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लाल किले से नरेन्द्र मोदी ने दिया चीन और पाकिस्तान को कड़ा संदेश, आत्मनिर्भर भारत को विश्व कल्याण के लिए जरूरी बताते हुए कई घोषणाएं की attacknews.in

नयी दिल्ली, 15 अगस्त । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से भारत की संप्रभुता को चुनौती देने के लिए चीन और पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया और आत्मनिर्भर भारत की अपनी परिकल्पना पर जोर देते हुए राष्ट्रीय डिजीटल स्वास्थ्य अभियान सहित कई अन्य प्रमुख योजनाओं की घोषणा की।

ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से 74वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए मोदी ने ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ पर खासा जोर दिया और इसे विश्व कल्याण के लिए भी जरूरी बताया तथा भारत के विकास की एक भावी रूपरेखा प्रस्तुत की। बतौर प्रधानमंत्री यह मोदी का लाल किले की प्राचीर से लगातार सातवां संबोधन था।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 का टीका अभी परीक्षण के विभिन्न चरणों में है और जैसे ही वैज्ञानिक इसे हरी झंडी देंगे, बड़े पैमाने पर इसके उत्पादन की तैयारी है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी भी आत्मनिर्भर भारत के संकल्प से देश को नहीं डिगा सकती।

जम्मू-कश्मीर में परिसीमन की प्रक्रिया खत्म होते ही चुनाव कराने की देश की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि नई ऊर्जा के साथ यह केंद्र शासित प्रदेश विकास के मार्ग पर आगे बढ़ें, इसके लिए प्रयास भी हो रहे हैं।

पारम्परिक कुर्ता-पायजामा और माथे पर साफा पहने प्रधानमंत्री ने 86 मिनट के अपने संबोधन के मौके पर चीन और पाकिस्तान का नाम लिए बगैर उन्हें कड़ा संदेश दिया और बल देकर कहा कि भारत आतंकवाद और विस्तारवाद का कड़ाई से मुकाबला कर रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘नियंत्रण रेखा (एलओसी) से लेकर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) तक देश की संप्रभुता पर जिस किसी ने आंख उठाई है, देश ने.. देश की सेना ने उसका उसी की भाषा में जवाब दिया है।’’

प्रधानमंत्री का यह बयान चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में सीमा पर चल रहे गतिरोध के बीच आया है। उधर, पाकिस्तान सीमा पर नियंत्रण रेखा पर हाल के कुछ महीनों में युद्धविराम के उल्लंघन की घटनाओं में बहुत इजाफा हुआ है।

मोदी ने कहा, ‘‘भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरा देश एक जोश से भरा हुआ है। संकल्‍प से प्रेरित है और सामर्थ्‍य पर अटूट श्रद्धा के साथ आगे बढ़ रहा है। इस संकल्‍प के लिए हमारे वीर-जवान क्‍या कर सकते हैं, देश क्‍या कर सकता है… ये लद्दाख में दुनिया ने देख लिया है।’’

प्रधानमंत्री ने गलवान घाटी में चीन के सैनिकों के साथ हुई झड़प में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आतंकवाद हो या विस्तारवाद, भारत आज इनका डटकर मुकाबला कर रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं लाल किले से उन सभी वीर जवानों को नमन करता हूं।’’

विगत 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद स्थिति बिगड़ गई थी, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। चीनी पक्ष के सैनिक भी हताहत हुए थे लेकिन इस बारे में चीन द्वारा अब तक कोई ब्यौरा उपलब्ध नहीं कराया गया है।

विदेश नीति के मुद्दे पर मोदी ने कहा कि आज पड़ोसी सिर्फ वो ही नहीं हैं जिनसे हमारी भौगोलिक सीमाएं मिलती हैं बल्कि वे भी हैं जिनसे हमारे दिल मिलते हैं। जहां रिश्तों में समरसता होती है, मेल जोल रहता है।

उन्होंने कहा कि भारत के जितने प्रयास शांति और सौहार्द के लिए हैं, उतनी ही प्रतिबद्धता अपनी सुरक्षा के लिए, अपनी सेना को मजबूत करने की है।

अयोध्‍या में भगवान राम के भव्‍य मंदिर का निर्माण के शिलान्यास का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि इस सदियों पुराने विषय का शांतिपूर्ण समाधान हो चुका है।

उन्होंने कहा, ‘‘देश के लोगों ने जिस संयम के साथ और समझदारी के साथ आचरण किया है, व्‍यवहार किया है, यह अभूतपूर्व है और भविष्‍य के लिए हमारे लिए प्रेरणा कारक है। शांति, एकता और सद्भावना…यही तो आत्‍मनिर्भर भारत की ताकत बनने वाली है। यही मेलजोल, यही सद्भाव भारत के उज्‍ज्वल भविष्‍य की गारंटी है। इसी सद्भाव के साथ हमें आगे बढ़ना है।’’

राष्ट्रीय डिजीटल स्वास्थ्य अभियान की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नई क्रांति ले आएगा। इससे इलाज में आने वाली परेशानियां कम करने के लिए तकनीक का बहुत सुविचारित रूप से उपयोग होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रत्‍येक भारतीय को स्वास्थ्य पहचान पत्र दिया जाएगा। ये प्रत्‍येक भारतीय के स्‍वास्‍थ्‍य खाते की तरह काम करेगा। आपके स्वास्थ्य संबंधी जारी जानकारी इसमें समाहित की जाएगी।’’

