इंदौर/मंदसौर 30 जून। मंदसौर की गैंगरेप पीड़िता 7 वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार करने वाले दूसरे आरोपी आसिफ की गिरफ्तारी के बाद जो सच सामने आया है वो काफी भयावह है।
पुलिस के मुताबिक आरोपी इरफान का आपराधिक रिकॉर्ड रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक जांच अधिकारी ने कहा कि 24 साल का आसिफ और 20 साल का इरफान शराब के आदी थे। दोनों शराब पीते और स्थानीय पार्क में महिलाओं पर फब्तियां कसते। इस बार उन्होंने ऐसी बच्ची को शिकार बनाने की सोची जो शारीरिक रूप से कमजोर हो और विरोध ना सके। इन दरिंदों ने वारदात की प्लानिंग की और बच्ची की स्कूल के सामने मंडराते रहे। 27 जून की शाम को इन्होंने इन घृणित हरकत को अंजाम देने की सोची।
मंदसौर एसपी मनोज सिंह ने कहा कि आसिफ नारंगी रंग की शर्ट पहने हुए था, उसे एक दूसरे बच्चे ने देखा था। एक सीसीटीवी फुटेज में इनफान नीले रंग का शर्ट पहने हुआ है।
पुलिस के मुताबिक शाम को आसिफ स्कूल की गेट के आस-पास मंडराने लगा। जैसे ही उसे पीड़ित बच्ची दिखी उसने उसे चॉकलेट और बिस्किट दिया। इस दरिंदे ने कहा कि अगर वह उसके साथ चलेगी तो उसे और भी चीजें मिलेगी। इसके बाद बच्ची आसिफ के साथ चली गई। एक सुनसान जगह ले जाकर आसिफ ने बच्ची को इरफान को सौंप दिया। यहां पर इन दोनों दरिंदों ने 2 घंटे तक उसके साथ गैंगरेप किया।
बच्ची का इलाज कर रहे डॉक्टर उसका जख्म देखकर हैरान हैं। एमवायएच में बच्ची का इलाज कर रहे एक डॉक्टर ने कहा कि आरोपी ने बच्ची के सिर, चेहरे और गर्दन पर धारदार हथियार से हमला किया था। इसके साथ ही, उसके नाजुक अंगों को भीषण चोट पहुंचायी थी जिसे मेडिकल जुबान में “फोर्थ डिग्री पेरिनियल टियर” कहते हैं।
उन्होंने बताया कि यौन हमले में बच्ची के बुरी तरह क्षतिग्रस्त नाजुक अंगों को दुरुस्त करने के लिये उसकी अलग-अलग सर्जरी की गयी हैं। कॉलोस्टोमी के जरिये उसके मल विसर्जन के लिये अस्थायी तौर पर अलग रास्ता बनाया गया है, जबकि एक अन्य ऑपरेशन के दौरान उसके दूसरे नाजुक अंग की शल्य चिकित्सा के जरिये मरम्मत की गयी है।
इस बीच वार्ड में भर्ती बच्ची परेशान है। मासूम समझ नहीं पा रही कि उसके साथ क्या हुआ है। और मां-मां कहकर बीच बीच में चिहक उठती है। बच्ची आंखों ही आंखों में मां से पूछती है कि उसे यहां क्यों रखा गया है। वार्ड में बार बार नेताओं के पहुंचने की वजह से भी बच्ची परेशान हैं। वह समझ नहीं पा रही है लोग उसे देखने क्यों आए हैं। इधर डॉक्टरों का कहना है कि उसकी हालत में सुधार तो हो रहा है लेकिन उसे पूरा ठीक होने में एक से डेढ़ महीने लग सकते हैं।
सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ने वाली सात साल की बच्ची को मंगलवार को छुट्टी के बाद स्कूल गेट से आरोपी इरफान लड्डू खिलाने के बहाने अपने साथ ले गया था। बुधवार को वह लहूलुहान हालत में झाड़ियों के बीच पड़ी मिली थी। बच्ची द्वारा बताए गए दो लोगों में से पुलिस ने एक आरोपी इरफान को बुधवार रात गिरफ्तार किया था। दूसरा आरोपी आसिफ शुक्रवार को गिरफ्तार हुआ। इरफान उर्फ भय्यू खां ने उसका गला रेतने की भी प्रयास की थी।
