श्रीनगर, 22 फरवरी ।जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को सोमवार को फिर से सर्वसम्मति से पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) का अध्यक्ष चुना गया।
पीडीपी के एक प्रवक्ता ने बताया कि सुश्री मुफ्ती को तीन वर्ष की अवधि के लिए फिर से सर्वसम्मति से पार्टी का अध्यक्ष चुना गया है। उन्होंने कहा,“ गुलाम नबी लोन हंजुरा और खुर्शीद आलम समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उनका (सुश्री मुफ्ती) नाम प्रस्तावित किया।”
उन्होंने बताया कि वरिष्ठ नेता ए आर वीरी पार्टी चुनाव बोर्ड के अध्यक्ष थे।
पार्टी प्रवक्ता ताहिर सईद ने फिर से पीडीपी अध्यक्ष निर्वाचित होने पर सुश्री महबूबा को बधाई देते हुये कहा कि वह समन्वय, संवाद और लोकतंत्र विकास की अनुयायी हैं।
उन्होंने कहा,“ पार्टी को निर्विवाद रूप से उनके (सुश्री मुफ्ती) के नेतृत्व पर भरोसा है। वह जम्मू-कश्मीर में शांति की स्थापना और लोकतंत्र के विकास के लिए संघर्ष का प्रतीक हैं।”
इस बीच, पूर्व विधायक एजाज अहमद मीर समेत पीडीपी के अन्य नेताओं ने सुश्री मुफ्ती को फिर से पीडीपी अध्यक्ष निर्वाचित होने पर बधाई दी है।
मुफ्ती ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि जम्मू-कश्मीर मुश्किल दौर से गुजर रहा है और वह पीडीपी का उस मिशन का नेतृत्व करेंगी जिसके लिए उसकी स्थापना की गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘पीडीपी की स्थापना लोगों की आवाज और उनकी समस्याओं को उठाने के लिए की गई है। हम उसे जारी रखेंगे।’’
एक सवाल के जवाब में पीडीपी अध्यक्ष ने कहा, ‘‘अगर वे (पुलिस) मानते हैं कि मुझे लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने की वजह से गिरफ्तार करना चाहिए, तो उन्हें अपना कर्तव्य करने दीजिए। मैं अपना काम करना जारी रखूंगी।’’
जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के सवाल पर मुफ्ती ने कहा, ‘‘ इसका फैसला मुझे नहीं करना है। केंद्र को इसे बहाल करना है।’’
उल्लेखनीय है कि मुफ्ती मोहम्मद सईद ने नेशनल कांफ्रेंस के क्षेत्रीय विकल्प के तौर पर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) का वर्ष 1998 में गठन किया था।
पिछले दो दशक में कई दिग्गज नेताओं के पीडीपी में शामिल होने के बाद पार्टी की ताकत बढ़ी, हालांकि जून 2018 में जम्मू-कश्मीर में पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के गिरने के बाद वह विभाजन की कगार पर थी।
मुफ्ती ने पार्टी पर मजबूत पकड़ बरकरार रखी है लेकिन कुछ संस्थापक सदस्यों सहित अधिकतर बड़े नेताओं ने गत दो साल में पीडीपी को छोड़ दिया है।