नई दिल्ली 5 सितम्बर। केन्द्र सरकार ने मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं पर कडा रुख अपनाते हुए भारतीय दंड संहिता और दंड प्रक्रिया संहिता में नए प्रावधान शामिल कर कानून को सख्त बनाने का निर्णय किया।
जानकारी के अनुसार, मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं पर रोक लगाने को लेकर केंद्र सरकार ने मानस बना लिया है। इसको लेकर नया कानून बनाने की संभावना पर केंद्र सरकार की तरफ से विचार किया जा रहा है। देशभर में मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं पर अंकुश लगाने की मकसद से गृह मंत्रालय में बुधवार को ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (जीओएम) की एक बैठक हुई।
इस बैठक की अध्यक्षता गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने की। बैठक में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज आदि मंत्री और केंद्रीय गृह सचिव शामिल थे। इस बैठक से पहले केंद्र सरकार के सीनियर ब्यूरोक्रेट्स के एक पैनल ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाले मंत्री समूह को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। इस पैनल ने बताया कि मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं के लिए वॉट्सएप समेत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जिम्मेदार ठहराया गया है। इसमें बच्चों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाते हुए किए गए दुर्भावनापूर्ण कंटेंट और उससे जुड़ी हुई अफवाहें फैलाई जाती है।
केंद्रीय गृह सचिव राजीव गाबा की अध्यक्षता वाली सचिवों की समिति ने मंत्री समूह को अपनी रिपोर्ट दे दी है। उसमें पहले अपनी रिपोर्ट में ब्यूरोक्रेट्स के पैनल ने यह भी कहा कि इंटरनेट और सोशल मीडिया में ऐसे कंटेंट पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को साइबर स्पेस में अपनी मौजूदगी बढ़ाने की जरूरत है।
गत माह सुप्रीम कोर्ट के निर्देश मिलने के बाद गृह मंत्रालय ने मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर लगाम लगाने को लेकर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक निर्देश भिजवाया था। इसमें कहा गया था कि हर जिले में पुलिस अधीक्षक स्तर के एक अधिकारी को लगाए जाए। उल्लेख है कि पिछले एक साल में नौ राज्यों में करीब 40 घटनाएं होने के बाद जीओएम तथा सचिवों की समिति का गठन किया गया था।attacknews.in