रायपुर 28 अक्टूबर । सेक्स सीडी कांड में फंसे छत्तीसगढ़ के लोक निर्माण मंत्री राजेश मूणत का विवादों से पुराना नाता है, हालांकि सीडी की सत्यता की जांच का जिम्मा अब सीबीआई को सौंप दिया गया है। इसके लिए थोड़ा इंतजार करना होगा, पर मूणत एक ऐसे नेता हैं, जो कई कारणों से विवादों में रहे हैं। विवादों केसियासी सफर पर एक नजर डालते हैं।
कहते है राजनीति में पूरी जिंदगी खपा देने के बावजूद कार्यकर्ताओं को टिकट के लिए तरसना पड़ता है। लेकिन छत्तीसगढ़ में मजबूत बैकग्राउंड नहीं होने के बावजूद मूणत ने तेजी से ‘बाहुबली’ जैसा कद बना लिया।
बीजेपी के कद्दावर नेता और छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री राजेश मूणत सेक्स सीडी कांड के केंद्र में हैं। बीजेपी पिछले 14 साल से सत्ता में है, इस दौरान छत्तीसगढ़ में बीजेपी जितनी मजबूत हुई है, उससे कहीं अधिक मजबूत राजेश मूणत बीजेपी में हुए हैं। उन्होंने पिछले 8 सालों में अपनी हैसियत दमदार बना ली है। आंतरिक सूत्रों की मानें तो मूणत को मुख्यमंत्री रमन सिंह का बेहद करीबी माना जाता है, उनके बढ़ते प्रभाव से कई पुराने भाजपाई भी परेशान हैं।
राजेश मूणत उस समय राजनीतिक चर्चा में आए, जब उन्होंने वर्ष 2003 में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तरुण चटर्जी को रायपुर पश्चिमी सीट से हराया था। इस जीत का नतीजा ये हुआ कि उन्हें छत्तीसगढ़ की रमन सरकार में राज्य मंत्री बना दिया गया। वर्ष 2013 में जब उन्होंने दोबारा काफी अंतर से रायपुर पश्चिमी सीट जीत ली तो उन्हें कैबिनेट मंत्री बना दिया गया, कैबिनेट मंत्री बनने के साथ ही उनके सितारे चमकने शुरू हो गए।
मूणत रायपुर पश्चिम विधान सभा सीट से लगातार तीसरी बार विधायक चुने गए हैं। इसके पहले वे वर्ष 2001 से लेकर 2003 तक बीजेपी युवा मोर्चा की छत्तीसगढ़ इकाई के प्रदेश अध्यक्ष रहे, वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में राजेश मूणत ने कांग्रेसी उम्मीदवार को परास्त कर पार्टी में अपना दबदबा कायम किया था, पहली बार विधायक चुने जाते ही रमन सिंह ने उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया था, इसके बाद सन 2008 और 2013 के विधानसभा चुनाव में मूणत ने लगातार तीसरी बार कांग्रेस उम्मीदवार को धूल चटाई, रमन सरकार में 14 वर्षों से मंत्री के रूप में कई विभागों की कमान संभालने का उन्हें अवसर मिला, जबकि उनके समकक्ष कई वरिष्ठ नेता टिकट को तरस रहे हैं।
विवाद नंबर एक : रायपुर पश्चिम विधानसभा से 3 बार के विधायक बनने वाले राजेश मूणत मूलतः छत्तीसगढ़ से नहीं हैं, उनका जन्म मध्यप्रदेश के मंदसौर में हुआ है। उनकी शिक्षा को लेकर हमेशा सवाल उठते रहे हैं कि मूणत कभी कॉलेज नहीं गए। रिकॉर्ड के मुताबिक उन्होंने जबलपुर से सिर्फ 12वीं पास की है।
विवाद नंबर दो : दुर्व्यवहार को लेकर मूणत खासा चर्चा में रहते हैं। इससे पहले भी उनका एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह भद्दी-भद्दी गालियां देते दिख रहे थे। वह वीडियो चुनाव के दौरान का बताया जाता है।
