मुंबई/नयी दिल्ली, 14 अक्टूबर ।प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को कहा कि उसने पीएमसी बैंक धन शोधन मामले में 3,830 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है और पहचान की है।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि वह ‘हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटिड’ (एचडीआईएल) , इसके प्रवर्तकों, पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक के अधिकारियों और अन्य की कई संपत्तियों का मूल्यांकन कर रही है।
पहचान की गई संपत्तियों को जल्द ही धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कुर्क किया जाएगा।
ईडी ने एक बयान में बताया कि अपराध से संबंधित शेष पैसे का पता लगाने के लिए जांच जारी है।
ईडी का मामला मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओडब्ल्यू) की ओर से दायर प्राथमिकी पर आधारित है। केंद्रीय एजेंसी ने इस महीने के शुरू में इस मामले में छापेमारी की थी
पीएमसी बैंक घोटाला: वाधवन, सिंह समेत तीन आरोपियों की पुलिस हिरासत 16 अक्टूबर तक बढ़ी-
मुंबई की एक अदालत ने पीएमसी बैंक घोटाले मामले में सोमवार को हाउसिंग डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक राकेश कुमार वाधवन तथा उनके बेटे सारंग वाधावन और बैंक के पूर्व चेयरमैन वरयाम सिंह की पुलिस हिरासत 16 अक्टूबर तक बढ़ा दी।
सैकड़ों की संख्या में जमाकर्ता इस मामले को ” सफेदपोश अपराध ” ठहराते हुए अदालत के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। वे आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और अपना पैसे जल्द से जल्द वापस दिलाये जाने की मांग कर रहे हैं।
पंजाब एंड महाराष्ट्र को – ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक मामले में पुलिस ने तीनों आरोपियों को सोमवार को महानगर मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया।
मामले की जांच कर रही मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने तीनों की हिरासत की मांग की।
मजिस्ट्रेट एस . जी . शेख ने पुलिस की हिरासत अर्जी पर विचार करते हुए तीनों की हिरासत 16 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दी है।
पीएमसी बैंक में 4,355 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल होने के आरोप में वाधावन और उनके बेटे को तीन अक्टूबर और सिंह को पांच अक्टूबर को गिरफ्तार किया था।
पीएमसी बैंक से जुड़े घटनाक्रमों पर सरकार की नजर: निर्मला सीतारमण
सरकार पंजाब एंड महाराष्ट्र को – ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक मामले से जुड़े घटनाक्रमों पर बारीकी से नजर रखे हुए है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को यह बात कही।
उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने भरोसा दिया है कि पीएमसी बैंक के ग्राहकों के हितों की रक्षा की जाएगी।
पीएमसी बैंक में वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आने के बाद केंद्रीय बैंक ने इस बैंक के ग्राहकों के लिये नकद निकासी की सीमा तय करने के साथ ही बैंक पर कई तरह के अन्य प्रतिबंध लगा दिये। हाल ही में, रिजर्व बैंक ने ग्राहकों को राहत देते हुए निकासी की सीमा को बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दिया।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के प्रमुखों के साथ बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा , ” आरबीआई गवर्नर ने मुझे आश्वासन दिया है कि वह ग्राहकों के हित को ध्यान में रखेंगे और जल्द से जल्द उनकी दिक्कतें दूर करने का प्रयास किया जाएगा … मैंने आज दोपहर आरबीआई गवर्नर के साथ चर्चा की थी और मैं इसकी बारीकी से निगरानी कर रहा हूं। ”
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार जमा पर गारंटी की सीमा को एक लाख रुपये से बढ़ाने पर विचार कर सकती है। यदि ऐसा होता है तो इसे संसद के माध्यम से किया जाएगा।
डिपॉजिट इंश्योरेंस ए ण्ड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (डीआईसीजीसी) बैंक खाते में जमा ग्राहक की रकम का अधिकतम एक लाख रुपये का बीमा करती है। इसमें मूलधन और ब्याज दोनों रकम शामिल है। किसी वजह से बैंक का कामकाज बंद होने की स्थिति में जमाकर्ता को बीमा कंपनी इस रकम का भुगतान करती है।
सीतारमण ने कहा कि उन्होंने आरबीआई गवर्नर के साथ इस बात पर विचार – विमर्श किया कि क्या एक लाख रुपये की जमा गारंटी को तुरंत जारी किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि हालांकि , गवर्नर ने सूचित किया है कि बैंक बंद होने के बाद ही जमा गारंटी जारी की जा सकती है।