उन्होंने कहा कि भागदौड़ हो और तमाम दिक्‍कतों व मुसीबतों से मुक्ति मिलेगी।

उन्होंने कहा कि भारत में कोविड-19 का टीका अभी परीक्षण के विभिन्न चरणों में है और जैसे ही वैज्ञानिक इसे हरी झंडी देंगे, बड़े पैमाने पर इसके उत्पादन की तैयारी है ताकि कम से कम समय में यह अधिक से अधिक लोगों को उपलब्ध हो सके।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं लोगों को बतलाना चाहता हूं कि हमारे वैज्ञानिकों की प्रतिभा ऋषि-मुनियों जैसी है और वे इस दिशा में कड़ी मेहनत कर रहे हैं। आज भारत में कोराना की एक नहीं, दो नहीं… तीन-तीन टीके इस समय परीक्षण के चरण में हैं। जैसे ही वैज्ञानिकों से हरी झंडी मिलेगी, देश की तैयारी उन टीकों का बड़े पैमाने पर उत्पादन की भी तैयारी है।’’

उन्होंने कहा कि टीका तैयार हो जाने के बाद कम से कम समय में अधिक से अधिक लोगों तक यह पहुंचे यह सुनिश्चित करने के लिए बड़े पैमाने पर उत्पादन का खाका भी तैयार है।

मोदी ने आर्थिक नीतियों में सुधार, कारोबार की सुगमता और अर्थव्यवस्था आधुनिकता की तरफ तेज गति से ले जाने के लिये 110 लाख करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजना पाइपलाइन (एनआईपी) विकसित करने जैसे सरकार की पहल का जिक्र करते हुए कहा कि भारत आत्मनिर्भर बनने के लिए आज जरूरी आत्म विश्वास से भरा हुआ है।

उन्होंने कहा कि दुनिया की बड़ी बड़ी कंपनियां आज भारत की तरफ देख रही हैं। सरकार के सुधारों के परिणाम दिख रहे हैं और पिछले साल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कंपनियों ने कोराना संकट के दौरान भी भारत में भारी पूंजी निवेश किया है।

कच्चे माल के निर्यात की बजाय मूल्यवर्धित और तैयार उत्पाद विनिर्माण करने की आवश्यकता पर बल देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आखिर कब तक हमारे ही देश से गया कच्चा माल, तैयार उत्पाद बनकर वापस आता रहेगा? देश को आत्मनिर्भर बनाना है और इसका मतलब सिर्फ आयात कम करना ही नहीं, हमारी क्षमता, हमारी रचनात्मकता और कौशल को बढ़ाना भी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा संकल्प केवल ‘मेक इन इंडिया नहीं है बल्कि मेक फॉर वर्ल्ड (दुनिया के लिये विनिर्माण) है।’’

मोदी ने कहा, ‘‘आज दुनिया की बड़ी कंपनियां भारत की ओर देख रही हैं…अब हमें मेक इन इंडिया के साथ दुनिया के लिये विनिर्माण के मंत्र के साथ आगे बढ़ना है।’’

उन्होंने कहा कि भारत के युवा और उद्यमी विनिर्माण क्षेत्र में भी अपना झंडा गाड़ सकते है। उन्होंने उदाहरण दिया कि कोरोना संकट के दौरान देश एन-95 फेस मास्क, पीपीई किट और वेंटिलेटर के विनिर्माण के मामले में निर्यात अधिशेष वाला देश बना है।

मोदी ने कहा, ‘‘भारत जो ठान लेता है, उसको कर दिखाता है।’’

उन्होंने कहा कि एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का मुख्य जोर 110 लाख करोड़ रुपये के राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का पाइपलाइन तैयार करना है। ‘‘इसके तहत अलग-अलग क्षेत्रों की लगभग सात हजार परियोजनाओं को चिन्हित भी किया जा चुका है। यह बुनियादी ढांचा क्रांति की तरह होगा।’’

मोदी ने इंटरनेट प्रौगिकी के दौर में साइबर सुरक्षा को बहुत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि सरकार जल्द ही एक समन्वित राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति का खाका प्रस्तुत करेगी।

प्रधानमंत्री ने लोगों से स्थानीय वस्तुओं का मान देने और उसका प्रचार-प्रसार करने को भी कहा।

उन्होंने कहा, ‘‘वोकल फॉर लोकल, लोगों को हुनरमंद बनाने का अभियान, गरीबी की रेखा के नीचे रहने वालों के जीवनस्तर में सुधार लएगा और आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था को गति देगा।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मुझे भरोसा है कि भारत अपने सपने को पूरा करेगा। मुझे अपने देश के नागरिकों की क्षमता, संभावनाओं पर पूरा भरोसा है। एक बार हम निर्णय कर लेते हैं, हम जबतक उसे हासिल नहीं कर लेते, चैन से नहीं बैठते।’’

प्रधानमंत्री ने कोरोना योद्धाओं, स्वतंत्रता के आंदोलन में कुर्बानी देने वाले सभी सेनानियों और देश की रक्षा में शहादत देने वाले जवानों को भी याद किया और उन्हें नमन किया।

इससे पहले लाल किले पहुंचने पर प्रधानमंत्री ने तिरंगा झंडा फहराया और देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। उन्होंने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धाजंलि अर्पित की।

विश्व कल्याण के लिए ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ जरूरी: मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारत को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने पर जोर दिया और इसके लिए एक व्यापक रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कई घोषणाएं भी कीं।

‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ को विश्व कल्याण के लिए भी जरूरी बताते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी भी इस संकल्प से देश को नहीं डिगा सकती है।

प्रधानमंत्री ने ‘मेक इन इंडिया’ के साथ ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ का नारा दिया और ‘‘राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य अभियान’’ की घोषणा की।

