नयी दिल्ली, एक अगस्त । तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने आज कहा कि वह प्रधानमंत्री पद की होड़ में नहीं हैं और शीर्ष पद के लिये उम्मीदवार सभी विपक्षी पार्टियां मिलकर चुनेंगी।
बनर्जी विपक्षी पार्टियों की एकता को मजबूत करने का प्रयास कर रही हैं। उन्होंने अपनी दिल्ली यात्रा के दूसरे दिन कांग्रेस, तेदेपा, वाईएसआर (कांग्रेस), द्रमुक, राजद और जद (एस) समेत विभिन्न दलों के नेताओं से मुलाकात की और उन्हें कोलकाता में 19 जनवरी को होने वाली अपनी रैली में शामिल होने का न्योता दिया।
आश्चर्य की बात है कि बनर्जी ने भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से भी उनके चैंबर में मुलाकात की। उन्होंने कहा कि आडवाणी के साथ उनके संबंध वर्षों पुराने हैं।
शिवसेना नेता संजय राउत भी बनर्जी से मिलने तृणमूल कांग्रेस के दफ्तर में पहुंचे। बनर्जी ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को भी 19 जनवरी की रैली में शामिल होने का न्योता दिया।
तृणमूल प्रमुख ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा का मुकाबला करने के लिये सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने की है।
उन्होंने संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए कहा, ‘‘मैं किसी पद की होड़ में नहीं हूं। मेरी दिलचस्पी इस बात को देखने में है कि सभी पार्टियां मिलकर काम करें। सभी राजनैतिक दल एकसाथ बैठेंगे और फैसला करेंगे।’’
संसद में आज तृणमूल कांग्रेस के कार्यालय में बनर्जी के पहुंचने के बाद काफी हलचल थी। विभिन्न विपक्षी दलों के नेता उनसे मिलने पहुंचे।
उन्होंने कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और अहमद पटेल से बातचीत की। बनर्जी ने आडवाणी से भी उनके चैंबर में मुलाकात की।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं उनसे मिलने गई और उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा।’’
भाजपा के निलंबित सांसद कीर्ति आजाद ने उन्हें महान नेता कहकर उनकी तारीफ की। आजाद ने कहा कि सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने का उनका प्रयास ‘सराहनीय’ है।
तृणमूल प्रमुख बाद में अन्य विपक्षी नेताओं से मिलने संसद के सेंट्रल हॉल में गईं और उन्हें रैली में शरीक होने का न्योता दिया।
बनर्जी ने सभी विपक्षी दलों से ईवीएम से छेड़छाड़ के खिलाफ और मतपत्रों से चुनाव कराने के लिये चुनाव आयोग के पास संयुक्त प्रतिनिधिमंडल भेजने की अपील की।
बनर्जी ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी नेताओं से कहा, ‘‘सभी विपक्षी पार्टियों को इस मामले पर चुनाव आयोग के पास जाना चाहिये।’’
मजेदार बात है कि बनर्जी ने राउत के जरिये शिवसेना प्रमुख को रैली के लिये निमंत्रण दिया। राउत ने कहा कि पार्टी इसपर फैसला करेगी।
सत्तारूढ़ राजग में सहयोगी दल होने के बावजूद शिवसेना ने खुलकर मोदी सरकार की आलोचना की है।
बनर्जी ने जद (एस) नेता और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा से भी मुलाकात की और उन्हें रैली में आने का न्योता दिया।
बनर्जी ने नेताओं से सभी विपक्षी दलों का प्रतिनिधिमंडल असम भी भेजने की अपील की। उन्होंने कहा कि यद्यपि तृणमूल कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को असम जाएगा, लेकिन अन्य दलों को भी सरकार पर दबाव बनाना चाहिये।
बनर्जी के कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी से भी मिलने की उम्मीद है। वह उन्हें भी रैली में आने का न्योता देंगी।attacknews.in