नयी दिल्ली/मुंबई , छह नवंबर। महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर भाजपा और शिवसेना के बीच गतिरोध का जल्द समाधान निकलने की उम्मीद है। सूत्रों ने बताया कि निवर्तमान विधानसभा की अवधि नौ नवंबर को समाप्त हो रही है और इससे पहले नयी सरकार का गठन हो सकता है।
भाजपा और शिवसेना, दोनों दलों के सूत्रों ने बताया कि हिन्दुत्व की विचारधारा रखने वाले दोनों पुराने सहयोगी दलों के बीच गतिरोध जल्द समाप्त होने की उम्मीद है।
सूत्रों ने बताया, ‘‘ हमें उम्मीद है कि गतिरोध जल्द समाप्त हो जाएगा। अगर सब कुछ सही रहा, तो नौ नवंबर से पहले नयी सरकार बन सकती है।’’ हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि भाजपा की ओर से शिवसेना को क्या पेशकश की गई है ताकि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी को संतुष्ट किया जा सके ।
भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने इस बात पर जोर दिया कि पार्टी मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई समझौता नहीं करेगी ।
गौरतलब है कि शिवसेना 50:50 फार्मूले पर जोर दे रही है और मुख्यमंत्री पद ढाई साल के लिये मांग रही है। लेकिन भाजपा इस पर राजी नहीं है।
महाराष्ट्र में 288 सदस्यीय विधानसभा के लिये हाल में हुए चुनाव में भाजपा 105 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है, जबकि शिवसेना 56 सीटों पर विजयी रही।
शिवसेना ने पिछले कुछ दिनों में अपने सहयोगी दल के खिलाफ कड़े तेवर दिखाए हैं, जबकि भाजपा ने देखो और इंतजार करो की नीति अपनायी। शिवसेना ने राकांपा से भी सम्पर्क साधा।
हालांकि, राकांपा प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी और कांग्रेस को विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है ।
वहीं, मुम्बई में भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंतीवार ने बुधवार को कहा कि भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल बृहस्पतिवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यिारी से मुलाकात करेगा।
मुनगंतीवार ने कहा, ‘‘प्रदेश इकाई प्रमुख चंद्रकांत पाटिल के नेतृत्व में भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस द्वारा मंजूर एक संदेश के साथ कोश्यिारी से मुलाकात करेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘राज्यपाल के साथ मुलाकात का ब्यौरा बाद में मीडिया से साझा किया जाएगा।
अहमद पटेल ने की गडकरी से मुलाकात
नयी दिल्ली में वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के भरोसेमंद सहयोगी अहमद पटेल ने बुधवार को यहां केन्द्रीय मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी से मुलाकात की।
कांग्रेस में पर्दे के पीछे के समीकरणों को सेट करने में माहिर श्री पटेल ने हालांकि बाद में कहा कि उन्होंने श्री गडकरी के साथ बातचीत में महाराष्ट्र राजनीति के बारे में कोई चर्चा नहीं की। उन्होंने कहा, “मैंने महाराष्ट्र का ‘म’ तक नहीं कहा।”
श्री पटेल ने कहा, “श्री गडकरी से मेरी मुलकात महाराष्ट्र की राजनीति के बारे में नहीं थी। मैं केन्द्रीय मंत्री के पास महाराष्ट्र के किसानों के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए गया था।”
श्री गडकरी और श्री पटेल की मुलाकात का महत्व इस बात से और बढ़ गया है कि श्री गडकरी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का करीबी माना जाता है और शिवसेना के नेताओं ने इस गतिरोध के समाधान के लिए संघ के नेतृत्व एवं श्री गडकरी की मध्यस्थता का आग्रह किया है।
महाराष्ट्र में सरकार के गठन को लेकर शिवसेना एवं भाजपा में जारी खींचतान के बीच श्री गडकरी के निवास पर सोमवार को दो महत्वपूर्ण बैठकें हुईं हैं।
भाजपा के मौजूदा अध्यक्ष अमित शाह और महाराष्ट्र के निवर्तमान मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस ने श्री गडकरी के साथ चर्चा की थी। उधर कांग्रेस के खेमे में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार के बीच भी महाराष्ट्र की स्थिति पर मंत्रणा हुई थी।