प्रधानमंत्री ने 86 मिनट के अपने संबोधन में कहा कि आत्मनिर्भर भारत का मतलब सिर्फ आयात कम करना ही नहीं, अपनी क्षमता, अपनी रचनात्मकता, अपने कौशल को बढ़ाना भी है।

उन्होंने कहा कि सिर्फ कुछ महीने पहले तक एन-95 मास्क, पीपीई किट, वेंटिलेटर ये सब विदेशों से मंगवाये जाते थे लेकिन आज इन सभी में भारत न सिर्फ अपनी जरूरतें खुद पूरी कर रहा है, बल्कि दूसरे देशों की मदद के लिए भी आगे आया है।

उन्होंने कहा कि पिछले साल भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। आज दुनिया की बहुत बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत का रुख कर रही हैं। हमें ‘मेक इन इंडिया’ के साथ-साथ ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ के मंत्र को लेकर आगे बढ़ना है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के बीच भारतीयों ने आत्म-निर्भर होने का संकल्प लिया है और यह केवल शब्द नहीं बल्कि सभी लोगों के लिए मंत्र है।

उन्होंने कहा कि आखिर भारत कब तक कच्चे माल का निर्यात करेगा और तैयार उत्पादों का आयात करेगा, भारत को आत्म-निर्भर होना होगा।

उन्होंने कहा कि भारत की विश्व अर्थव्यवस्था में जो हिस्सेदारी है, वह बढ़नी चाहिए और इसके लिये हमें आत्म-निर्भर होना होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘जब हम आर्थिक वृद्धि और विकास पर ध्यान केंद्रित करें तो मानवता इस प्रक्रिया में केंद्रीय भूमिका में होनी चाहिए।’’

प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कहा कि हमारा मन पूरी तरह से ‘वोकल फॉर लोकल’ (स्थानीय उत्पादों पर जोर देने वाला) होना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर चल रहे तनाव की ओर इशारा करते हुए कहा कि भारत की संप्रभुता का सम्मान सर्वोपरि है और जिसने भी इस पर आंख उठाई, देश व देश की सेना ने उसे उसकी ही भाषा में जवाब दिया।

मोदी ने चीन का नाम लिए बगैर कहा कि संप्रभुता के सम्मान के लिए देश व उसके जवान क्या कर सकते हैं, यह दुनिया ने लद्दाख में हाल ही में देखा।

उन्होंने कहा, ‘‘नियंत्रण रेखा (एलओसी) से लेकर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) तक देश की संप्रभुता पर जिस किसी ने आंख उठाई है, देश ने, देश की सेना ने उसे उसी की भाषा में जवाब दिया है।’’

मोदी ने कहा, ‘‘भारत की संप्रभुता का सम्मान हमारे लिए सर्वोच्च है। इस संकल्प के लिए हमारे वीर जवान क्या कर सकते हैं, देश क्या कर सकता है, ये लद्दाख में दुनिया ने देखा है।’’

प्रधानमंत्री ने गलवान घाटी में चीन के सैनिकों के साथ हुई झड़प में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आतंकवाद हो या विस्तारवाद, भारत आज इनका डटकर मुकाबला कर रहा है।

पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थाई सदस्य के रूप में भारत को 192 में से 184 देशों के मिले समर्थन का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह दर्शाता है कि आज दुनिया का भारत पर विश्वास और मजबूत हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘‘विश्व के 192 में से 184 देशों का भारत को समर्थन मिलना हर हिंदुस्तानी के लिए गर्व की बात है। विश्व में कैसे हमने अपनी पहुंच बनाई है यह उसका उदाहरण है। यह तभी संभव होता है जब भारत खुद मजबूत हो, भारत सशक्त हो, भारत सुरक्षित हो।’’

मोदी ने कहा कि हमारे पड़ोसी देशों के साथ चाहे वे हमसे जमीन से जुड़े हों या समंदर से, हम अपने संबंधों को और विश्वास के साथ जोड़ रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत का लगातार प्रयास है कि अपने पड़ोसी देशों के साथ अपने सदियों पुराने सांस्कृतिक, आर्थिक और सामाजिक रिश्तों को और गहराई दे।’’

उन्होंने दक्षिण एशिया के देशों का आह्वान करते हुए कहा कि पूरे क्षेत्र में जितनी शांति होगी, जितना सौहार्द्र होगा, वह मानवता के काम आएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘पूरी दुनिया का हित इसमें समाहित है।’’

‘मेक इन इंडिया’ के साथ ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ (विश्व के लिए विनिर्माण) का नारा जोड़ते हुए मोदी ने भारत को आर्थिक नीतियों में सुधार और बुनियादी ढांचे के विकास के साथ विश्व आपूर्ति श्रृंखला में विनिर्माण के एक प्रमुख केंद्र के रूप में प्रस्तुत करने का संकल्प पेश किया।

उन्होंने कहा कि भारत अपनी 130 करोड़ जनता के समर्थन के साथ ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ की दिशा में प्रगति करने का सामर्थ्य रखता है।

‘‘आत्मनिर्भरता’’ को कोरोना वायरस महामारी से मिली सबसे बड़ी सीख करार देते हुए प्रधानमंत्री ने ‘‘राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य अभियान’’ की घोषणा की और कहा कि इससे देश के स्वास्थ्य क्षेत्र में नई क्रांति आएगी और तकनीक के माध्यम से लोगों की परेशानियां कम होंगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण की मुख्य बातें:

आजादी के इस पावन पर्व की सभी देशवासियों को बधाई और बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

