मुंबई 13 नवंबर ।महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू होने के ठीक अगले दिन बाद बुधवार को नई सरकार के गठन को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), शिवसेना और कांग्रेस के बीच विभिन्न स्तरों पर कई बैठकों और चर्चाओं का दौर जारी रहा।
शिव सेना के एक नेता के मुताबिक सरकार के गठन को लेकर तीनों संभावित सहयोगियों के बीच मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मंत्रिमंडल के विभागों के वितरण तथा सभी के लिए स्वीकार्य एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम (सीएमपी) जैसे मुद्दों पर टिका है।
तीनों दलों की अलग-अलग विचारधाराओं के बावजूद, अगले पांच वर्षाें के लिए स्थिर और टिकाऊ सरकार देने के मसले पर इनके बीच बातचीत जारी है।
कांग्रेस-राकांपा की समन्वय समिति की बैठक नहीं हुयी:चव्हाण
कांग्रेस नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के बीच समन्वय समिति की बैठक नहीं हुयी।
श्री चव्हाण ने कहा कि आज समन्वय समिति की बैठक होनी थी लेकिन उसके लिए कोई समय या स्थान निर्धारित नहीं था।
कांग्रेस-राकांपा समिति न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनायेगी
कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने बुधवार को एक समिति का गठन किया जो महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिव सेना के साथ न्यूनतम साझा कार्यक्रम को अंतिम रूप देगी।
समिति में कांग्रेस की ओर से अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण, मणिकराव ठाकरे, बालासाहेब थोरात और विजय वडेट्टीवार जबकि राकांपा की ओर से जयंत पाटिल, अजीत पवार, छगन भुजबल, धनंजय मुंडे और नवाब मलिक शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने मामला उठाया था,“ जब तक सामान्य न्यूनतम कार्यक्रम के संबंध में सभी बातें स्पष्ट नहीं हो जातीं तब तक कांग्रेस समर्थन देने की स्थिति में नहीं होगी।”
कांग्रेस ने यह भी कहा कि न्यूनतम साझा कार्यक्रम में चुनाव पूर्व कांग्रेस और राकांपा के चुनावी घोषणा पत्र में किसानों के कर्ज माफी, बेरोजगारी भत्ता, नये उद्योगों में स्थानीय युवाओं के लिए नौकरी का कोटा की बात भी शामिल करनी होगी।