नयी दिल्ली 23 मई । सत्रहवीं लोकसभा के चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में बंद जनादेश गुरुवार को सामने आ जायेगा और इसके साथ ही यह तय हो जायेगा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन एक बार फिर सत्ता में आयेगा या देश की कमान किसी अन्य गठबंधन के हाथ में जायेगी।
मतदान बाद के अधिकतर सर्वेक्षणों (एग्जिट पोल) में राजग को फिर से बहुमत का अनुमान लगाया गया है, लेकिन असली फैसला मतगणना से होगा। राजग जहाँ एग्जिट पोल के अनुमानों को सही ठहराते हुये दावा कर रहा है कि पाँच साल के उसके काम के आधार पर उसकी जीत सुनिश्चित है, वहीं कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने एग्जिट पोल को गुमराह करने वाला बताया है।
लोकसभा की 542 सीटों के लिए 11 अप्रैल से 19 मई तक सात चरणों में मतदान हुआ जिसमें करीब 91 करोड़ मतदाताओं में से लगभग 67 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
इस चुनाव में 7,988 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारतीय जतना पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन अध्यक्ष सोनिया गाँधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के अधिकतर मंत्री, कई दलों के प्रमुख, कई पूर्व मुख्यमंत्री तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री शामिल हैं।
लोकसभा के साथ-साथ चार राज्यों – आँध्र प्रदेश, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश तथा सिक्किम – के विधानसभा चुनावों की मतगणना भी सुबह आठ बजे शुरू होगी। इन राज्यों में भी 11 अप्रैल से 29 अप्रैल के बीच मतदान कराये गये थे। इसके लिए देशभर में सभी मतगणना केंद्रों पर तैयारियाँ पूरी कर ली गयी हैं और सुरक्षा के सख्त और व्यापक इंतजाम किये गये हैं।
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों तथा पुलिस महानिदेशकों से मतगणना के दौरान कानून-व्यवस्था बनाये रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिये हैं।
मतगणना शुरू होने के समय वीवीपैट की पर्चियों का ईवीएम से मिलान करने की 22 विपक्षी दलों की माँग ठुकराने के बाद आयोग ने पहले की तरह ही मतों की गिनती कराने का फैसला किया है। इसके तहत प्रत्येक लोकसभा सीट के तहत आने वाले हर विधानसभा क्षेत्र की पाँच वीवीपैट मशीनों की पर्चियों का ईवीएम में दर्ज मतों से मिलान मतगणना पूरी होने के बाद किया जायेगा। इस बारे में सभी आवश्यक दिशानिर्देश राज्य चुनाव अधिकारियों को दे दिये गये हैं।
मतों की गिनती के लिए चुनाव आयोग द्वारा पहले से निर्धारित नियमों और प्रक्रियाओं का पालन किया जायेगा और इसमें किसी तरह की खामियों तथा गड़बड़ियों को तत्काल दूर करने की भी व्यवस्था की गयी है ताकि मतगणना सुचारू और निर्बाध रूप से चलती रहे। भीषण गर्मी को देखते हुये मतगणना में भाग लेने वाले कर्मचारियों और राजनीतिक दलों के एजेंटों की सुविधा के लिए भी विशेष प्रबंध किये गये हैं।
चुनाव परिणाम आयोग की वेबसाइट और ‘वोटर हेल्पलाइन ऐप’ पर उपलब्ध होंगे। आयोग ने इस बार के लोकसभा चुनाव के लिए 55 लाख ईवीएम का उपयोग किया है। वीवीपैट मिलान प्रक्रिया में चार से पाँच घंटे का समय लग सकता है जिसके कारण चुनाव परिणाम में कुछ देरी होने की संभावना है।
attacknews.in