यह सभी स्वातंत्र्य सेनानियों को, आजादी के वीरों को, नरबांकुरों को, वीर शहीदों को नमन करने का पर्व है। साथ ही मां भारती की रक्षा और सामान्‍य मानव की सुरक्षा में जुटे सेना के जांबाज जवानों, अर्धसैनिक बलों, पुलिस के जवानों, को भी हम नमन करते हैं।

1-कोरोना यौद्धाओं को नमन : इस कोरोना के कालखंड में ‘सेवा परमो धर्म:’ के मंत्र के साथ, पूर्ण समर्पण भाव से मां भारती के लालों की सेवा करने वाले सभी कोरोना warriors को भी मैं आज नमन करता हूं।

2- कारोनो प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना: कोरोना से अनेक हमारे भाई-बहन, कई परिवार प्रभावित हुए हैं। कईयों ने अपनी जान भी गवाई है। मैं ऐसे सभी परिवारों के प्रति अपनी संवेदनशीलता प्रकट करता हूं। 130 करोड़ देश‍वासियों की अदम्‍य इच्‍छा शक्ति, संकल्‍प शक्ति हमें विजय दिलाएगी और हम विजयी होकर रहेंगे।

3-मैं पिछले दिनों north-east पूर्वी भारत, दक्षिण भारत और पश्चिमी भारत के कुछ इलाकों मे आयी बाढ़ और भूस्‍खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित परिवारों के प्रति भी अपनी संवेदना व्यक्‍त करता हूं।

4-आजादी के 75 वर्ष के लिए संकल्प : अगले वर्ष हम अपनी आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर जाएंगे। एक बहुत बड़ा पर्व हमारे सामने है। हम इसे संकल्पों की पूर्ति के रूप में मनाएंगे।

5-आजादी के लिए बलिदान : गुलामी का कोई कालखंड ऐसा नहीं था जब हिंदुस्तान में किसी कोने में आजादी के लिए प्रयास नहीं हुआ हो, प्राण-अर्पण नहीं हुआ हो। भारत का आजादी का आंदोलन दुनिया के अंदर भी एक प्रेरणा का पुंज बन गया… दिव्‍य स्‍तंभ बन गया और दुनिया में भी आजादी की ललक जगी।

6-कोरोना वैश्विक महामारी और आत्‍मनिर्भर भारत : कोरोना वैश्विक महामारी के बीच 130 करोड़ भारतीयों ने संकल्‍प लिया- आत्‍मनिर्भर बनने का…और आत्‍मनिर्भर भारत आज 130 करोड़ देशवासियों के लिए मंत्र बन गया है।

7-आत्‍मनिर्भर भारत और विश्‍व: जब हम आत्‍मनिर्भर भारत की बात करते हैं तो दुनिया को उत्सुकता भी है, भारत से अपेक्षा भी है… और इसलिए हमें उस अपेक्षा को पूर्ण करने के लिए अपने-आप को योग्‍य बनाना बहुत आवश्‍यक है।

8-वसुधैव कुटुम्‍बकम् : आज दुनिया interconnected है, आज दुनिया interdependent है और इसलिए समय की मांग है कि विश्‍व अर्थव्‍यवस्‍था में भारत जैसे विशाल देश का योगदान बढ़ना चाहिए। विश्‍व कल्‍याण के लिए भी ये भारत का कर्तव्य है।

9-भारत की प्राकृतिक संपदा : हमारे देश में अथाह प्राकृतिक संपदा है। आज समय की मांग है कि हमारे इन प्राकृतिक संसाधनों में हम value addition करें, हम अपनी मानव संपदा में मूल्‍यवृद्धि करें, नई ऊंचाइयों पर ले जाएं।

10-कृषि क्षेत्र में सुधार : वैश्विक आवश्‍यकताओं के अनुसार हमारे कृषि जगत में बदलाव की आवश्‍यकता है। विश्व की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए हमें अपने कृषि जगत को भी आगे बढ़ाने की जरूरत है। कौन सोच सकता था कि किसानों की भलाई के लिए APMC जैसे एक्ट में इतने बदलाव हो जाएंगे।

11-वोकल फॉर लोकल : आजाद भारत की मानसिकता होनी चाहिए- Vocal For Local…हमारे जो स्‍थानीय उत्‍पाद हैं उनका हमें गौरवगान करना चाहिए। आइए, हम मिल करके संकल्‍प लें, आजादी के 75 साल के पर्व की ओर जब कदम रख रहे हैं, तब Vocal For Local जीवन मंत्र बन जाए, और हम मिल करके भारत की उस ताकत को बढ़ावा दें।

12-विभिन्‍न क्षेत्रों में सुधार : भारत में परिवर्तन के इस कालखंड के Reforms के परिणामों को दुनिया बारीकी से देख रही है। उसी का कारण है बीते वर्ष भारत में FDI ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। भारत में FDI में 18% की वृद्धि हुई है…बढ़ोतरी हुई है। और इसलिए कोरोना काल में भी दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत की ओर रूख कर रही हैं।

13-राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति हो, One Nation-One Ration Card की बात हो, One Nation-One Grid की बात हो, One Nation-One Tax की बात हो, Insolvency और bankruptcy code उसकी बात हो, चाहे बैंकों को Merger करने का प्रयास हो…सुधार देश की सच्‍चाई बन चुके हैं।

14- दुनियाभर के अनेक Business भारत को supply chain के केंद्र के रूप में आज देख रहे हैं। अब हमें Make in India के साथ-साथ Make for World इस मंत्र को लेकर भी हमें आगे बढ़ना है।