विवाद नंबर तीन : लोक निर्माण मंत्री रहते हुए उनके कार्यकाल में ही कई सरकारी निर्माणों में भृष्टचार के मामले सामने आए। रायपुर और बिलासपुर में तो सरकारी इमारतों के गिरने से कई हादसे हुए हैं। तो वही आरटीओ में भ्रष्टाचार की बात केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी खुद स्वीकार चुके हैं। मूणत अभी रायपुर में बन रहे स्काई वाक प्रोजेक्ट को लेकर विपक्षियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के निशाने पर हैं। कई करोड़ का यह प्रोजेक्ट फिजूलखर्ची बताया जा रहा है, इसके खिलाफ कई प्रदर्शन हो चुके हैं, पर बताया जा रहा है कि मूणत की इस प्रोजेक्ट में खास दिलचस्पी है।
विवाद नंबर चार : कहा जाता है कि लोक निर्माण व परिवहन मंत्री राजेश मूणत अपने प्रथम कार्यकाल से ही विवादों में रहे हैं, संभवतः उन्हें विवादों में रहना पसंद होगा। पत्रकारों से दुर्व्यवहार करने सम्बन्धी कई किस्से प्रचलित हैं। शिकायतकर्ताओं को बंगले से भगा देना, मीटिंग में अधिकारियों से अशिष्ट तरीके से बात करना, विभागीय शिकायत सुनने के लिए समय नहीं देना आदि आरोपों की लंबी फेहरिस्त है। इसकी वजह उनका खराब मीडिया प्रबन्धन भी बताया जाता है। उनके बंगले में चंद बड़े मीडिया हाउस के पत्रकारों को सम्मान मिलता है। हाल ही में एक राष्ट्रीय चैनल के पत्रकार को विभागीय भ्रष्टाचार पर यह कहते हुए बंगले से बाहर का रास्ता दिखा दिया था कि ‘मैं मंत्री हूं हर बात पर नहीं बोलूंगा’। इस प्रकरण के बाद भी सोशल नेटवर्किंग पर उनका विरोध हुआ था।
विवाद नंबर पांच : राजेश मूणत की सोशल मीडिया पर जमकर खिल्ली उड़ती रही है। उनकी अधिकांश पोस्ट में व्याकरण और मात्राओं की त्रुटि रहती है। एक बार तब विवाद बढ़ गया, जब मूणत की फेसबुक आईडी से एक पुल की तस्वीर पोस्ट हुई, जिसे रायगढ़ जिले के केलो नदी पर निर्माण होना बताया गया। रायगढ़, छत्तीसगढ़ का ही एक जिला है। दिलचस्प बात यह है कि जिस पुल की तस्वीर मंत्री की फेसबुक पर पोस्ट की गई थी, वह वियतनाम के कोचिएन पुल की थी। 23 अगस्त को मूणत की फेसबुक आईडी से यह तस्वीर पोस्ट की गई थी। बवाल बढ़ने पर मूणत ने सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी थी।
विवाद नंबर छह : हाल ही में कन्नड़ लंकेश पत्रिके की संपादक गौरी लंकेश की हत्या कर दी गई थी, उनकी आखिरी संपादकीय सोशल मीडिया में ट्रोल हो रही थी। अपने संपादकीय कालम-‘फेक न्यूज के जमाने में’ में गौरी लंकेश ने राजेश मूणत का भी जिक्र किया था, उन्होंने मूणत की फेसबुक पोस्ट पर सवाल उठाए थे और फर्जी पोस्ट करने वालों पर भी कार्रवाई करने की वकालत की थी।
विवाद नंबर सात : 2013 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में रायपुर पश्चिम से भाजपा प्रत्याशी और राज्य सरकार के मंत्री राजेश मूणत ने कांग्रेस के प्रत्याशी विकास उपाध्याय को केवल 6160 मतों से मात दी। एक मंत्री रहते हुए इतने कम अंतर से जीतने पर उनकी लोकप्रियता पर सवाल उठने लगे थे।