नागपुर, 06 दिसंबर ।महाराष्ट्र भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने विदर्भ सिंचाई घोटाला मामले में महाराष्ट्र के पूर्व जल संसाधन मंत्री एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री अजीत पवार काे शुक्रवार को क्लीन चिट दे दी।
बाम्बे उच्च नयायलय में नागपुर पीठ के समक्ष 27 नवंबर को दाखिल पत्र के अनुसार श्री पवार पर लगे विदर्भ सिंचाई घोटाले से संबंधित सभी आरोप हटा दिये गये हैं।
पूर्व उप मुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजित पवार को बड़ी राहत मिली है. उन्हें सिंचाई घोटाले के 17 मामलों में क्लीन चिट मिल गई है।
भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (ACB) ने 27 नवंबर को बॉम्बे हाईकोर्ट में क्लीन चिट को लेकर हलफनामा दायर किया।एसीबी के हलफनामे के अनुसार विदर्भ सिंचाई विकास निगम के चेयरमैन रहे अजित पवार को एजेंसियों के कार्यों के लिए जिम्मेदार नहीं माना जा सकता. इसका मुख्य कारण ये है कि अजित के पास कोई भी कानूनी जिम्मेदारी नहीं है।
इससे पहले महाराष्ट्र में हुए करीब 70 हजार करोड़ के कथित सिंचाई घोटाले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने नवंंबर 2018 में पूर्व उप मुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार को जिम्मेदार ठहराया था।
महाराष्ट्र भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया था कि करोड़ों रुपये के कथित सिंचाई घोटाला मामले में उसकी जांच में राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री अजित पवार और अन्य सरकारी अधिकारियों की ओर से भारी चूक की बात सामने आई है।
यह घोटाला करीब 70,000 करोड़ रुपये का है, जो कांग्रेस- राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शासन के दौरान सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी देने और उन्हें शुरू करने में कथित भ्रष्टाचार व अनियमितताओं से जुड़ा हुआ है।
अजित पवार के पास महाराष्ट्र में 1999 से 2014 के दौरान कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन सरकार में सिंचाई विभाग की जिम्मेदारी थी. एसीबी के महानिदेशक संजय बारवे ने एक स्वयंसेवी संस्था जनमंच की ओर से दाखिल याचिका के जवाब में हाईकोर्ट की नागपुर पीठ के समक्ष एक हलफनामा दाखिल किया था।