ढाका, 13 दिसंबर । बांग्लादेश में महिलाओं के खेतों में काम करने पर पाबंदी लगाने वाला फतवा जारी करने के आरोपी एक मुस्लिम धर्मगुरू को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने आज यह जानकारी की । इस मामले में इमाम और मस्जिद के पांच कर्मी आरोपों का सामना कर रहे हैं । उनकी घोषणा के बाद कुमारखली कस्बे में स्थानीय लोगों ने खेतों में महिलाओं को जाने से रोकने की कोशिश की थी ।
स्थानीय पुलिस प्रमुख अब्दुल खालिक ने एएफपी को बताया, ‘‘जुमे की नमाज के बाद उन्होंने फैसला किया कि महिलाओं को उनके घरों से बाहर नहीं निकलने दिया जाएगा । उन्होंने इस संदेश को फैलाने के लिए मस्जिद के लाउडस्पीकरों का इस्तेमाल किया ।’’ मुस्लिम बहुल बांग्लादेश आधिकारिक तौर पर एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है, लेकिन खासकर देश के ग्रामीण इलाकों में मुस्लिम धर्मगुरू अत्यंत प्रभावशाली हैं ।
साल 2001 में फतवों पर पाबंदी लगा दी गई थी, लेकिन देश की सर्वोच्च अदालत ने 2011 में व्यवस्था दी कि निजी एवं धार्मिक मामलों पर फतवे जारी किए जा सकते हैं, बशर्ते उनमें शारीरिक सजा का प्रावधान नहीं हो ।
नागरिक अधिकार संगठनों ने अदालत के इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा था कि बांग्लादेश की धर्मनिरपेक्ष अदालतों से दूर स्थित गांवों में ऐसी सजाएं देने के लिए फतवे जारी किए जाते हैं जो देश के कानून के खिलाफ हैं ।
ग्रामीण बांग्लादेश में महिलाएं किसी वक्त बड़े पैमाने पर अपने घरों में ही रहा करती थीं, लेकिन श्रमिकों की कमी के कारण अब महिलाएं खेतों में फसलों की बुआई एवं कटाई के मौसम में काम करने लगी हैं।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए छह लोगों पर विशेष अधिकार कानून के तहत मुकदमा चलाया जाएगा। विशेष अधिकार कानून सैन्य शासन के दौरान बनाया गया एक विवादित कानून है।attacknews.in