वाराणसी, 12 जनवरी । वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) से लोकसभा चुनाव से पहले ‘व्यापक गठबंधन’ के लिए फिर से विचार करने की उम्मीद जताते हुए शनिवार को यहां कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो निश्चित तौर पर कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश में अपने बल पर चुनावी मैदान में उतरेगी।
अपनी पार्टी के लिए ‘लोकसभा चुनाव-2019 घोषणा पत्र’ तैयार करने के लिए वाराणसी में आयोजित ‘जन आवाज’ कार्यक्रम में विभिन्न वर्गों से ‘संवाद’ करने एक दिवसीय दौरे पर आये श्री चिदंबरम ने सपा-बसपा गठबंधन में कांग्रेस को जगह नहीं दिये जाने संबंधी संवाददाताओं के एक सवाल पर बिना किसी का नाम लिये कहा कि यह शायद उनका (मायावती-अखिलेश यादव का) अंतिम फैसला नहीं है। लोकसभा चुनाव नजदीक आने पर हो सकता है कि दोनों पार्टियां अपने गठबंधन को व्यापक रुप देने के लिए आज के अपने फैसले पर फिर से विचार करें और चुनाव से पहले एक ‘व्यापक गठबंधन’ बनकर सामने आये ।
श्री चिदंबरम ने सपा-बसपा के साथ चुनाव से पहले कांग्रेस का गठबंधन नहीं होने की स्थिति के सवाल पर कहा, “जैसे कि हम यह जानते हैं कांग्रेस पार्टी को उत्तर प्रदेश में कमतर नहीं आंका जा सकेगा और यदि जरूरत पड़ी तो कांग्रेस पार्टी निश्चित तौर पर अपने बल पर राज्य के चुनावी मैदान में उतरेगी।”
यहां आयोजित ‘जन आवाज’ संवाद कार्यक्रम में कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र में उत्तर प्रदेश के वाराणसी एवं पूर्वांचल समेत हर क्षेत्र के सभी वर्गों के हितों से जुड़े मुद्दे शामिल करने का आश्वासन देते हुए उन्होंने कहा कि आज यहां बड़ी संख्या में विशिष्टजनों ने अपनी-अपनी राय दी है, जिन पर पार्टी गंभीरता पूर्वक विचार कर उचित जगह देगी।
कार्यक्रम के दौरान केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार एवं उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा रोजगार, गंगा की सफाई, गरीब कम करने के मुद्दे पर कथित विफलता का मुद्दा छाया रहा। अनेक लोगों ने इस मुद्दे को उठाया और कांग्रेस के घोषणा पत्र में इसे शामिल करने की मांग की।
संकट मोचन मंदिर के महंथ प्रो0 विशंभर नाथ मिश्र ने गंगा की सफाई का मुद्दा उठाया, जबकि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व सूचना एवं जन संपर्क अधिकारी विश्वनाथ पांडेय ने प्रमुख शिक्षण संस्थानों के राजनीतिकरण को गलत बताते हुए इस मुद्दे गंभीर बताया है। वाराणसी के कई किसानों ने जमीन अधीग्रहण का उचित मुआवजा नहीं दिये जाने का मुद्दा उठाया।
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