नईदिल्ली 2 जुलाई।पीएनबी घोटाले का आरोपी और भगोड़े, घोटालेबाज और हीरा कारोबारी नीरव मोदी का कद आज डाॅन से भी बड़ा हो गया है. क्योंकि, उसकी तलाश 192 देशों की पुलिस को है.
दरअसल, 13,578 करोड़ रुपए के घोटाले के मामले में इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस और्गनाइजेशन (इंटरपोल) ने सोमवार को नीरव मोदी के खिलाफ रेड कौर्नर नोटिस (RCN) जारी कर दिया है.
पंजाब नेशनल बैंक फ्रौड के आरोपी नीरव मोदी के खिलाफ विदेश में यह पहला एक्शन है.
नीरव मोदी के अलावा, इंटरपोल ने उनके भाई निश्चल मोदी और कंपनी के एग्जिक्युटिव सुभाष परब को भी 13578 करोड़ रुपए के घोटाले में रेड कौर्नर नोटिस जारी किया है. नीरव और उनके मामा मेहुल चोकसी पर पंजाब नशनल बैंक के साथ बड़ी धोखाधड़ी करने का आरोप है.
इंटरपोल के रेड कौर्नर नोटिस क्या है
भगोड़े नीरव मोदी के खिलाफ रेड कौर्नर नोटिस में इंटरपोल ने अपने सहयोगी 192 देशों से उसे गिरफ्तार करने को कहा है.
इंटरपोल ने कहा है कि नीरव मोदी को देखते ही गिरफ्तार कर लिया जाए.
विदेश में नीरव मोदी की गिरफ्तारी के बाद उसके एक्स्ट्राडिशन यानी भारत लाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
रेड कौर्नर नोटिस जारी करवाने का उद्देश्य अन्य देशों को आरोपी के बारे में सतर्क करना है. इससे आरोपी की यात्रा पर रोक लगेगी और उसे संबंधित देश में औपचारिक तौर पर गिरफ्तार किया जाएगा.
पासपोर्ट रद्द के बाद भी ट्रैवल कर रहा था नीरव
सीबीआई ने 15 फरवरी को डिफ्यूशन नोटिस जारी कर नीरव मोदी के हर कदम पर निगाह रखने की मांग की थी. हालांकि, उसे कोई खास कामयाबी नहीं मिली थी. क्योंकि, ब्रिटेन के अलावा किसी और ने सीबीआई की इस मांग का जवाब नहीं दिया था. इस दौरान नीरव मोदी पासपोर्ट रद्द होने के बाद एक देश से दूसरे देश में यात्रा कर रहा था.
सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा था कि पासपोर्ट रद्द करने के बाद डिफ्यूजन नोटिस में जारी की गई. इंटरपोल के सभी सदस्यों को भी 24 फरवरी को इस संबंध में जानकारी दी गई थी.
CBI-ED की मांग पर जारी किया नोटिस
आपको बता दें, नीरव मोदी के खिलाफ फरवरी में एफआईआर दर्ज होने के तुरंत बाद भारतीय जांच एजेंसियों ने RCN जारी करने के लिए इंटरपोल से संपर्क किया था.
सूत्रों के मुताबिक, CBI और ED के धोखाधड़ी, क्रिमिनल कौन्सपिरेंसी, करप्शन, मनी लौन्ड्रिंग के केस में यह नोटिस जारी किया गया है.
CBI ने 6 देशों से मांगी जानकारी
सीबीआई ने कुछ समय पहले 6 देशों से नीरव मोदी के संबंध जानकारी मांगी थी. सीबीआई को आशंका थी कि इन देशों में नीरव मोदी ने यात्रा की है.
एजेंसी ने इन देशों से नीरव मोदी की जानकारी और उसके हर कदम की जानकारी शेयर करने का अनुरोध था. सीबीआई ने 25 अप्रैल, 22 मई, 24 मई और 28 मई को इंटरपोल कौरडिनेशन एजेंसी को रिमाइंडर्स भेजे थे.
इसी तरह की जानकारी अमेरिका, सिंगापुर, बेल्जियम, यूनाइटेड अरब एमिरेट्स और फ्रांस से भी मांगी गई थी.
क्या होता है रेड कौर्नर नोटिस
इंटरपोल कुल मिलाकर 7 तरह के नोटिस जारी करता है. इनमें से छह नोटिस के नाम कलर के नाम पर रखे गए हैं. रेड कौर्नर नोटिस भी इन्हीं में से एक होता है. इसके अलावा, ब्लू, ग्रीन, येलो, ब्लैक, औरेंज और इंटरपोल यूएन नाम से नोटिस जारी किए जाते हैं. रेड कौर्नर नोटिस को किसी सदस्य देश के कहने पर जारी किया जाता है.
इसका मकसद सभी सदस्य देशों को यह सूचना देना होता है कि आरोपी शख्स के खिलाफ उसके देश में अरेस्ट वारंट जारी हो चुका है. रेड कौर्नर नोटिस इंटरनेशनल अरेस्ट वारंट नहीं होता क्योंकि अरेस्ट वारंट जारी करने का हक संबंधित देश को ही है. लेकिन मोटे तौर पर इसे इंटरनेशनल अरेस्ट वारंट की तरह ही लिया जाता है.
इंटरपोल ऐसे लोगों को गिरफ्तार करने के लिए न तो अपने अधिकारियों को भेजता है और न ही अपने सदस्य देशों में से किसी से यह डिमांड करता है कि उस शख्स को गिरफ्तार किया जाए.attacknews.in