नयी दिल्ली, 12 नवंबर । शिवसेना ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के बारे में निर्णय को लेकर कुछ अतिरिक्त मोहलत नहीं दिए जाने के राज्यपाल के निर्णय के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
शिवसेना ने मामले की त्वरित सुनवाई का भी न्यायालय से अनुरोध किया है। याचिका में महाराष्ट्र सरकार के अलावा कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को भी पार्टी बनाया गया है।
शिवसेना ने माँग की थी कि उन्हें कांग्रेस से समर्थन का पत्र लेने के लिए तीन दिन का और समय दिया जाए।
याचिका में आरोप लगाया है कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इशारों पर काम कर रहे हैं। राकांपा ने आरोप लगाया है कि उसे सरकार बनाने के लिए ज़रूरी वक़्त नहीं दिया गया। राज्यपाल ने जहाँ भाजपा को समर्थन जुटाने के लिए 48 घण्टे का वक़्त दिया, वहीं शिव सेना को महज 24 घंटे मिले।
इस बीच सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने मुख्य न्यायाधीश से पूछा है कि याचिका को सुनवाई के लिए कब सूचीबद्ध करना है।
महाराष्ट्र में राज्यपाल ने किया लोकतंत्र का उपहास: कांग्रेस
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश को कांग्रेस ने लोकतंत्र का ‘उपहास’ अौर सांविधानिक प्रक्रिया के साथ ‘मजाक’ करार दिया है।
कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मंगलवार को एक ट्वीट श्रंखला में कहा कि श्री कोश्यारी ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर लोकतंत्र का उपहास किया है आैर सांविधानिक प्रक्रिया काे मजाक बना दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यपाल ने अपने काम ईमानदारी नहीं दिखाई आैर राजनीति से प्रेरित होकर काम किया।
उन्होेंने कहा कि बोम्मई मामले के अनुसार राज्यपाल ने सांविधानिक प्रक्रिया का उल्लंघन करते हुए चार बड़ी गलतियां की है। बोम्मई मामले के अनुसार सरकार गठन के लिए सबसे बड़ी पार्टी को आमंत्रित करना चाहिए। राज्यपाल को भारतीय जनता पार्टी- शिवसेना गठबंधन या राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी- कांग्रेस गठबंधन को सरकार का गठन करने के लिए बुलाना चाहिए।
राज्यपाल ने अकेली पार्टी को सरकार गठन के लिए आमंत्रित करना शुरू किया। उन्होंने मनमाने ढंग से भाजपा को 48 घंटे तथा शिवसेना को 24 घंटे का समय दिया। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को 24 घंटे का समय भी नहीं दिया और राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर दी।
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश लोकतंत्र की हत्या : माकपा
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की कड़ी आलोचना की है और इसे लोकतंत्र की हत्या बताया है।
पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने मंगलवार को ट्वीट करके कहा है कि जब महाराष्ट्र के राज्यपाल ने राकांपा प्रमुख शरद पवार को आज रात 08:30 बजे तक का समय दिया था तो समय बीतने से पहले ही राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश क्यों कर दी गई।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जम्मू-कश्मीर, मणिपुर, गोवा और उत्तराखंड समेत सभी राज्यों में सरकार बनाने के लिए इसी तरह संघीय ढांचे के नियमों एवं परम्पराओं का उल्लंघन कर लोकतंत्र पर खुलेआम हमले करती रही है। महाराष्ट्र में भी उसने यही किया है।
कांग्रेस को सरकार बनाने का न्यौता क्यों नहीं दिया गया:अशोक चव्हाण
कांग्रेस ने कहा है कि जब सभी राजनीतिक दलों को महाराष्ट्र में सरकार बनाने का न्यौता और समय दिया गया तो फिर कांग्रेस के साथ ऐसा क्यों नहीं किया गया।
श्री चव्हाण ने कहा कि सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी को सबसे पहले समय दिया और उसके बाद शिव सेना को समय दिया गया जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को आज रात साढ़े बजे तक समय दिया गया लेकिन राज्यपाल ने कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित नहीं किया।