नयी दिल्ली, 23 जुलाई । लोकसभा में आज राष्ट्रीय खेलकूद विश्वविद्यालय विधेयक 2018 पेश किया गया । इसके तहत सर्वोत्तम अंतरराष्ट्रीय पद्धतियों को अपनाते हुए खेलकूद के राष्ट्रीय प्रशिक्षण केंद्र के रूप में कार्य करने और खेलकूद विज्ञान, प्रौद्योगिकी, प्रबंधन और कोचिंग से जुड़ी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये मणिपुर में राष्ट्रीय खेलकूद विश्वविद्यालय स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है।
लोकसभा में युवा एवं खेल मंत्री राज्यवर्द्धन सिंह राठौर ने यह विधेयक पेश किया । इससे पहले उन्होंने राष्ट्रीय खेलकूद विश्वविद्यालय विधेयक 2017 को वापस लिया ।
विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि राष्ट्रीय खेलकूद विश्वविद्यालय भारत में अंतरराष्ट्रीय स्तर का पहला पूर्ण विकसित खेलकूद विश्वविद्यालय होगा ।
राष्ट्रीय खेलकूद विश्वविद्यालय स्थापित करने का उद्देश्य खेलकूद से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों में स्नातक डिग्री, स्नातकोत्तर डिग्री और अनुसंधान एवं प्रशिक्षण प्रदान करने के अतिरिक्त खेलकूद विज्ञान के विकास एवं खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिये उच्च स्तरीय आधारभूत ढांचा सृजन करना है।
विश्वविद्यालय देशभर में और भारत से बाहर भी दूरस्थ परिसर स्थापित करने के लिये सशक्त होगा । इसमें शैक्षणिक कार्यक्रमों और अनुसंधान के अतिरिक्त विश्वविद्यालयों एवं इसके दूरस्थ कैंपस उत्कृष्ट खिलाड़ियों, खेलकूद पदधारियों, रेफरियों और अम्पायरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
विश्वविद्यालय को विश्वस्तरीय बनाने के लिये भारत सरकार द्वारा आस्ट्रेलिया के दो विश्वविद्यालयों : द यूनिवर्सिटी ऑफ कैनबरा तथा विक्टोरिया यूनिवर्सिटी : के साथ पाठ्यचर्या अनुसंधान सुविधाओं और प्रयोगशालाओं के विकास के लिये सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
राष्ट्रीय खेलकूद विश्वविद्यालय विधेयक 2017 को 10 अगस्त 2017 को लोकसभा में पेश किया गया था लेकिन यह पारित नहीं हो सका । चूंकि संसद सत्र में नहीं था और अत्यावश्क विधान बनाना अपेक्षित था, इसलिये राष्ट्रपति ने 31 मई 2018 को राष्ट्रीय खेलकूद विश्वविद्यालय अध्यादेश 2018 प्रख्यापित किया था ।attacknews.in