही है और ऐसा लंबे अर्से के बाद होने जा रहा है। 


देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में तीन बार कांग्रेस की बहुमत वाली सरकार सत्तारूढ़ हुयी थी। इसके बाद इंदिरा गांधी के नेतृत्व में 1967 और 1971 में लगातार दो बार इस तरह की सरकार बनी थी। उसके बाद अब श्री मोदी यह करिश्मा दोहराने में सफल हुये हैं। कांग्रेस ने 1980 और 1984 में भी लगातार लोकसभा में बहुमत हासिल किया था लेकिन दोनों बार प्रधानमंत्री अलग-अलग थे। आपातकाल के बाद हुये चुनाव में सत्ता से बेदखल हुयी इंदिरा गांधी ने 1980 में वापसी की थी लेकिन 1984 में उनकी पद पर रहते हत्या कर दी गयी थी और उनके पुत्र राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने थे। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुये लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने चार सौ से अधिक सीटें हासिल की थीं। इस चुनाव के बाद तीन दशक तक लोकसभा में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला। पिछले चुनाव में भाजपा ने लोकसभा में स्पष्ट बहुमत हासिल कर इतिहास रचा था। 


श्री मोदी ने दोबारा प्रधानमंत्री बनने के साथ ही एक और रिकार्ड बनाया है। वह पंडित नेहरु और डॉ मनमोहन सिंह के बाद तीसरे ऐसे नेता हैं जिन्होंने पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के बाद फिर से देश की बागडोर संभाली है। पंडित नेहरू एकमात्र ऐसे नेता हैं जो दो बार पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के बाद फिर से इस पद पर पहुंचे थे। दोबारा प्रधानमंत्री बनने के साथ श्री मोदी ने डा़ॅ मनमोहन सिंह की बराबरी की है। डा़ॅ सिंह 2004 में पहली बार प्रधानमंत्री बने थे जब कांग्रेस के नेतृत्व में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार बनी थी। पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के बाद उन्होंने 2009 में इस गठबंधन की सरकार का फिर से नेतृत्व किया।


पंडित नेहरू के बाद इंदिरा गांधी सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री पद पर रहीं, पर उनका नाम इस सूची में नहीं आता। वह 1966 में लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु के बाद पहली बार प्रधानमंत्री बनीं। एक वर्ष बाद 1967 के चुनाव में कांग्रेस की जीत के साथ उन्होंने फिर से यह पद संभाला। कांग्रेस की अंदरूनी कलह के चलते उन्होंने पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा होने से एक वर्ष पहले ही लोकसभा भंग कर 1971 में चुनाव करा दिये। इस चुनाव में उन्हें भारी सफलता मिली और वह फिर से प्रधानमंत्री बनी। श्रीमती गांधी को 1977 के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। वह 1980 में चौथी बार प्रधानमंत्री बनीं।


गौरतलब है कि भाजपा नेता अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार प्रधानमंत्री बने और छह वर्ष से अधिक समय तक इस पद पर रहे। वह 1996 में पहली बार प्रधानमंत्री बने लेकिन उनकी सरकार 13 दिन में ही गिर गयी। वह 1998 में दोबारा प्रधानमंत्री बने लेकिन यह सरकार 13 महीने ही चल सकी। श्री वाजपेयी 1999 में तीसरी बार प्रधानमंत्री बने लेकिन 2004 में हुये चुनाव में भाजपा सत्ता से बाहर हो गयी। इसके बाद डा़ॅ मनमोहन सिंह लगातार दो कार्यकाल तक प्रधानमंत्री पद पर रहे।

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