नैनीताल 15 मार्च । अखिल भारतीय कांग्रेस के महासचिव व उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को आगामी विधानसभा चुनावों में मोदी फैक्टर का डर सता रहा है और उन्होंने उससे पार पाने के लिये कांग्रेस पार्टी से मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की वकालत की है। उन्होंने कहा कि परंपराएं जब बाधक बन जायें तो उन्हें तोड़ना ही बेहतर है।
कांग्रेस के कद्दावर नेता ने इंस्टाग्राम पर जारी अपनी पोस्ट में कहा है कि आज लोग स्पष्ट तौर पर चुनावों में निर्णय करने से पहले चेहरा देखते हैं। भाजपा इस खांचे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डाल देती है। आगे कहा कि हम यदि स्थानीय स्तर पर चुनाव लड़ना चाहते हैं और यदि लोकल बनाम लोकल करना चाहते हैं तो हमें भी मुख्यमंत्री के चेहरे के लिये किसी को आगे करना पड़ेगा।
उनका इशारा साफ तौर पर चुनावों में मोदी फैक्टर से पार पाने की है। उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री का निर्धारण बेशक विधानसभा में चुन कर आये हमारे विधायक करेंगे मगर चुनाव के लिये हमें रणनीति तैयार करनी पड़ेगी। उन्होंने यह भी कहा कि मैं तो सबके साथ हूं। उन्होंने साफ तौर पर लिखा है कि जब परंपराएं बाधक बन जायें तो उन्हें तोड़ देना ही बेहतर है। उन्होंने इसके लिये बालीवुड का मेलोडियस गाना ताल्लुक यदि बोझ बन जाये……. का भी हवाला दिया है।
श्री रावत मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत पर तंज कसने से भी नहीं चूके। उन्होंने लिखा है कि हमारे राज्य में मुख्यमंत्रियों को हराने की परंपरा बहुत गहरी है। कुछ लोग तीरथ सिंह रावत का बिस्मिल्लाह खराब करना चाहते हैं। उन्हें ध्यान रहे कि पौड़ी में भी हमारे पास मुख्यमंत्री को हराने वाला व्यक्तित्व मौजूद है। इतिहास कभी कभी अपने को दोहराने के लिय बैचेन रहता है। उनका इशारा वर्ष 2016-17 में अपने प्रमुख प्रतिद्वंद्वी और भाजपा नेता हरक सिंह रावत की ओर है।
गौरतलब है कि श्री रावत पूरे उत्तराखंड में हरदा के नाम से लोकप्रिय हैं।