नयी दिल्ली, 27 दिसंबर ।पूर्व क्रिकेटर और मौजूदा भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तानी क्रिकेटर दानिश कनेरिया के इस बयान ने पाकिस्तान का असली चेहरा दिखा दिया है कि हिंदू होने के कारण उन्हें साथी खिलाड़ियों का बुरा बर्ताव झेलना पड़ा ।
गंभीर ने कहा ,‘‘ भारत में मोहम्मद अजहरूद्दीन जैसे कप्तान हुए हैं जो लंबे समय तक कप्तान रहे । यह उस देश में हो रहा है जिसके कप्तान इमरान खान खुद क्रिकेटर रहे हैं ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ कनेरिया ने अपने देश के लिये इतने टेस्ट खेले हैं । इसके बावजूद उसे यह सब झेलना पड़ा तो यह शर्मनाक है ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ भारत ने मोहम्मद कैफ, इरफान पठान , मुनाफ पटेल को इतना सम्मान दिया है । पटेल मेरा करीबी दोस्त है । हम एक टीम के रूप में खेलते थे ताकि देश को गौरवान्वित कर सकें । पाकिस्तान से आ रही खबरें दुर्भाग्यपूर्ण है ।’’
गंभीर ने कहा कि अगर खिलाड़ी के साथ ऐसा बर्ताव हो रहा है तो यह कल्पना ही की जा सकती है कि हिंदू, सिख और अन्य अल्पसंख्यकों के साथ वहां क्या होता होगा ।
पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने दावा किया था कि उनके साथी खिलाड़ी कनेरिया के साथ कुछ पाकिस्तानी क्रिकेटरों ने पक्षपातपूर्ण बर्ताव किया और उसके साथ खाना भी नहीं खाते थे क्योंकि वह हिंदू था ।
कनेरिया ने उनके दावे का समर्थन करते हुए कहा था ,‘‘ शोएब भाई महान खिलाड़ी हैं । वह गेंदबाजी की तरह बातें भी खरी खरी करते हैं । जब मैं खेलता था तो इन मसलों पर बोलने की हिम्मत नहीं थी लेकिन शोएब भाई के बयान के बाद अब आ गई है । उन्होंने , इंजी भाई (इंजमाम उल हक), मोहम्मद युसूफ और यूनिस भाई ने भी हमेशा मेरा साथ दिया ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ जिन्होंने मेरा साथ नहीं दिया, मैं जल्दी ही उनके नामों का खुलासा करूंगा।’’
संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बारे में गंभीर ने कहा कि लोगों को गुमराह किया जा रहा है और यह कानून मुसलमान विरोधी या भारतीय विरोधी नहीं है ।
उन्होंने कहा ,‘‘ मैं लोगों से अनुरोध करूंगा कि जो भी करना हो, शांतिपूर्वक करे । सरकार आपके मसले सुलझायेगी । हिंसा , सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने या पुलिस पर पत्थर फेंकने से कुछ नहीं होगा।’’
भेदभाव के आरोपों पर अख्तर और कनेरिया के साथी खिलाड़ियों को जवाब देना चाहिए : पीसीबी
कराची से खबर है कि, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने शोएब अख्तर के बयान से किनारा करते हुए कहा कि वह वह इस आरोप के लिये जवाबदेह नहीं है। अख्तर ने कहा था कि उनके पूर्व साथी दानेश कानेरिया को हिन्दू होने के कारण अन्य खिलाड़ियों से भेदभाव झेलना पड़ता था।
अख्तर ने यह कहकर बवाल पैदा कर दिया कि कनेरिया का कुछ खिलाड़ियों ने अपमान किया क्योंकि वह हिन्दू था। इस वजह से उसे जरूरी श्रेय नहीं मिला और कुछ खिलाड़ी तो उसके धर्म के कारण उसके साथ खाना नहीं खाते थे।
कनेरिया ने भी अख्तर के बयान पर सहमति जतायी और कहा कि वह जल्द ही उन खिलाड़ियों के नामों का खुलासा करेंगे जिन्होंने उनके धर्म के कारण उनके साथ गलत व्यवहार किया। यह पूर्व स्पिनर 2012 से स्पॉट फिक्सिंग के कारण आजीवन प्रतिबंध झेल रहा है।
पीसीबी के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘अख्तर और कनेरिया दोनों संन्यास ले चुके हैं और हमसे अनुबंधित नहीं है इसलिए वे जो चाहे कर सकते हैं और कह सकते हैं। यह उनके विचार हैं। और उन्होंने पाकिस्तान क्रिकेट की पूरी व्यवस्था के खिलाफ नहीं बल्कि कुछ खिलाड़ियों के व्यवहार को लेकर आरोप लगाये हैं। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब कनेरिया खेल रहा था तब इंजमाम उल हक, राशिद लतीफ, यूनिस खान और मोहम्मद यूसुफ पाकिस्तान के कप्तान रहे। अख्तर और कनेरिया ने जो कुछ कहा, इस पर उन्हें जवाब देना चाहिए। इसमें बोर्ड को क्यों शामिल होना चाहिए। ’’
अख्तर और कनेरिया को पूर्व टेस्ट खिलाड़ी इकबाल कासिम और मोहसिन खान का समर्थन मिला है।
पूर्व टेस्ट सलामी बल्लेबाज ने मोहसिन खान ने कहा, ‘‘एक खिलाड़ी का आकलन उसके धर्म, रंग या जाति से नहीं बल्कि उसके क्रिकेट कौशल और टीम के प्रति प्रतिबद्धता से किया जाना चाहिए।’’