नयी दिल्ली, 20 नवंबर । कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेताओं की मैराथन बैठक और सोनिया गांधी की हरी झंडी मिलने के बाद दोनों पार्टियों ने बुधवार को ऐलान किया कि वे जल्द ही राज्य में शिवसेना के साथ मिलकर नयी सरकर का गठन करेंगे।
गत 24 अक्टूबर को राज्य विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद यह पहली बार है कि कांग्रेस और राकांपा ने खुलकर यह घोषणा की है कि वे महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ सरकार बनाने जा रहे हैं।
इस बीच, राकांपा सूत्रों ने यह भी कहा है कि शिवसेना के साथ ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री पर सहमति बन सकती है और सहमति बन जाने के बाद शुरुआत के ढाई साल में शिवसेना का मुख्यमंत्री होगा।
दूसरी तरफ, आज की बैठक से अवगत विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि पवार के आवास पर हुई बैठक में ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री के फार्मूले को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है।
इस बीच, शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि राज्य के लोगों की भावना है कि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे नयी सरकार का नेतृत्व करें।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि सोनिया गांधी की हरी झंडी मिलने के बाद पार्टी ने शिवसेना के साथ सरकार बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है।
शरद पवार के आवास पर कांग्रेस एवं राकांपा के वरिष्ठ नेताओं की बैठक के बाद महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि चर्चा सकारात्मक रही और जल्द ही नयी सरकार का गठन हो जाएगा।
राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चव्हाण ने कहा कि चर्चा अभी एक-दो दिन और चलेगी।
चव्हाण ने कहा, ‘‘आज की चर्चा सकारात्मक रही। अभी कुछ चीजों पर चर्चा होनी है। अगले एक-दो दिनों में और चर्चा होगी। हम महाराष्ट्र को एक स्थिर सरकार देने की आशा करते हैं।’’
उन्होंने कहा कि जल्द ही तीनों पार्टियों की सरकार के गठन के बारे में घोषणा की जाएगी।
राकांपा प्रवक्ता मलिक ने कहा, ‘‘वैकल्पिक सरकार बनाने के लिए कई बिंदुओं पर चर्चा की। चर्चा अभी चलेगी। तीनों पार्टियों के साथ आए बिना कोई सरकार नहीं बन सकती।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार हम जल्द बनाने जा रहे हैं। हम जल्द ही इस निर्णय का एलान कर देंगे।’’
सूत्रों के अनुसार पवार के आवास पर हुई बैठक में महाराष्ट्र में सरकार गठन से जुड़ी रूपरेखा और साझा न्यूनतम कार्यक्रम से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गयी।
एक सूत्र ने बताया कि बैठक के दैरान दोनों पार्टियों के नेता शिवसेना नेताओं के साथ संपर्क में बने हुए थे।
बैठक के बाद राउत ने संवाददाताओं से कहा , ‘जब तीन पार्टियां सरकार का गठन करती हैं तो प्रक्रिया लंबी होती है। प्रक्रिया आज आरम्भ हो गई। अगले कुछ दिनों में प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और फिर नयी सरकार का गठन होगा।’
मुख्यमंत्री के लिए उद्धव ठाकरे के नाम की पैरवी करते हुए उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र के लोगों की इच्छा है कि शिवसेना का मुख्यमंत्री बनना चाहिए। यह राज्य की भावना है कि उद्धव ठाकरे जी नेतृत्व करें।’
पवार के आवास पर हुई बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, जयराम रमेश, मल्लिकार्जुन खड़गे, पृथ्वीराज चव्हाण, केसी वेणुगोपाल और बालासाहेब थोराट ने हिस्सा लिया।
राकांपा की ओर से बैठक में सुप्रिया सुले, अजित पवार, जयंत पाटिल और नवाब मलिक शामिल हुए।
दोनों पार्टियों के नेता बृहस्पतिवार को फिर बैठक कर सकते हैं।
उधर, महाराष्ट्र में सरकार गठन की कवायद के बीच पवार की बुधवार दोपहर प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के चलते राजनीतिक पारा और गरमा गया। हालांकि राकांपा ने स्पष्ट किया कि यह मुलाकात किसानों के मुद्दे पर थी।
पवार ने संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और महाराष्ट्र में बेमौसम बाारिश के कारण पैदा हुए कृषि संकट के मद्देनजर किसानों को राहत पहुंचाने के लिए उनसे तत्काल हस्तक्षेप की मांग की।
गत 24 अक्टूबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से सरकार गठन को लेकर लगातार असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। चुनाव में भाजपा-शिवसेना गठबंधन को बहुमत मिला था, लेकिन ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद पर शिवसेना के दावे के बाद दोनों के रास्ते अलग हो गए।
महाराष्ट्र में शिवसेना संग बनायेंगे सरकार हम: कांग्रेस-राकांपा
श्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, “ राकांपा और कांग्रेस ने गठबंधन सरकार के गठन के विभिन्न पहलुओं पर विचार किया है। आज हमारे बीच लंबी और बहुत उपयोगी चर्चा हुई तथा कुछ पहलुओं पर अभी भी चर्चा की जानी है।”
श्री नवाब मलिक ने कहा कि कांग्रेस और राकांपा नेताओं ने परस्पर निर्णय लिया है कि वे महाराष्ट्र में वैकल्पिक सरकार का गठन करेंगे। उन्होंने कहा, “राकांपा-कांग्रेस-शिवसेना के एक साथ आए बिना यह संभव नहीं है। हम सभी मुद्दों को सुलझाने के लिए बेहतर प्रयास कर रहे हैं। हम यथाशीघ्र और यथासंभव वैकल्पिक सरकार बनायेंगे।”
कांग्रेस और राकांपा के राष्ट्रीय नेताओं ने श्री पवार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ कई बैठकें की है। श्रीमती गांधी ने शिवसेना के साथ गठबंधन के लिए मंजूरी दे दी है , हालांकि उन्होंने सजगता के साथ कदम उठाने के भी निर्देश दिए हैं।