गौरतलब है कि मंदसौर में 26 जून को छुट्टी के बाद स्कूल के बाहर से नाबालिग बच्ची का अपहरण करके उसके साथ बलात्कार कर उसे जान से मारने की कोशिश करते हुए उसे झाड़ियों में फेंक दिया गया था. पुलिस ने इस मामले में 27 जून की देर रात को एक आरोपी इरफान को गिरफ्तार कर लिया था. मंदसौर में लोगों ने इस घटना के खिलाफ 28 जून को शहर बंद रखा।
बच्ची की हालत खतरे से बाहर
इंदौर से खबर मध्य प्रदेश के मंदसौर में सामूहिक बलात्कार के दौरान वहशत की शिकार सात वर्षीय स्कूली छात्रा की यहां शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) में सर्जरी के बाद उसकी हालत में लगातार सुधार हो रहा है। एमवायएच के एक आला अधिकारी ने आज यह जानकारी दी।
पीड़ित बच्ची मंदसौर से करीब 200 किलोमीटर दूर इंदौर के एमवायएच में 27 जून की रात से भर्ती है।
एमवायएच के अधीक्षक वीएस पाल ने संवाददाताओं को बताया, “बच्ची की हालत खतरे से बाहर है। उसकी सेहत में लगातार सुधार हो रहा है।” उन्होंने बताया कि पीड़ित बच्ची की सेहत पर एमवायएच के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम बराबर नजर रख रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशों पर निजी क्षेत्र के दो बाल शल्य चिकित्सकों की सलाह भी ली जा रही है, ताकि बच्ची के इलाज में कोई कोर-कसर न रहे।
एमवायएच अधीक्षक ने बताया, “हमने बच्ची को अर्द्ध ठोस आहार देना शुरू कर दिया है। बच्ची पूरी तरह होश में है और अपने माता-पिता से बात भी कर रही है।” उन्होंने एक सवाल पर कहा कि बच्ची के माता-पिता ने उनके सामने मरीज को किसी अन्य अस्पताल में स्थानांतरित करने की न तो कोई मांग रखी है, न ही एमवायएच प्रशासन उसे किसी अन्य अस्पताल में भेजने की फिलहाल कोई जरूरत महसूस कर रहा है।
पाल ने कहा, “बच्ची के माता-पिता एमवायएच में अपनी संतान के इलाज से संतुष्ट हैं।” उन्होंने बताया कि सर्जरी के बाद बच्ची के घाव भर रहे हैं और उसे अस्पताल से छुट्टी मिलने में कम से कम दो हफ्ते का समय लगेगा।
एमवायएच में बच्ची का इलाज कर रहे एक अन्य डॉक्टर ने बताया कि यौन हमलावरों ने बच्ची के सिर, चेहरे और गर्दन पर धारदार हथियार से हमला किया था। इसके साथ ही, उसके नाजुक अंगों को भीषण चोट पहुंचायी थी जिसे मेडिकल जुबान में “फोर्थ डिग्री पेरिनियल टियर” कहते हैं। उन्होंने बताया कि यौन हमले में बच्ची के बुरी तरह क्षतिग्रस्त नाजुक अंगों को दुरुस्त करने के लिये उसकी अलग-अलग सर्जरी की गयी है। कॉलोस्टोमी के जरिये उसके मल विसर्जन के लिये अस्थायी तौर पर अलग रास्ता बनाया गया है, जबकि उसके दूसरे नाजुक अंग की भी शल्य चिकित्सा के जरिये मरम्मत की गयी है।attacknews.in