नयी दिल्ली, 11 मार्च । प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली दंगों के सिलसिले में निलंबित आप पार्षद ताहिर हुसैन, इस्लामी समूह पीएफआई तथा कुछ अन्य के खिलाफ धन शोधन और दंगों के लिए कथित तौर पर पैसा मुहैया करवाने का मामला दर्ज किया।
अधिकारियों ने बताया कि हुसैन के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसी ने मामला धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज किया है।
गौरतलब है कि हुसैन पर पिछले महीने उत्तरपूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के दौरान खुफिया ब्यूरो के एक कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या का भी आरोप है। शर्मा का शव चांद बाग इलाके में एक नाले में मिला था। शर्मा के परिवार ने हुसैन पर हत्या का आरोप लगाया है। हालांकि वे इस आरोप को नकारते रहे हैं।
पीएफआई पर भी धन शोधन का मामला दर्ज किया गया है। यह संगठन देश के विभिन्न हिस्सों में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों को कथित तौर पर बढ़ावा देने संबंधी एक पीएमएलए जांच का सामना पहले से कर रहा है।
संगठन पर आरोप है कि उसने देश में सीएए विरोधी प्रदर्शनों को बढ़ावा देने के लिए कथित तौर पर 120 करोड़ रूपये मुहैया करवाए। एजेंसी बीते पखवाड़े में संगठन के कई पदाधिकारियों से पूछताछ कर चुकी है।
यह मामला पीएफआई तथा अन्य सहयोगी संगठनों के खिलाफ 2018 की एनफोर्समेंट केस इंफर्मेशन रिपोर्ट के आधार पर बना है। यह रिपोर्ट पुलिस प्राथमिकी के बराबर है।
संगठन का दावा है कि उसके वित्तीय लेनदेन पूरी तरह से पारदर्शी हैं।
मामले में पूछताछ के लिए ईडी हुसैन को हिरासत में देने की मांग कर सकती है। हुसैन वर्तमान में दिल्ली पुलिस की हिरासत में है।
अधिकारियों ने बताया कि संघीय एजेंसी ने हुसैन, पीएफआई तथा अन्य के खिलाफ कथित धन शोधन तथा अवैध धन मुहैया करवाने के मामले की जांच के संबंध में दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज की गई कुछ प्राथमिकियों का संज्ञान लिया। आरोप है कि दंगे भड़काने में कथित तौर पर हुसैन, पीएफआई तथा अन्य का हाथ है।
दंगों में 53 लोग मारे गए थे और 200 से अधिक लोग घायल हुए थे।