15-राष्‍ट्रीय बुनियादी ढांचा परियोजना : देशवासियों के जीवन को, देश की अर्थव्‍यवस्‍था को कोरोना के प्रभाव से जल्‍दी से जल्‍दी बाहर निकालना आज हमारी प्राथमिकता है। इसमें अहम भूमिका रहेगी National Infrastructure Pipeline Project की। इस पर 110 लाख करोड़ रूपये से भी ज्‍यादा खर्च किये जाएंगे। इसके लिए अलग-अलग सेक्‍टर में लगभग सात हजार projects की पहचान कर ली गई है। इससे देश के Overall Infrastructure Development को एक नई दिशा भी मिलेगी, एक नई गति भी मिलेगी।

16-मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी : Infrastructure को लेकर अब हम silos में नहीं चल सकते हें। हम multi model connectivity Infrastructure को जोड़ने के लिए अब आगे बढ़ रहे हैं। और यह एक नया आयाम होगा, बहुत बड़ा सपना लेकर के इस पर काम शुरू किया है और मुझे विश्‍वास है कि silos को खत्‍म करके हम, इन सारी व्‍यवस्‍था को एक नई ताकत देंगे।

17-श्रम शक्ति का सम्‍मान: किसी भी राष्‍ट्र की आजादी का स्रोत उसका सामर्थ्‍य होता है, उसके वैभव, उन्‍नति, प्रगति का स्रोत उसकी श्रम शक्ति है।
बीते छह वर्षों में देश के मेहनतकश नागरिकों का जीवन बेहतर बनाने के लिए अनेक अभियान चलाए गए हैं। आप देखिए बैंक खाता हो, पक्‍के घर की बात हो, इतनी बड़ी मात्रा में शौचालय बनाने हो, हर घर में बिजली connection पहुंचाना हो, माताओं-बहनों को धुएं से मुक्‍त करने के लिए गैस का कनेक्‍शन देना हो, गरीब से गरीब को बीमा सुरक्षा देने का प्रयास हो, पांच लाख रुपये तक अच्‍छे से अच्‍छे अस्‍पताल में मुफ्त इलाज कराने के लिए आयुष्‍मान भारत योजना हो,राशन की दुकानों को टेक्‍नोलॉजी से जोड़ने की बात हो- हर गरीब, हर व्‍यक्ति बिना किसी भेदभाव के पूरी पारदर्शिता के साथ उसको लाभ पहुंचाने में पिछले छह साल में बहुत अच्‍छी तरह प्रगति की है।

18-गरीब कल्‍याण रोजगार अभियान कोरोना काल में अपने ही गांव में रोजगार के लिए गरीब कल्‍याण रोजगार अभियान शुरू किया गया है। श्रमिक साथी खुद को re-skill करें, up-skill करें इस पर विश्‍वास करते हुए, श्रम-शक्ति पर भरोसा करते हुए, गांव के संसाधनों पर भरोसा करते हुए, हम vocal for local पर बल देते हुए re-skill, up-skill के द्वारा अपने देश की श्रम-शक्ति को, हमारे गरीबों को empower करने की दिशा में हम काम कर रहे हैं।

19-संतुलित विकास : आत्‍मनिर्भर भारत बनाने के‍ लिए संतुलित विकास बहुत आवश्‍यक है और हमने 110 से ज्‍यादा आकांक्षी जिले identify किए हैं, जो average से भी पीछे हैं, उनको सभी parameters में राज्‍य की और राष्‍ट्र की average तक ले आना है।

20-आत्‍मनिर्भर कृषि और आत्‍मनिर्भर‍ किसान : आत्‍मनिर्भर भारत की अहम प्राथमिकता आत्‍मनिर्भर कृषि और आत्‍मनिर्भर‍ किसान हैं और इनको हम कभी भी नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। देश के किसानों को आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर देने के लिए हाल ही में भारत सरकार ने एक लाख करोड़ रुपए agriculture infrastructure के लिए आवंटित किए हैं।

21-किसानों की आय दोगुनी करना: किसानों की आय बढ़ाने के लिए अनेक वै‍कल्पिक चीजों पर भी बल दिया है। उसकी किसानी में input cost कैसे कम हो, Solar pump उसको डीजल पंप से मुक्ति कैसे दिला दें, अन्‍नदाता ऊर्जादाता कैसे बने, मधुमक्‍खी पालन हो, fisheries हो, poultry हो, ऐसी अनेक चीजें उसके साथ जुड़ जाएं, ताकि उसकी आय दोगुनी हो जाए, उस दिशा में हम लगातार काम कर रहे हैं।

22-ग्रामीण उद्योग : ग्रामीण उद्योगों को मजबूत करने की जरूरत है। ग्रामीण क्षेत्रों में विशिष्‍ट प्रकार से आर्थिक कलस्‍टर बनाए जाएंगे। कृषि और गैर-कृषि उद्योगों का गांव के अंदर एक जाल बनाया जाएगा और उसके कारण उसके साथ-साथ किसानों के लिए जो नये FPO किसान उत्‍पादक संघ बनाने की हमने कोशिश की है, वो अपने-आप में एक बहुत बड़ा economic empowerment का काम करेगा।

23-जल जीवन मिशन : मैंने पिछली बार यहां पर जल-जीवन मिशन की घोषणा की थी, आज उसको एक साल हो रहा है। मुझे संतोष है कि प्रतिदिन हम एक लाख से ज्‍यादा घरों में पाईप से जल पहुंचा रहे हैं और पिछले एक साल में 2 करोड़ परिवारों तक हम जल पहुंचाने में सफल हुए हैं।

