पुणे (महाराष्ट्र), 29 अगस्त । माओवादियों से संबंध के आरोप में पांच वामपंथी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के एक दिन बाद पुणे पुलिस ने आज कहा कि उसके पास ऐसे ‘‘साक्ष्य’’ हैं, जिनसे पता चलता है कि ‘‘आला राजनीतिक पदाधिकारियों’’ को निशाना बनाने की साजिश थी।
पुलिस ने यह भी दावा किया कि सबूत से पता चलता है कि गिरफ्तार लोगों के कश्मीरी अलगाववादियों से संबंध थे।
पुणे के संयुक्त पुलिस आयुक्त (जेसीपी) शिवाजीराव बोडखे ने ऐसे साक्ष्य होने का भी दावा किया जिससे पता चलता है कि गिरफ्तार किए गए लोगों के तार कश्मीरी अलगाववादियों से जुड़े थे।
पुणे पुलिस ने कल कई राज्यों में प्रमुख वामपंथी कार्यकर्ताओं के घरों पर छापेमारी की और उनमें से पांच को गिरफ्तार किया। पुलिस ने कवि वरवर राव को हैदराबाद, वर्नोन गॉन्जैल्विस और अरुण फेरेरा को मुंबई, ट्रेड यूनियन नेता एवं वकील सुधा भारद्वाज को फरीदाबाद और नागरिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा को दिल्ली से गिरफ्तार किया था।
पिछले साल 31 दिसंबर को ‘एल्गार परिषद’ नाम के एक कार्यक्रम के बाद पुणे के पास कोरेगांव-भीमा गांव में दलितों एवं अगड़ी जाति के पेशवाओं के बीच हुई हिंसा की जांच के सिलसिले में पुलिस ने इन कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की।
पुलिस अधिकारी ने आज यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि माओवादियों ने ‘एल्गार परिषद’ के लिए पैसे दिए थे।
बोडखे ने कहा कि गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं ने राजनीतिक व्यवस्था के प्रति घोर असहनशीलता दिखाई है।
उन्होंने दावा किया कि इकट्ठा किए गए कुछ साक्ष्यों से पता चलता है कि ‘‘आला राजनीतिक पदाधिकारियों’’ को निशाना बनाने की साजिश थी।
जेसीपी ने कहा कि पुलिस ने गिरफ्तार किए गए लोगों से लैपटॉप और पेन ड्राइव जब्त किए हैं।
पुलिस उपायुक्त शिरीष सरदेशपांडे ने कहा,‘‘इकट्टा किये गये कुछ सबूतों से पता चलता है कि उनकी साजिश ‘‘आला राजनीतिक पदाधिकारियों’’ को निशाना बनाने की थी।
उन्होंने कहा कि कुछ सबूत से पता चलता है कि वे (गिरफ्तार लोग) अन्य गैरकानूनी संगठनों के साथ मिले हुए हो सकते है।
उन्होंने कहा कि अन्य जानकारियों जैसे धनराशि का प्रावधान, युवाओं और छात्रों को कट्टरपंथी बनाने में इन शहरी नक्सलियों को दी गई जिम्मेदारियों, हथियारों के प्रावधान और अन्य जानकारियां, सीपीआई माओवादी की केन्द्रीय समिति के वरिष्ठ कामरेड से प्रशिक्षण जैसी अन्य जानकारियां भी ‘‘सबूत’’ में शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि मुम्बई, ठाणे, रांची,हैदराबाद, नयी दिल्ली और फरीदाबाद समेत कुल नौ स्थानों पर छापे की कार्रवाई की गई। हार्ड डिस्क,लैपटॉप, मेमोरी कार्ड,मोबाइल फोन और अन्य ‘‘आपत्तिजनक’’ दस्तावेज इन स्थानों से बरामद किये गये थे।
पुणे पुलिस राव, गॉन्जैल्विस और फेरेरा को कल रात यहां लेकर आई और आज एक स्थानीय अदालत में पेश किया।
कुछ प्रबुद्ध लोगों ने आज उच्चतम न्यायालय का रुख किया और इन गिरफ्तारियों को चुनौती दी।
उच्चतम न्यायालय ने आदेश दिया है कि पांचों कार्यकर्ताओं को छह सितंबर तक उनके घर में नजरबंद रखा जाएगा।attacknews.in