महाराष्ट्र विधानसभा के 21 अक्टूबर काे हुए चुनाव का 24 अक्टूबर को परिणाम आया जिसमें भाजपा-शिवसेना गठबंधन को पूर्ण बहुमत हासिल हुआ है। लेकिन शिवसेना मुख्यमंत्री पद एवं विभागों में 50-50 के फॉर्मूले के आधार पर सरकार बनाने की मांग पर अड़ी हुई है जबकि भाजपा मुख्यमंत्री पद, गृह मंत्रालय एवं विधानसभा अध्यक्ष के पद के लिए किसी भी प्रकार का समझौता करने को तैयार नहीं है। महाराष्ट्र में नौ नवंबर को नयी सरकार के शपथग्रहण की तैयारियां होने की खबर है।
महाराष्ट्र सरकार गठन: तमाम अटकलों के बीच राउत ने पवार से मुलाकात की
इधर महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी खींचतान के बीच शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार से बुधवार को यहां मुलाकात की।
राउत ने मुलाकात के बाद कहा, ‘‘यह एक शिष्टाचार भेंट थी।’’
भाजपा और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान जारी है।
पिछले विधानसभा चुनाव के विपरीत भाजपा और शिवसेना ने यह चुनाव मिलकर लड़ा था। 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने इस बार 105 सीटें जीतीं जबकि शिवसेना 56 सीटों पर विजेता रही।
राज्यसभा सदस्य राउत ने पहले कहा था कि उनकी पार्टी ढाई-ढाई वर्ष के लिए मुख्यमंत्री पद साझा करने सहित सत्ता के बंटवारे को लेकर भाजपा से लिखित आश्वासन चाहती थी।
उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद साझा करने को लेकर चुनाव से पहले ही ‘‘सहमति’’ हो गई थी।
वहीं राकांपा ने मंगलवार को कहा था कि शिवसेना द्वारा भाजपा के साथ गठबंधन समाप्त करने की घोषणा के बाद महाराष्ट्र में एक नए राजनीतिक विकल्प पर विचार किया जा सकता है।
राकांपा से जुड़े सूत्रों ने बताया था कि उनकी पार्टी शिवसेना के साथ बातचीत आगे बढ़ाने से पहले चाहती है कि केन्द्र सरकार में शिवसेना के इकलौते मंत्री अरविंद सावंत इस्तीफा दें।
भाजपा-शिव सेना को सरकार बनानी चाहिए:पवार
इधर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने बुधवार को फिर कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिव सेना को बहुमत दिया है इसलिए उन्हें सरकार बनाना चाहिए।
श्री पवार ने संवाददाताओं से कहा कि ऐसी अटकलें लगायी जा रहीं थी कि राकांपा-कांग्रेस-शिव सेना मिल कर सरकार बनायेगी, लेकिन ऐसी कोई बात है नहीं।
महाराष्ट्र गतिरोध: भाजपा ने पवार की घोषणा का स्वागत किया
सरकार गठन को लेकर जारी रस्साकशी के बीच भाजपा ने बुधवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार के विपक्ष में बैठने के बयान का स्वागत किया।
महाराष्ट्र में भाजपा और उसके सहयोगी दल शिवसेना के बीच सरकार गठन पर खींचतान जारी है। शिवसेना मुख्यमंत्री पद के लिए 50:50 का फार्मूला चाहती है, लेकिन भाजपा इस पर तैयार नहीं है।
पवार ने पत्रकारों से कहा कि भाजपा-शिवसेना सरकार मौजूदा परिदृश्य में राज्य में एकमात्र व्यवहार्य विकल्प है।
शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत के साथ बैठक के बाद राकांपा प्रमुख ने इस बात से इनकार किया कि कांग्रेस के बाहर से समर्थन के साथ वह उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी में शामिल होने जा रहे है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा, ‘‘मैं पवार के फैसले का स्वागत करता हूं कि राकांपा विपक्ष में बैठेगी।’’
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के 13 दिनों बाद भी सरकार गठन को लेकर गतिरोध बना हुआ है। इस तरह की अफवाहों का दौर चल रहा है कि राकांपा सरकार गठन में शिवसेना का समर्थन कर सकती है।
भाजपा नेता ने कहा कि शिवसेना और भाजपा के बीच गठबंधन ‘‘एच2ओ’’-पानी की रासायनिक संरचना- की तरह है जिससे कुछ लोगों द्वारा प्रयासों के बावजूद अलग नहीं किया जा सकता है।
मुनगंटीवार ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘यह सही समय पर पता चल जाएगा कि इस गठबंधन में कौन है।’’
पिछले विधानसभा चुनाव के विपरीत भाजपा और शिवसेना ने यह चुनाव मिलकर लड़ा था। राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा में दोनों पार्टियों ने 161 सीटों पर जीत दर्ज की है।