मुंबई 29 अक्टूबर ।महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना में चल रही खींचतान के बीच दोनों पार्टियों की सोमवार को यहां होने वाली बैठक रद्द किये जाने के बाद अनिश्चितता की स्थिति गंभीर हो गयी है।
दोनों पार्टियों के नेता बयानों के जरिये एक दूसरे पर दबाव बढ़ाने के प्रयासों के चलते बीच का कोई रास्ता निकलता दिख नहीं रहा है। चुनाव परिणाम आने के पांच दिन बाद भी सरकार बनाने को लेकर कोई ठोस चीजें देखने में नहीं आ रही है । शिवसेना की ओर से जिस 50 – 50 फार्मूले की बात कही जा रही है, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उसका खंडन किया है और कहा है कि राज्य में भाजपा के नेतृत्व में पांच वर्ष के लिए सरकार का गठन होगा।
श्री फडणवीस ने अपने निवास पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि ढाई वर्ष के लिए शिवसेना का मुख्यमंत्री होगा ऐसा कोई आश्वासन नहीं दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इस बात की पुष्टि की है कि ऐसा कोई वादा नहीं किया गया है। यह पूछे जाने पर कि तो फिर 50-50 का फार्मूला क्या है, उन्होंने कहा “ आप को जल्द पता चल जायेगा। ”
इस बीच शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने दोनों पार्टियों के नेताओं की शाम चार बजे होने वाली बैठक को रद्द कर दिया है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री ही कहते हैं कि 50-50 फार्मूला पर चर्चा नहीं होगी तो वह फिर किस आधार पर बैठक में चर्चा करेंगे । भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और श्री ठाकरे की उपस्थिति में 50- 50 फार्मूले पर बातचीत हुयी थी । अगर अब ये कहते हैं कि ऐसी कोई बात हुई नहीं तो मै प्रणाम करता हूं ऐसी बातों को । उन्होंने कैमरा के सामने जो कहा अब उससे इन्कार कर रहे हैं ।
श्री फडणवीस ने कहा कि सरकार काे गठन को लेकर शिवसेना की ओर से कोई मांग नहीं रखी गयी है । यदि वे कोई मांग रखते हैं तो गुणदोष पर विचार किया जायेगा । भाजपा पांच साल तक स्थिर और दक्ष सरकार देने में सक्षम है । उन्होंने कहा कि अभी तक उन्हें दस निर्दलीय विधायकों का समर्थन है और उन्हें पांच और निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिलने की आशा है ।
भाजपा को 288 सदस्यीय विधान सभा में सबसे अधिक 105 सीटें मिलीं हैं तथा शिवसेना ने 56 सीटें जीती हैं। राष्ट्रवाद कांग्रेस पार्टी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं और राज्य में अगली सरकार में सत्ता में भागीदारी को लेकर दोनों के बीच तकरार चल रही है ।
फडणवीस ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले जब गठबंधन को अंतिम रूप दिया गया था तब शिवसेना से ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद का वादा नहीं किया गया था।
राज्य में अगली सरकार में सत्ता में भागीदारी को लेकर भाजपा एवं शिवसेना के बीच चल रही तकरार के बीच फडणवीस ने कहा कि वह अगले पांच साल तक वही मुख्यमंत्री रहेंगे।
पिछले सप्ताह शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाजपा को उनके, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह एवं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच, 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले 50:50 के फार्मूले पर बनी सहमति की याद दिलाई थी।
फडणवीस ने यहां अपने आधिकारिक आवास ‘‘वर्षा’’ में संवाददाताओं से कहा ‘‘लोकसभा चुनाव से पहले जब गठबंधन को अंतिम रूप दिया गया था तब शिवसेना से ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद का वादा नहीं किया गया था।’’
उन्होंने कहा कि भाजपा नीत गठबंधन अगले पांच साल एक स्थिर एवं कुशल सरकार देगा।
फडणवीस ने कहा कि भाजपा विधायक दल बुधवार को अपना नया नेता चुनेगा।
उन्होंने कहा ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नाम का ऐलान पहले ही कर चुके हैं और बैठक एक औपचारिकता होगी।’’
उनका इशारा चुनाव प्रचार के दौरान मोदी द्वारा दिए गए उस बयान की ओर था कि गठबंधन की अगुवाई फडणवीस करेंगे।
शिवसेना के 45 विधायक भाजपा के साथ महाराष्ट्र सरकार का हिस्सा बनने के इच्छुक : काकड़े
भाजपा सांसद संजय काकड़े ने मंगलवार को दावा किया कि महाराष्ट्र में शिवसेना के नवनिर्वाचित करीब 45 विधायक भाजपा के साथ हाथ मिला कर सरकार बनाने के इच्छुक हैं।
एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान राज्यसभा सदस्य काकड़े ने यह दावा किया।
उन्होंने कहा ‘‘शिवसेना के 56 में से 45 विधायकों ने भाजपा के साथ हाथ मिला कर सरकार बनाने की अपनी इच्छा जाहिर की है। वे हमें फोन कर कह रहे हैं कि उन्हें सरकार में शामिल कर लें।’’
काकड़े ने यह भी कहा कि शिवसेना के विधायक कह रहे हैं कि चाहे जो भी किया जाए, ‘‘लेकिन हम भाजपा के साथ सरकार का हिस्सा बनना चाहते हैं।’’
संपर्क करने पर काकड़े ने पीटीआई को बताया कि 45 विधायकों की राय है कि सरकार बनाने के लिए भाजपा और शिवसेना को हाथ मिला लेना चाहिए।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 105 और शिवसेना ने 56 सीटें जीती हैं और राज्य की अगली सरकार में सत्ता में भागीदारी को लेकर दोनों के बीच तकरार चल रही है।
21 अक्टूबर को हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा के विधायकों की संख्या 2014 की तुलना में घट गई जिसके बाद शिवसेना सत्ता में बराबर की भागीदारी पर जोर दे रही है।
शिवसेना ने राज्य में अगली गठबंधन सरकार बनाने का दावा करने के बारे में बातचीत करने से पहले भाजपा से ‘‘सत्ता में बराबर की भागीदारी के फार्मूले ’’ के कार्यान्वयन का लिखित आश्वासन मांगा है।
महाराष्ट्र में 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में भाजपा को 105 और शिवसेना को 56 सीटें मिली हैं। शरद पवार नीत राकांपा ने 54 सीट जीतीं, जबकि कांग्रेस के हिस्से 44 सीटें आई हैं।