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महाराष्ट्र में शिवसेना और राकांपा विधायकों की खरीद- फरोख्त से डरी और समय लेकर भी राज्यपाल से विधायकों की मुलाकात को टाला attacknews.in

मुंबई, 16 नवंबर । महाराष्ट्र में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के विधायकों के प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के साथ अपनी मुलाकात को स्थगित कर दिया।वही राज्य की राजनीति में विधायकों की खरीद फरोख्त के आरोप लगना शुरू हो गये हैं ।

शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने कहा कि सभी दलों के नेताओं के साथ-साथ विधायक विभिन्न कारणों से मुंबई नहीं पहुंच सके। उन्होंने कहा, विधायक महाराष्ट्र में बेमौसम बारिश से किसानों की खराब फसल के आकलन प्रक्रियाओं की व्यवस्था कर रहे हैं और अपनी चुनावी खर्च रिपोर्ट और हलफनामे तैयार कर रहे हैं, जिन्हें चुनाव आयोग को प्रस्तुत करना है। इसलिए, आज राज्यपाल के साथ मुलाकात स्थगित कर दी है।

महाराष्ट्र में सरकार गठन पर भाजपा का भरोसा विधायकों की खरीद-फरोख्त की ओर इशारा करता है: शिवसेना

शिवसेना ने शनिवार को आरोप लगाया कि शुरुआत में सरकार गठन से पीछे हटने के बाद भाजपा अब महाराष्ट्र में सरकार गठित करने का भरोसा जता रही है और राष्ट्रपति शासन की आड़ में घोड़ाबाजार लगाने (विधायकों की खरीद-फरोख्त करने) की उसकी मंशा साफ दिखाई दे रही है।

शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस के उस बयान को लेकर भी निशाना साधा, जिसमें उन्होंने कहा था कि शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन छह महीने से अधिक नहीं चलेगा।

पार्टी ने कहा कि नए राजनीतिक समीकरण ‘‘कई लोगों को पेट दर्द दे’’ रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने शुक्रवार को कहा था, ‘‘भाजपा सबसे बड़ा दल है और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से हमारी संख्या 119 तक पहुंचती है। इसके साथ भाजपा सरकार बनाएगी।’’

शिवसेना ने ‘सामना’ में कहा, ‘‘जिनके पास 105 सीटें हैं, उन्होंने पहले राज्यपाल से कहा था कि उनके पास बहुमत नहीं है। अब वे सरकार गठन का दावा कैसे कर रहे हैं?’’

उन्होंने कहा, ‘‘…घोड़ाबाजार लगाने का उनका मंसूबा अब साफ हो गया है। पारदर्शी सरकार का वादा करने वालों के झूठ अब सामने आ रहे हैं।’’

पार्टी ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के राजनीति और क्रिकेट संबंधी बयान का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘गडकरी का संबंध क्रिकेट से नहीं है। उनका संबंध सीमेंट, इथेनॉल, एस्फाल्ट और अन्य चीजों से है।

शिवसेना ने कहा कि क्रिकेट अब खेल कम और कारोबार ज्यादा हो गया है। क्रिकेट में भी ‘‘घोड़ाबाजार और फिक्सिंग’’ होती है।

उल्लेखनीय है कि गडकरी ने कहा था, ‘‘क्रिकेट और राजनीति में कुछ भी हो सकता है। कभी आपको लगता है कि आप मैच हार रहे हैं लेकिन परिणाम एकदम विपरीत होता है।’’

भाजपा और शिवसेना ने गठबंधन में रहते हुए 21 अक्टूबर का विधानसभा चुनाव लड़ा था। 288 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 105 सीटें और शिवसेना ने 56 सीटें जीती थीं, जो सरकार बनाने के लिये बहुमत के आंकड़े को छू रही थीं। कांग्रेस और राकांपा ने क्रमश: 44 और 54 सीटें जीती थीं।

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मंगलवार को केंद्र को एक रिपोर्ट भेजकर मौजूदा स्थिति को देखते हुए राज्य में स्थिर सरकार के गठन को असंभव बताया था, जिसके बाद से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है।

महाराष्ट्र में सत्ता समीकरण बदलने पर राउत ने ट्वीट कर ‘नये मौसम’ का जिक्र किया

महाराष्ट्र में मौजूदा राजनीतिक स्थिति को लेकर शिवसेना नेता संजय राउत ने शनिवार को प्रसिद्ध उर्दू शायर बशीर बद्र की शायरी को उद्धृत करते हुए कहा कि ‘यारों नये मौसम ने ये एहसान किया है। याद मुझे दर्द पुराने नहीं आते।’

