कलबुर्गी , तीन अप्रैल । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक् में राष्ट्रवाद का कार्ड खेलते हुए सीमा पार सर्जिकल स्ट्राइक की सच्चाई पर ‘‘ सवाल उठाने ’’ के लिए कांग्रेस पर राष्ट्र नायकों और भारतीय सेना का अपमान करने का आज आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रगीत ‘ वंदे मातरम् ’ का ‘‘ अपमान ’’ किया।
मोदी ने कर्नाटक के कलबुर्गी में एक चुनावी रैली में कहा , ‘‘ राष्ट्र नायकों , देशभक्तों और इतिहास को भूलना कांग्रेस में एक परिवार का स्वभाव है। ( जवाहरलाल ) नेहरू और वी के कृष्ण मेनन ने जनरल ( के एस ) थिमय्या का अपमान किया जिसके कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। उन्होंने जनरल ( के एम ) करियप्पा को नजरअंदाज किया। ’’ सेना के दोनों जनरल कर्नाटक के थे।
सरदार वल्लभभाई पटेल का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आजाद भारत के पहले गृह मंत्री ने हैदराबाद के निजाम को भारत में विलय करने के लिए मनाने में अहम भूमिका निभाई थी। हैदराबाद के निजाम का कलबुर्गी क्षेत्र पर नियंत्रण था।
उन्होंने कहा , ‘‘ लेकिन जब भी सरदार पटेल का नाम सामने आता है तो कांग्रेस में एक परिवार की नींद उड़ जाती है। ’’
मतदाताओं की देशभक्ति की भावनाओं को जगाने के प्रयास के तौर पर प्रधानमंत्री ने सीमा पार सर्जिकल स्ट्राइक का मुद्दा उठाया और दावा किया कि कांग्रेस ने भारतीय सेना के हमले की असलियत पर सवाल उठाया।
मोदी ने कहा , ‘‘ उन्होंने ( कांग्रेस ने ) सर्जिकल स्ट्राइक की सच्चाई का सबूत मांगा। एक अखबार ने कहा कि पाकिस्तानी सैनिकों के शव ट्रक पर ले जाए गए और उन्हें सबूत चाहिए। क्या हमारे सैनिकों को कैमरा या बंदूक लेकर ऐसे अभियानों पर जाना चाहिए ?’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां तक कि एक कांग्रेस नेता ने सर्जिकल स्ट्राइक के बाद सेना प्रमुख को ‘‘ गुंडा ’’ बताया था।
कर्नाटक के किसानों को साधते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बड़े पैमाने पर दालों की खेती कराएगी।
दलित हितैषी होने के कांग्रेस के दावे को खारिज करते हुए मोदी ने कर्नाटक के बीदर में एक दलित लड़की पर ‘‘ अत्याचार ’’ का जिक्र किया। उन्होंने कहा , ‘‘ लेकिन राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी ने इसके बारे में नहीं बोला। उन्होंने कोई कैंडललाइट प्रदर्शन नहीं किया। ’’
उन्होंने कहा , ‘‘ यह पार्टी ( कांग्रेस ) केवल यह जानती है कि एक परिवार के सदस्यों के सामने कैसे दण्डवत प्रणाम करना है। लेकिन हमने उन आदिवासियों के स्मारक बनाने का फैसला किया है जो वर्ष 1857 से 1947 तक ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ लड़ें थे।attacknews.in