नयी दिल्ली, 29 मई । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेने से एक दिन पहले बुधवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ लंबी बैठक की और अपनी सरकार के गठन को अंतिम रूप दिया।
माना जा रहा है कि सरकार में अधिकतर सहयोगी दल शामिल होंगे और देश के विभिन्न हिस्सों में पार्टी को मिली जीत की झलक भी इसमें होगी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली के स्वास्थ्य आधार पर मंत्री नहीं बनने के फैसले के बाद अटकलें लगायी जा रही हैं कि जेटली के स्थान पर किन्हें यह महत्वपूर्ण विभाग मिलेगा। इस पद के लिए रेल मंत्री पीयूष गोयल को प्रमुख दावेदार के तौर पर देखा जा रहा है।
ऐसी चर्चा भी है कि शाह जो गांधीनगर से लोकसभा के लिए चुने गए हैं, सरकार में शामिल हो सकते हैं।
अगर वह मोदी कैबिनेट में शामिल होते हैं, तो उन्हें चार प्रमुख विभागों वित्त, गृह, रक्षा या विदेश में से कोई एक मिल सकता है।
भाजपा ने सरकार के संभावित सदस्यों के बारे में कोई भी आधिकारिक बयान देने से परहेज किया है और पार्टी नेताओं ने जोर दिया कि यह प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है।
अमेठी में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को हराने वाली स्मृति ईरानी, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रकाश जावड़ेकर, रविशंकर प्रसाद, धर्मेंद्र प्रधान जैसे वरिष्ठ नेताओं के दूसरी मोदी सरकार में शामिल होने की संभावना है।
सिंह ने भी बुधवार को मोदी से मुलाकात की। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के कुछ अधिकारियों ने भी बुधवार को शाह से उनके आवास पर मुलाकात की।
प्रधानमंत्री ने शाह के साथ मंगलवार को भी लंबी बैठक की थी।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने स्वास्थ्य आधार पर लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन पार्टी के भीतर एक राय है कि वह भी नए मंत्रिमंडल का हिस्सा होंगी।
संभावना है कि करीब 60 मंत्री शपथ ले सकते हैं।
पार्टी के कुछ नेताओं का मानना है कि संगठन के कुछ नेताओं को भी मंत्री बनाया जा सकता है।
अगर शाह सरकार में शामिल होते हैं, तो जे पी नड्डा और भूपेंद्र यादव को पार्टी अध्यक्ष के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है।
भाजपा के सहयोगी दलों जैसे शिवसेना, जनता दल (यू), अन्नाद्रमुक, लोजपा, अकाली दल और अपना दल का भी सरकार में प्रतिनिधित्व होना तय है।
शिवसेना और जद (यू) जैसी पार्टियों को दो स्थान मिल सकते हैं क्योंकि वे भाजपा के बाद सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में सबसे बड़े घटक हैं। अन्य दलों को एक-एक पद मिल सकता है।
भाजपा के एक नेता ने कहा कि मोदी कुछ चेहरों के साथ लोगों को चौंका भी सकते हैं। मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में आर के सिंह और हरदीप पुरी जैसे कई पूर्व नौकरशाहों को अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया था।
पार्टी के कुछ नेताओं का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी, मनोज सिन्हा जैसे नेताओं को भी शामिल कर सकते हैं, जो लोकसभा चुनाव हार गए । हालांकि पिछली सरकार में उनका प्रदर्शन अच्छा रहा।
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