24 अक्टूबर को विधानसभा परिणाम घोषित होने के बाद मुख्यमंत्री पद पर विवाद को लेकर अपने लंबे समय के सहयोगी भाजपा से शिवसेना के अलग होने के बाद महाराष्ट्र की राजनीति ने एक अप्रत्याशित मोड़ ले लिया है।

अभी, राज्य में सरकार बनाने की कोशिश में शिवसेना पिछली प्रतिद्वंद्वियों राकांपा और कांग्रेस के साथ एक नए समीकरण बनाने में लगी हुई है।

संजय राउत ने उर्दू के प्रसिद्ध शायर बशीर बद्र की शायरी को उद्धृत करते हुए ट्वीट किया, ‘‘यारों नये मौसम ने ये एहसान किया है। याद मुझे दर्द पुराने नहीं आते।’’

राकांपा नेता मलिक ने बताया: सत्ता से दूर भाजपा को दलबदलु विधायकों के पलटने का डर

इधर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा इस बात से घबरायी हुई है कि 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनावों से पहले जिन राजनेताओं ने उसका दामन थामा था वे अब उसका साथ छोड़ सकते हैं इसलिये उनके नेता दावा कर रहे हैं कि वे राज्य में अगली सरकार बनाने जा रहे हैं।

राकांपा के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने यह टिप्पणी महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के उस बयान के एक दिन बाद दी जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी जल्द ही सरकार बनाएगी और उसके साथ निर्दलीय समेत 119 विधायकों का समर्थन हैं।

मलिक ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस पर निशाना साधा। फड़णवीस ने अपनी हालिया टिप्पणी में कहा था कि गैर भाजपा सरकार छह महीने से ज्यादा नहीं चलेगी। मलिक ने इस पर कहा कि वह (फड़णवीस) एक हारी हुई सेना के सेनापति की तरह बोल रहे है जो अपने पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिये ऐसा कह रहा है।

मलिक ने कहा, “पूर्व मुख्य मंत्री एक हारे हुए सेनापति की तरह अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। हम मानते हैं कि वे हार चुके हैं और उन्हें यह स्वीकार करना होगा। वो हार स्वीकार करने को राजी नहीं हैं, लेकिन समय लगता है।”

पाटिल की टिप्पणी पर मलिक ने पूछा कि महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष द्वारा जैसा दावा किया जा रहा है कि उनके पास आंकड़े हैं तो भाजपा ने पूर्व में ही सरकार बनाने का दावा क्यों पेश नहीं किया।

मलिक ने कहा, “कोई भी सरकार (महाराष्ट्र में) नहीं बना सकता जब तक 145 विधायकों का समर्थन न हो। उनके (भाजपा के) पास अपने विधायक नहीं है, उसने दूसरे दलों के नेताओं को अपने पाले में खींचा।”

वह 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस और राकांपा के कई नेताओं के भाजपा में शामिल होने के संदर्भ में यह बात कह रहे थे।

मलिक ने कहा, “उन्हें (भाजपा को) अब यह घबराहट है कि ये विधायक (दूसरे दलों से भाजपा में आए) पाला बदल सकते हैं। इसलिये, वे (भाजपा नेता) अपने कुनबे को एकजुट रखने के लिये ऐसे बयान दे रहे हैं।”

महाराष्ट्र में मौजूदा राजनीतिक गतिरोध के बीच केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता नितिन गडकरी ने शुक्रवार को इस पूरे परिदृश्य को क्रिकेट से जोड़ते हुए कहा कि इन दोनों क्षेत्रों (क्रिकेट और राजनीति) में ‘कुछ भी’ हो सकता है। उन्होंने कहा कि जो मैच हारता हुआ दिखाई देता है वास्तव में वह जीत भी सकता है।

केंद्रीय मंत्री के बयान के बारे में पूछे जाने पर मलिक ने कहा कि उन्हें यह नहीं पता कि क्या गडकरी ये समझ चुके हैं कि लोगों ने भाजपा को “क्लीन बोल्ड” कर दिया है

राजग की बैठक में शामिल नहीं होगी शिवसेना- संजय राउत

शिवसेना के केन्द्रीय मंत्री अरविंद सावंत के इस्तीफे के बाद पार्टी ने शनिवार को घोषणा करते हुए कहा कि संसद सत्र की पूर्व संध्या पर रविवार को नयी दिल्ली में होने वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की बैठक में शिव सेना के सांसद शामिल नहीं होंगे।

पार्टी के सांसद संजय राउत ने शनिवार को यहां संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, “नहीं … हम बैठक में शामिल नहीं होंगे”।

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