भोपाल 15 सितम्बर । क्या कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी भोपाल यात्रा के दौरान उस व्यक्ति के साथ मंच साझा करना पसंद करेंगे, जो 1984 के सिख दंगों का आरोपी हो। जिस पर इन दंगों के दौरान मॉब लिंचिंग जैसे संगीन आरोप हों ? यह सवाल प्रदेश सरकार के सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने भोपाल आ रहे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से पूछे हैं। मंत्री सारंग ने शनिवार को एक पत्रकार वार्ता में यह सवाल उठाते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ पर लगे आरोपों को लेकर तथ्य भी प्रस्तुत किए।
प्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने पत्रकार वार्ता के दौरान भोपाल आ रहे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांध पर तीखे सवाल भी दागे। मंत्री सारंग ने कहा कि भोपाल यात्रा के दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ उनके मेजबान होंगे।
उन्होंने राहुल गांधी से पूछा कि क्या वे ऐसे व्यक्ति के साथ मंच साझा करना पसंद करेंगे, जिस पर 1984 के सिख दंगों के दौरान सिखों की हत्या करने, लोगों को रकाबगंज गुरुद्वारे में आग लगाने के लिए उकसाने के आरोप हैं।
श्री सारंग ने कहा कि कमलनाथ को 12 जून, 2016 को पंजाब प्रदेश कांग्रेस का प्रभारी बनाया गया था, लेकिन सिखों के भारी विरोध के चलते तीन महीने के अंदर ही उन्हें पद से हटाना पड़ा था। यूपीए सरकार में मंत्री रहे मनोहरसिंह गिल ने पंजाब में कमलनाथ की नियुक्ति को सिखों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा बताया था। वहीं, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदरसिंह ने भी श्रीमती सोनिया गांधी से मुलाकात कर कमलनाथ की नियुक्ति पर आपत्ति जताई थी।
श्री सारंग ने पूछा कि जब कमलनाथ को पंजाब से हटा दिया था, तो मानवता के खून से कलंकित ऐसे व्यक्ति को मध्यप्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष क्यों बनाया गया।
गवाह ने देखा था दंगाइयों में शामिल कमलनाथ को
मंत्री श्री सारंग ने कहा कि जस्टिस ढींगरा की एसआईटी अभी भी इस मामले की जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि दंगों के दौरान दिल्ली के गुरुद्वारा रकाबगंज को आग लगा दी गई थी। इस घटना के गवाह मुख्तारसिंह पिता स्वर्णसिंह ने दंगाइयों की भीड़ का नेतृत्व करते कमलनाथ और वसंत साठे को देखा था। उसने यह बात वर्ष 2006 में न्यायालय में दिये गए अपने बयान में भी कही है।
श्री सारंग ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से पूछा है कि क्या वे कमलनाथ को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाकर इन दंगों में उनकी भूमिका के लिए सिखों और आम जनता से माफी मांगेंगे?
भ्रष्टाचार, पद के दुरुपयोग के आरोपी हैं कमलनाथ
मंत्री सारंग ने पत्रकारवार्ता में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से सवाल किया कि क्या वे मंच पर एक ऐसे व्यक्ति के साथ बैठना पसंद करेंगे, जिस पर भ्रष्टचार और पद के दुरुपयोग के आरोप लगे हैं।
उन्होंने कहा कि कमलनाथ जब वन एवं पर्यावरण मंत्री थे, उस दौरान उनकी कंपनी ने व्यास नदी पर रिसॉर्ट बनाने के लिए नदी की धारा को गैरकानूनी तरीके से मोड़ दिया था। इस मामले में कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ पर मामला दर्ज हुआ था और सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दंडित भी किया था।
श्री सारंग ने कहा कि कमलनाथ की कंपनी ने हिमाचल प्रदेश की तत्कालीन सरकार के सहयोग से 27.2 एकड़ भूमि पर अवैध कब्जा कर लिया था। इसे लेकर 1996 में जब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई, तब हिमाचल सरकार ने अपनी गलती मानी और जमीन वापस ली गई।
उन्होंने कहा कि कमलनाथ ने अपने लोगों को उपकृत करने के लिए चावल घोटाला किया था। उन्होंने कहा था कि इस मामले की जांच के लिए घाना की सरकार ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखा था।
चौराहों पर गायों को कटवाने वाले कर रहे गौशाला खोलने की बात
मंत्री सारंग ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री रहते श्री दिग्विजय सिंह ने चरनोई की भूमि को पूरी तरह समाप्त कर दिया, जिसके कारण गायों का चारा छिन गया और वे सड़कों पर भूखी भटकने के लिए मजबूर हैं। इसके अलावा वाहनों की चपेट में आने के कारण भी गायें मर जाती हैं।
मंत्री सारंग ने राहुल गांधी से पूछा कि क्या वे गायों पर किए गए इस अत्याचार के लिए प्रदेश की जनता से माफी मांगेंगे।
श्री सारंग ने कहा कि गायों के संरक्षण की बात कहना कांग्रेस की नीति और सिद्धांतों के खिलाफ है। इसीलिए कांग्रेस के नेता सड़कों, चैराहों पर सरेआम गाय काटकर, उसके आसपास नाचकर और नारे लगाकर सारी दुनिया को गौ हत्या के समर्थन का संदेश देते हैं। उन्होंने राहुल गांधी से पूछा कि जब कांग्रेस की मानसिकता ही इस प्रकार की है, तो क्या वे अपने प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ से यह पूछेंगे कि उन्होंने पंचायत स्तर पर गौशालाएं खोलने की बात क्यों की ?attacknews.in