24-मध्‍यम वर्ग को सुविधाएं : मध्‍यमवर्ग को सरकारी दखलंदाजी से मुक्ति चाहिए, मध्‍यम वर्ग को अनेक नए अवसर चाहिए, उसको खुला मैदान चाहिए और हमारी सरकार लगातार मध्‍यम वर्ग के इन सपनों को पूरा करने के लिए काम कर रही है। मध्‍यम वर्ग का पहला सपना होता है अपना घर होना चाहिए। देश में बहुत बड़ा काम हमने EMI के क्षेत्र में किया और उसके कारण Home Loan सस्‍ते हुए और जब एक घर के लिए कोई लोन लेता है तो लोन पूरी करते-करते करीब 6 लाख रुपये की उसको छूट मिल जाती है।
MSME Sector में जो Reforms हुए है, Agriculture Sector में जो Reforms हुए है, इसका सीधा-सीधा लाभ मध्‍यम वर्गीय मेहनतकश परिवारों को जाने वाला है और उसके कारण हजारों-करोड़ों रुपयों का Special Fund, आज जो हमारे व्‍यापारी बंधुओं को, हमारे लघु उद्योगकारों को हम दे रहे हैं, उनको इसका लाभ मिलने वाला है।

25-कराधान में सुविधाएं : GST में बहुत तेजी से Taxation कम हुआ है, Income Tax कम हुआ है। Co-operative बैंकों को RBI से जोड़ना…ये अपने आप में मध्‍यम वर्गीय परिवारों के पैसों को सुरक्षित रखने की गारंटी इसके साथ जुड़ी हुई है।

26-नई राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति : आत्‍मनिर्भर भारत के निर्माण में, आधुनिक भारत के निर्माण में, नए भारत के निर्माण में, समृद्ध और खुशहाल भारत के निर्माण में, देश की शिक्षा का बहुत बड़ा महत्‍व है। इसी सोच के साथ देश को तीन दशक के बाद नई राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति देने में हम आज यशस्‍वी हुए हैं। राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति हमारे विद्यार्थियों को जड़ से जोड़ेगी। लेकिन साथ-साथ उनको एक Global Citizen बनाने का भी पूरा सामर्थ्‍य देगी।

27-नवाचार पर बल : राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति में National Research Foundation पर विशेष बल दिया गया है, क्‍योंकि देश को प्रगति करने के लिए innovation बहुत आवश्‍यक होता है। innovation को जितना बल मिलेगा… research को जितना बल मिलेगा, उतना ही देश को आगे ले जाने में… competitive world में आगे बढ़ने में बहुत ताकत मिलेगी।

28-डिजिटल इंडिया : कभी-कभी आफत में भी कुछ ऐसी चीजें उभरकर आ जाती हैं, नई ताकत दे देती हैं और इसलिए आपने देखा होगा कोरोना काल में online classes एक प्रकार से culture बन गया है।

29-ऑनलाइन ट्रांजैक्‍शन : देश में online digital transaction भी तेजी बढ़ रहे हैं। भारत जैसे देश में यूपीआई भीम के ज़रिए एक महीने में 3 लाख करोड़ रूपये का transaction हुआ है।

30-पंचायतों तक optical fibre network : 2014 से पहले हमारे देश में 5 दर्जन पंचायतों में optical fibre था। गत 5 वर्ष में डेढ़ लाख ग्राम पंचायतों तक optical fibre network पहुंच गया जो आज इतना मदद कर रहा है। हमने तय किया है कि छह लाख से अधिक गांवों में हजारों-लाखों किलोमीटर optical fibre का काम चलाया जाएगा। 1000 दिन के अंदर-अंदर देश के छह लाख से अधिक गांवों में optical fibre network का काम पूरा कर दिया जाएगा।

31-साइबर सुरक्षा : बदलती हुई technology में cyber space पर हमारी निर्भरता बढ़ती जाने वाली है लेकिन cyber space से खतरे भी जुड़े हुए हैं। भारत बहुत सतर्क है और इन खतरों का सामना करने के लिए फैसला ले रहा है। सरकार जल्‍द ही नई साइबर सुरक्षा नीति का पूरा खाका देश के सामने लायेगी।

32-महिला शक्ति : भारत में महिला शक्ति को जब-जब भी अवसर मिले, उन्‍होंने देश का नाम रोशन किया है, देश को मजबूती दी है। महिलाओं को रोजगार और स्‍व-रोजगार के समान अवसर देने के लिए आज देश प्रतिबद्ध है। आज भारत दुनिया के उन देशों में है जहां नौसेना और वायुसेना में महिलाओं को combat role में शामिल किया जा रहा है।

33-महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण : 40 करोड़ जन-धन खातों में 22 करोड़ खाते हमारी बहनों के हैं। 25 करोड़ के करीब मुद्रा लोन दिए गए हैं, उसमें 70 प्रतिशत मुद्रा लोन लेने वाली हमारी माताएं-बहनें हैं।

34-महिला स्‍वास्‍थ्‍य : गरीब बहन-बेटियों के बेहतर स्वास्थ्य की भी चिंता ये सरकार लगातार कर रही है। हमने जन-औषधि केंद्र के अंदर एक रूपये में sanitary pad पहुंचाने के लिए बहुत बड़ा काम किया है। बेटियों में कुपोषण खत्‍म हो, उनकी शादी की सही आयु क्‍या हो, इसके लिए हमने कमेटी बनाई है। उसकी रिपोर्ट आते ही बेटियों की शादी की उम्र के बारे में भी उचित फैसले लिए जाएंगे।

