मुंबई 22 मई । केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की पूर्व एमडी और सीईओ ऊषा अनंतसुब्रमण्यन और बैंक के कुछ अधिकारी हीरा व्यापारी नीरव मोदी के कारनामों से वाकिफ थे लेकिन आरबीआई को गुमराह किया।
सीबीआई की एक विशेष अदालत ने आरोप पत्र पर संज्ञान लिया और जांच एजेंसी को नीरव मोदी, उसके भाई निशाल और नीरव मोदी समूह के एक कर्मचारी सुभाष पारब के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने के लिए कहा है।
आपको बता दें कि करीब 13 हजार करोड़ रुपये के घोटाला मामले में अपने आरोप पत्र में सीबीआई ने कहा कि आरबीआई ने अक्टूबर 2016 से पीएनबी के पास कई प्रश्नावली भेजी थी ताकि यह पता लग सके कि बैंक ने लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग्स और लेटर्स ऑफ क्रेेडिट्स जारी करने से पहले किन प्रक्रियाओं का पालन किया था।
सीबीआई ने कहा है कि इसे आरोपियों अनंतसुब्रमण्यन और बैंक के कार्यकारी निदेशकों के वी ब्रह्माजी राव, संजीव शरण और नेहल अहाद द्वारा निपटाया गया और सही ढंग और तथ्यों पर जवाब देने के बजाय अहाद और बैंक के मुख्यालय के अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग डिवीजन के महाप्रबंधक ने भ्रामक जवाब तैयार किया और शरण से मंजूरी लेने के बाद इसे आरबीआई को भेज दिया।
12 हजार पृष्ठ के आरोप पत्र में दावा किया गया कि इसी तरह की एक धोखाधड़ी 2016 में सामने आई और इसके बाद आरबीआई ने सभी बैंकों को परिपत्र जारी किए थे।attacknews.in