लाहौर, छह दिसंबर ।पाकिस्तान के दंत चिकित्सा महाविद्यालय के छात्रावास में रहस्यमयी परिस्थितियों में मृत पाई गई हिंदू छात्रा ने आत्महत्या की थी क्योंकि वह गंभीर तनाव से गुजर रही थी। मामले की जांच करने वाले न्यायिक आयोग ने यह बात कही।
आयोग की यह बात छात्रा की अंतिम पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के उलट है, जिसमें कहा गया था कि उसकी हत्या की गई।
गौरतलब है कि सिंध प्रांत में बीबी आसिफा दंत चिकित्सा महाविद्यालय की छात्रा नमृता चांदनी (25) के मित्रों ने उन्हें 16 सितंबर को मृत पाया था। चांदनी के गले में रस्सी बंधी हुई थी।
सिंध सरकार ने भारी आक्रोश के बाद अल्पसंख्यक समुदाय की छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की न्यायिक जांच का आदेश दिया था।
‘द न्यूज इंटरनेशनल’ की खबर के अनुसार, न्यायिक आयोग इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि “नमृता के एक दोस्त ने उसका शादी का प्रस्ताव ठुकरा दिया था, जिसकी वजह से वह गंभीर तनाव में थी।”
खबर के मुताबिक, “गंभीर तनाव, निराशा और हताशा के कारण नमृता ने आत्महत्या कर ली।”
साथ ही इसमें कहा गया है कि जांच और सबूतों की समीक्षा के दौरान न्यायिक आयोग को हत्या के संबंध में कुछ नहीं मिला।
खबर में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि आयोग ने नमृता की रहस्यमयी मौत के मामले की जांच पूरी कर 17 पन्नों की अपनी रिपोर्ट सिंध के गृह मंत्रालय को भेज दी है।
लरकाना के जिला एवं सत्र न्यायाधीश के नेतृत्व में आयोग ने लरकाना स्थित आसिफा बीबी दंत चिकित्सा महाविद्यालय के छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों समेत गवाहों से पूछताछ की।
खबर में कहा गया है कि आयोग ने संदिग्ध लोगों और अन्य संबंधित सबूतों के साथ-साथ पुलिस जांच, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और नमृता के मोबाइल फोन तथा लैपटॉप के फोरेंसिक डाटा की भी समीक्षा की।
सात नवंबर को नमृता की अंतिम पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि हत्या से पहले उनका यौन उत्पीड़न किया गया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार उनकी मौत दम घुटने से हुई।
इससे पहले आई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कहा गया था कि यह आत्महत्या का मामला है। हालांकि इस पर चिकित्सा कानून से जुड़े कई लोगों ने सवाल उठाए थे।
कराची में स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सा कानून विशेषज्ञों और अधिकारियों ने माना कि पहले की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कई खामियां थीं और कई तथ्य छूट गए थे।