35-स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र : कोरोना काल खंड में Health Sector की तरफ ध्‍यान जाना बहुत स्‍वाभाविक है। कोरोना की शुरुआत के समय इसकी जांच के लिए हमारे देश में सिर्फ एक Lab थी, आज 1400 Labs का नेटवर्क हिन्‍दुस्‍तान के हर कोने में फैला हुआ है। जब कोरोना का संकट आया तो एक दिन में सिर्फ 300 टेस्‍ट हो पाते थे। आज हर दिन 7 लाख से ज्‍यादा टेस्‍ट हम कर पा रहे हैं।

36-देश में नए AIIMS, नए Medical College का निर्माण, आधुनिकीकरण की दिशा में हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं। पांच साल में MBBS, MD में 45 हजार से ज्‍यादा students के लिए सीटों की बढ़ोतरी की गई है।

37-नेशनल डिजिटल हेल्‍थ मिशन : Health Sector में आज से National Digital Health Mission का भी आरंभ किया जा रहा है। इसमें technology का भी बहुत बड़ा रोल रहेगा। भारत के Health Sector में ये एक नई क्रांति ले आएगा। प्रत्‍येक भारतीय को Health ID दी जाएगी। ये Health ID प्रत्‍येक भारतीय के स्‍वास्‍थ्‍य खाते की तरह काम करेगी।

38-कोरोना वैक्‍सीन : देश के वैज्ञानिक कोराना का टीका विकसित करने में जी-जान से जुटे हुए हैं। भारत में एक नहीं, दो नहीं, तीन-तीन vaccine टेस्टिंग के अलग-अलग चरण में हैं। वैज्ञानिकों से जब हरी झंडी मिल जाएगी, बड़े पैमाने पर Production होगा और उनकी तैयारियां भी पूरी तरह Ready हैं।

39-लेह-लद्दाख, कारगिल, जम्‍मू-कश्‍मीर… को एक वर्ष पूर्व अनुच्छेद 370 से आजादी मिल चुकी है… एक साल पूरा हो चुका है। ये साल जम्‍मू-कश्‍मीर की एक नई विकास यात्रा का बड़ा महत्‍वपूर्ण पड़ाव है। ये साल वहां की महिलाओं को, दलितों को, मूलभूत अधिकारों को देने वाला कालखंड रहा है। ये हमारे शरणार्थियों को गरिमा पूर्ण जीवन जीने का भी एक साल रहा है।

40-जम्‍मू-कश्‍मीर में स्‍थानीय इकाइयों के जनप्रतिनिधि सक्रियता और संवेदनशीलता के साथ विकास के नए युग को आगे बढ़ा रहे हैं। मैं इस विकास यात्रा में सक्रिय भागीदारी के लिए सभी पंच-सरपंचों को हृदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
जम्‍मू-कश्‍मीर में Delimitation की प्रक्रिया चल रही है। सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्‍यायमूर्ति के नेतृत्‍व में Delimitation का काम चल रहा है और जल्‍दी से Delimitation का काम पूरा होते ही भविष्‍य में वहां चुनाव हों, जम्‍मू-कश्‍मीर का M.L.A हो, जम्‍मू-कश्‍मीर के मंत्रीगण हों, जम्‍मू-कश्‍मीर के मुख्‍यमंत्री हों… नई ऊर्जा के साथ विकास के मार्ग पर आगे बढ़ें, इसके लिए देश प्रतिबद्ध भी है और प्रयासरत भी है।
लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बनाकर के बरसों पुरानी जो उनकी मांग थी, उनकी आंकाक्षा थी, उसे हमने पूरा किया है। हिमालय की ऊंचाइयों में बसा लद्दाख विकास के नए शिखर की ओर आगे बढ़ रहा है। अब central university वहां पर बन रही है। नए research centre बन रहे हैं, hotel management के courses वहां चल रहे हैं। बिजली के लिए साढ़े सात हजार मेगावाट के Solar Park के निर्माण की योजना बन रही है।

41-मेरे प्‍यारे देशवासियो, भारत ने दिखाया है कि पर्यावरण के साथ संतुलन रखते हुए भी तेज विकास संभव है। आज भारत one world, one sun, one grid के vision के साथ पूरी दुनिया को खासतौर से सौर ऊर्जा के क्षेत्र में प्रेरित कर रहा है।

42-Renewable energy के उत्‍पादन के मामले में आज भारत दुनिया के top पांच देशों में अपनी जगह बना चुका है। प्रदूषण के समाधान को लेकर भारत सजग भी है और भारत सक्रिय भी है।

43-पेट्रोल से प्रदूषण कम करने के लिए ethanol का उत्‍पादन बढ़ाने और उसके इस्‍तेमाल पर बल दिया जा रहा है। पांच साल पहले देश में 40 करोड़ लीटर ethanol का उत्‍पादन होता था। आज यह पांच गुना बढ़कर 200 करोड़ liter हो गया है। जो पर्यावरण के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध हो रहा है।

44-मेरे प्‍यारे देशवासियो, देश के चुने हुए 100 शहरों में, प्रदूषण कम करने के लिए, हम एक holistic approach के साथ, आधुनिक technology का भरपूर उपयोग करते हुए हम प्रदूषण कम करने की दिशा में एक मिशन मोड में काम करने वाले हैं।
45-सीमाओं की रक्षा : इतनी आपदाओं के बीच सीमा पर भी देश के सामर्थ्‍य को चुनौती देने के दुष्प्रयास हुए हैं। लेकिन LOC से लेकर LAC तक देश की संप्रभुता पर जिस किसी ने आंख उठाई देश की सेना ने, हमारे वीर-जवानों ने उसका उसी की भाषा में जवाब दिया है।

