नयी दिल्ली, 16 सितंबर । अनुभवी एमसी मैरीकोम (48 किग्रा) ने पोलैंड के गिलवाइस में 13वें सिलेसियन मुक्केबाजी टूर्नामेंट में साल का अपना तीसरा स्वर्ण पदक जीता जबकि मनीषा (54 किग्रा) को रजत पदक के साथ संतोष करना पड़ा।
मामूली चोट के कारण एशियाई खेलों से बाहर रहने के बाद वापसी कर रही पांच बार की विश्व चैंपियन एमसी मैरीकोम ने एकतरफा मुकाबले में कजाखस्तान की एगेरिम कसानायेवा को 5-0 से हराकर सीनियर वर्ग में भारत को शनिवार को एकमात्र स्वर्ण पदक दिलाया।
मैरीकोम ने इससे पहले इस साल दिल्ली में इंडिया ओपन और गोल्ड कोस्ट में राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीते थे।
ओलंपिक की पूर्व कांस्य पदक विजेता 35 साल मैरीकोम ने अपने से लंबी खिलाड़ी के खिलाफ पलटवार करने की सफल रणनीति अपनाई। उन्होंने पूरे मुकाबले के दौरान कसानायेवा को एक बार भी वापसी करने का मौका नहीं दिया।
भारतीय कोच रफाइल बर्गामास्को ने गिलवाइस से पीटीआई को बताया, ‘‘मैरी ने शानदार तरीके से रणनीति को अंजाम दिया। यह बेदाग प्रदर्शन था।’’
दूसरी तरफ मनीषा को युक्रेन की इवाना क्रुपेनिया के खिलाफ 2-3 से हार का सामना करना पड़ा। मनीषा दोनों मुक्केबाजों में अधिक आक्रामक थी लेकिन इसके बावजूद जीत दर्ज करने में नाकाम रही।
बर्गामास्को ने कहा, ‘‘मनीषा मुकाबले में काफी अच्छा खेली और मेरे नजरिये से वह जीत की हकदार थी।’’
सीनियर वर्ग में पूर्व विश्व चैंपियन एल सरिता देवी (60 किग्रा), रितु ग्रेवाल (51 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा) और पूजा रानी (81 किग्रा) ने भारत के लिए सीनियर वर्ग में चार कांस्य पदक जीते।
युवा वर्ग में पूर्व विश्व चैंपियन ज्योति गुलिया (51 किग्रा) ने स्वर्ण पदक जीता। वह अर्जेन्टीना में अगले महीने होने वाले युवा ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई करने वाली एकमात्र भारतीय मुक्केबाज हैं।
जूनियर वर्ग में भारत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए छह स्वर्ण, छह रजत और एक कांस्य पदक के साथ कुल 13 पदक जीते।attacknews.in