नयी दिल्ली, 22 मार्च । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलवामा आतंकवादी हमले और उसके बाद पाकिस्तान में भारतीय वायु सेना के हवाई हमले को लेकर विपक्षी दलों पर शुक्रवार को आक्रामक रूख अपनाते हुए विपक्ष को ‘‘आतंकवाद के समर्थकों की शरणस्थली’’ बताया और उस पर सशस्त्र सेनाओं का ‘‘अपमान’’ करने का आरोप लगाया।
भाजपा के अन्य नेताओं ने भी पुलवामा आतंकवादी हमले और उसके बाद पाकिस्तान में भारतीय वायु सेना के हवाई हमले को लेकर विपक्ष के रूख की आलोचना की है।
‘जनता माफ नहीं करेगी’ हैशटैग का इस्तेमाल करते हुए मोदी ने ट्वीट में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा की यह कहने के लिए आलोचना की कि मुंबई आतंकवादी हमले के बाद भारत हवाई हमले से जवाब दे सकता था लेकिन ‘‘मेरे हिसाब से दुनिया से ऐसे नहीं निपटा जाता।’’
मोदी ने कहा, ‘‘कांग्रेस के शाही वंश के वफादार दरबारी ने माना था जो दुनिया पहले से ही जानती है कि कांग्रेस आतंकवाद की ताकतों को जवाब नहीं देना चाहती थी। यह नया भारत है—हम आतंकवादियों को उन्हीं की भाषा में जवाब देंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष ने बार-बार हमारी सेनाओं का अपमान किया है। मैं अपने साथी भारतीयों से अपील करता हूं कि विपक्षी नेताओं पर उनके बयानों को लेकर सवाल उठाएं। उन्हें बताएं कि 130 करोड़ भारतीय विपक्ष को उनकी हरकतों के लिए माफ नहीं करेंगे या भूलेंगे नहीं। भारत हमारी सेनाओं के साथ दृढ़ता से खड़ा है।’’
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी टि्वटर पर विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘‘उनका दिल आतंकवादियों के लिए धड़कता है जबकि हमारा दिल तिरंगे के लिए धड़कता है।’’
शाह ने ट्वीट किया, ‘‘विपक्ष और भाजपा के बीच अंतर साफ है। वे हमारी सेना पर संदेह करते हैं, हमें अपनी सेना पर गर्व है। उनका दिल आतंकवादियों के लिए धड़कता है, हमारा दिल तिरंगे के लिए धड़कता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस चुनाव में अपनी वोट की ताकत के जरिए कांग्रेस की संस्कृति पर सर्जिकल स्ट्राइक करें ।’’
खबरों के अनुसार, पित्रोदा ने यह भी कहा है कि वह बालाकोट हवाई हमले और उसमें मारे गए आतंकवादियों की संख्या के बारे में ‘‘और जानना’’ चाहते हैं।
भाजपा के वरिष्ठ मंत्री और केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने पित्रोदा की टिप्पणियों के लिए उनकी आलोचना करते हुए कहा कि ऐसे बयान पाकिस्तानी समाचार चैनलों पर हिट होंगे।
वित्त मंत्री ने भाजपा के एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘वह मानते हैं कि हमने जो किया (बालाकोट हवाई हमला) वह गलत था। किसी भी दूसरे देश ने नहीं कहा कि यह गलत था। यहां तक कि इस्लामिक सहयोग संगठन ने भी ऐसी बात नहीं कही। यह केवल पाकिस्तान की राय है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे लोग किसी राजनीतिक पार्टी के लिए रोल मॉडल होते है।’’
इससे पहले एक अन्य ट्वीट में प्रधानमंत्री ने समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव की आलोचना की। यादव ने आरोप लगाया कि वोट हासिल करने के लिए पुलवामा हमला एक ‘‘षडयंत्र’’ था।
उन्होंने सैफई में बृहस्पतिवार को एक कार्यक्रम में आरोप लगाया, “यह साजिश थी। जब सरकार बदलेगी और उसकी जांच होगी तो आप देखना कि बड़े-बड़े लोग इसमें फंसेंगे। हमारे नौजवानों का अंत करवा दिया, वोट पाने के लिए।”
प्रधानमंत्री ने इस बयान को निंदनीय बताया।
उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष आतंकवाद के समर्थकों और हमारी सशस्त्र सेनाओं पर सवाल उठाने वालों की शरणस्थली रहा है। राम गोपाल जी जैसे किसी वरिष्ठ नेता का यह निंदनीय बयान उन सभी का अपमान करता है जिन्होंने कश्मीर की रक्षा के लिए अपनी जान गंवा दी। यह हमारे शहीदों के परिवारों का अपमान करता है।’’
प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में यादव और पित्रोदा के बयानों को भी टैग किया।
इस बीच, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कहा कि देश के सशस्त्र बलों की कुर्बानी पर कभी सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए लेकिन साथ ही उन्होंने सरकार को सलाह दी कि वह खुद को भारतीय सेना की तरह दिखाना बंद करे।
उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी लोकतंत्र में यह नेताओं का ‘‘मौलिक अधिकार’’ है कि वे सवाल पूछें।
अरुण जेटली ने कहा: सैम पित्रोदा का बयान दुर्भाग्यपूर्ण-
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादी शिविर पर भारतीय वायु सेना की कार्रवाई के बारे में कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए शुक्रवार काे कहा कि जो लोग देश की सुरक्षा और लोगों के जज्बात नहीं समझते वही इस प्रकार के बयान देते हैं ।
वित्त मंत्री श्री जेटली ने भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं के एक सवाल पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम लिये बिना कहा ‘ जिसका गुरु ऐसा है उसका शिष्य कैसा होगा । ’ उन्होंने कहा कि देश तीन दशक से आतंकवाद का मुकाबला कर रहा और मोदी सरकार ने इस मुद्दे पर नीति बदली है । पहले हम पाकिस्तान की सीमा से आने वाले आतंकवादियों को रोकते थे फिर भी साल में एक दो घटनायें हो जाती थी । अब जहां आतंकवादी है वहीं हम जाते हैं ।
उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ पहले सर्जिकल स्ट्राइक और पुलवामा की घटना के बाद एयर स्ट्राइक बेहद सफल रहे और इसमें शामिल सभी सुरक्षाकर्मी सुरक्षित रहे । इन दोनों अभियानों मेंं जरुरत के हिसाब से केवल आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया गया । इसका पूरी दुनिया ने सर्मथन किया यहां तक कि मुस्लिम देशों के संगठन ने भी इसका विरोध नहीं किया ।
श्री जेटली ने कहा “ मैच फ्रंट फुट पर रह कर जीता जाता है बैक पुट पर नहीं । कांग्रेस के किसी नेता ने पहली बार ऐसा बयान नहीं दिया है बल्कि बार बार इस प्रकार के बयान आ रहे हैं । ’
उल्लेखनीय है कि श्री पित्रोदा ने बालाकोट एयर स्ट्राइक में मारे गये आतंकवादियों की संख्या को लेकर प्रमाण देने तथा कुछ अन्य सवाल उठाये हैं ।
कांग्रेस ने कहा : नरेंद्र मोदी जवानों की बात नहीं करें-
इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा के एक बयान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हमले पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि मोदी को जवानों के पराक्रम एवं बलिदान के पीछे छिपने के बजाय रोजगार संकट और अर्थव्यवस्था की बदहाली जैसे मुद्दों पर जवाब देना चाहिए।
पार्टी ने बालाकोट में वायुसेना की कार्रवाई से जुड़ी पित्रोदा की टिप्पणी को उनकी निजी राय भी करार दिया।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान में कहा, ‘पुलवामा आतंकी हमला मोदी सरकार की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी गंभीर विफलता थी। बालाकोट में कार्रवाई हमारी वायुसेना के वीरता और शौर्य का सबसे बेहतरीन उदाहरण है। ‘
उन्होंने कहा कि जैश-ए-मोहम्मद एवं लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठन तथा पाकिस्तान अपने नापाक मंसूबों में कभी सफल नहीं होंगे।
सुरजेवाला ने कहा कि सच्चाई यह है कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री कार्बेट पार्क में फ़िल्म की शूटिंग कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘ मोदी जी और भाजपा को किसी निजी राय का इस्तेमाल जहर फैलाने के लिए नहीं करना चाहिए।’
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि मोदी को जवानों के पराक्रम एवं बलिदान के पीछे छिपने के बजाय रोजगार संकट, कृषि संकट, जीएसटी की त्रासदी और अर्थव्यवस्था की बदहाली जैसे मुद्दों पर जवाब देना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बालाकोट एयर स्ट्राइक पर पित्रोदा द्वारा कथित तौर पर सवाल किए जाने के बाद निशाना साधते हुए कहा कि सुरक्षाबलों को नीचा दिखाना विपक्ष की आदत है।
खबरों के मुताबिक पित्रोदा ने कहा था कि क्या हमने सच में हमला किया था? क्या सच में 300 आतंकी मारे गए थे?
विवाद खड़ा होने के बाद पित्रोदा ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने एक नागरिक की हैसियत से सवाल किया था।
उन्होंने कहा, ‘मैंने सिर्फ एक नागरिक के रूप में कहा कि मैं यह जानने का हकदार हूं कि क्या हुआ। मैं पार्टी की तरफ से नहीं, सिर्फ एक नागरिक के रूप में बोल रहा हूं। मुझे यह जानने का अधिकार है और इसमें क्या गलत है?
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