46-भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरा देश एक जोश से भरा हुआ है, संकल्‍प से प्रेरित है। इस संकल्‍प के लिए हमारे वीर-जवान क्‍या कर सकते हैं, देश क्‍या कर सकता है…ये लद्दाख में दुनिया ने देख लिया है। मैं आज मातृभूमि पर न्‍यौछावर उन सभी वीर-जवानों को लालकिले की प्राचीर से आदरपूर्वक नमन करता हूं।

47-आतंकवाद और विस्‍तारवाद का मुकाबला : आतंकवाद और विस्तारवाद का भारत आज डटकर मुकाबला कर रहा है। आज दुनिया का भारत पर विश्‍वास और मजबूत हुआ है। पिछले दिनों संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद के अस्‍थायी सदस्‍य के रूप में 192 में से 184 देशों का भारत को समर्थन मिलना, ये हर हिन्‍दुस्‍तानी के लिए गर्व की बात है।

48-पड़ोसी देशों से संबंध : भारत का लगातार प्रयास है कि अपने पड़ोसी देशों के साथ हम अपने सदियों पुराने सांस्‍कृतिक, आर्थिक और सामाजिक रिश्‍तों को और गहराई दें। पड़ोसी सिर्फ वो ही नहीं है जिनसे हमारी भौगोलिक सीमाएं मिलती हैं, बल्कि वे भी हैं जिनसे हमारे दिल मिलते हैं… जहां रिश्‍तों में समरसता होती है, मेलजोल रहता है।

49-मुझे खुशी है बीते कुछ समय में भारत ने Extended Neighbourhood के सभी देशों के साथ अपने संबंधों को और मजबूत किया है। हमारे पूर्व के आसियान देश जो हमारे maritime पड़ोसी भी हैं, वो भी हमारे लिए बहुत विशेष महत्‍व रखते हैं। इनके साथ भारत का हजारों वर्ष पुराना धार्मिक और सांस्‍कृतिक संबंध है। बौद्ध धर्म की परम्‍पराएं हमें उनसे जोड़ती है।

50-रक्षा क्षेत्र में आत्‍मनिर्भरता : रक्षा उत्‍पादन में आत्‍मनिर्भर भारत के लिए बड़े कदम उठाए गए हैं। हाल ही में 100 से ज्‍यादा सैन्‍य उपकरणों के आयात पर हमने रोक लगा दी है- मिसाइलों से लेकर के हल्‍के युद्धक हेलीकॉप्‍टरों तक, assault राइफल से लेकर ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट तक सभी मेक इन इंडिया हो गए। देश की सुरक्षा में हमारे बॉर्डर और costal Infrastructure की बहुत बड़ी भूमिका हे। आज हिमालय की चोटियां हो, या हिंद महासागर के द्वीप, हर दिशा में connectivity के विस्‍तार पर जोर दिया जा रहा है।

51-सीमावर्ती क्षेत्रों में युवाओं को प्रशिक्षण : करीब 173 सीमावर्ती जिलों में हम करीब-करीब एक लाख नये NCC के cadets तैयार करेंगे और उसमें एक तिहाई हमारी बेटियां हों, यह भी प्रयास रहेगा। बॉर्डर एरिया के cadets को सेना प्रशिक्षित करेगी। coastal एरिया के जो cadets हैं उनको Navy के लोग प्रशिक्षित करेंगे और जहां air base हैं वहां के कैडिट्स को एयरफोर्स की तरफ से training दी जाएगी।

52-देश के द्वीपीय क्षेत्रों में कनेक्टिविटी : पिछले सप्‍ताह अंडमान-निकोबार में submarine optical fiber cable project का लोकार्पण हुआ। अंडमान-निकोबार को भी चेन्‍नई और दिल्‍ली जैसी internet सुविधा अब उपलब्‍ध होगी। अब हम आगे लक्षद्वीप को भी इसी तरह जोड़ने के लिए काम को आगे बढ़ाने वाले हैं।

53-बीते वर्ष की महत्‍वपूर्ण उपलब्धियां : बीते एक साल में ही देश ने बड़े और महत्‍वपूर्ण फैसलों के पड़ाव को पार कर लिया है। गांधीजी की 150वीं जयंती पर भारत के गांवों ने खुद को खुले में शौच से मुक्‍त किया है। आस्‍था की वजह से प्रताड़ित शरणार्थियों को नागरिकता देने का कानून, दलितों, पिछड़ों, ओबीसी के लिए आरक्षण के अधिकार को बनाने की बात हो, असम और त्रिपुरा में ऐतिहासिक शांति समझौता हो, फौज की सामूहिक शक्ति को और प्रभावी बनाने के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टाफ की नियुक्ति हो, करतारपुर साहिब कॉरिडोर का रिकॉर्ड समय में निर्माण हो… देश ने इतिहास बनाया, इतिहास बनते देखा, असाधारण काम करके दिखाया।

54-राम मंदिर के लिए भूमि पूजन साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल : 10 दिन पूर्व अयोध्‍या में भगवान राम के भव्‍य मंदिर का निर्माण शुरू हुआ है। राम जन्‍मभूमि के सदियों पुराने विषय का शांतिपूर्ण समाधान हो चुका है। देश के लोगों ने जिस संयम के साथ और समझदारी के साथ आचरण किया है, व्‍यवहार किया है, यह अभूतपूर्व है और भविष्‍य के लिए हमारे लिए प्रेरणा कारक है। शांति, एकता और सद्भावना यही तो आत्‍मनिर्भर भारत की ताकत बनने वाली है।

55-एक भारत श्रेष्ठ भारत : हमारी policy, हमारे process, हमारे products सब कुछ उत्‍तम से उत्‍तम हों, best हों, तभी ‘एक भारत-श्रेष्‍ठ भारत’ की परिकल्‍पना साकार होगी।

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